यूक्रैन के बजाय अमरीका ताइवान को तरजीह दे – विश्‍लेषकों का आवाहन

us-priority-taiwan-1वॉशिंग्टन/ताइपे – अमरीका के बायडेन प्रशासन ने यूक्रैन की मौजूदा स्थिति पर ध्यान देने के बजाय ताइवान की सुरक्षा को अधिक तरजीह देनी चाहिये, ऐसा आवाहन विश्‍लेषकों ने किया है| अमरीका के प्रमुख अखबार ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ में प्रसिद्ध हुए एक लेख में यह आवाहन किया गया है|

यूरोप में क्या हो रहा है, इस ओर ध्यान देने के बजाय चीन को एशियाई महाद्विप में वर्चस्व स्थापित करने की क्षमता पाने से रोकने की ज्यादा अहमियत है, ऐसी सलाह इस लेख में दी गई है| पिछले महीने अमरीका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टनंट जनरल किथ केलॉग ने राष्ट्राध्यक्ष बायडेन चीन के सच्चे खतरे का मुकाबला करने के बजाय यूक्रैन पर समय और ताकत जाया क्यों कर रहे हैं, यह सवाल किया था|

us-priority-taiwan-3अमरीका के प्रमुख अखबार ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ में ‘यूक्रैन इज डिस्ट्रैक्शन फ्रॉम ताइवान’ नामक लेख प्रसिद्ध हुआ है| अमरीका के रक्षा विभाग के पूर्व ‘डेप्युटी असिस्टंट सेक्रेटरी’ एल्ब्रिज कोल्बी और अमरिकी वायुसेना के लिए ‘स्ट्रैटेजिक प्लैनर’ के पद पर कार्यरत ओरियाना मैस्ट्रो ने यह लेख लिखा है| रशिया-यूक्रैन तनाव की पृष्ठभूमि पर अमरीका ने अब यूरोप में सैन्य तैनाती करना प्रशासन की बड़ी भूल होगी, यह इशारा कोल्बी और मैस्ट्रो ने दिया है| पैसिफिक क्षेत्र में चीन को रोकने के लिए अमरीका की जो कोशिश जारी है उसमें यूरोप में बढ़ती तैनाती से बाधा निर्माण हो सकती है, इस ओर अमरिकी विश्‍लेषकों ने ध्यान आकर्षित किया है|

‘इंडो-पैसिफिक क्षेत्र खुला एवं मुक्त रखने के लिए अमरीका की कोशिश जारी है और इन कोशिशों की विश्‍वासार्हता बरकरार रखने के लिए ताइवान की रक्षा करना सबसे अहम बात है| ताइवान, यह पैसिफिक की सुरक्षा का पहला चरण है और ताइवान हाथों से गंवा दिया जाए तो अमरीका को जापान और फिलिपाईन्स जैसे देशों की रक्षा करना भी कठिन हो जाएगा| अमरीका और अमरीका के प्रभाव क्षेत्र में अपना सैन्य वर्चस्व दिखाने का अवसर चीन को मिलेगा’, यह चेतावनी भी कोल्बी और मैस्ट्रो ने दी है|

us-priority-taiwan-2अमरीका दूसरे क्षेत्रों में व्यस्त रहा तो ताइवान की सुरक्षा अमरीका के लिए नामुमकिन हो जाएगा| इसी लिए ताइवान ही यूक्रैन से अधिक अहम है, इसका अहसास अमरीका के प्रशासन को होना चाहिए, यह दावा भी ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ के लेख में किया गया है| अमरीका यूरोप में व्यस्त होने पर हमें ताइवान को निगलने का अवसर मिलेगा, इस विचार को चीन ने अपनाना नहीं चाहिये| इसके लिए बायडेन प्रशासन को आवश्यक गतिविधियां करनी पडेंगी, यह इशारा भी कोल्बी और मैस्ट्रो ने दिया|

रशिया-यूक्रैन तनाव पर चीन बारीकी से नज़र रखे हुए है और इसका परिणाम क्या होता है, इस पर चीन ताइवान के प्रति निर्णय ले सकता है, इस तरह के दावे भी माध्यमों में प्रसिद्ध हो रहे हैं| कुछ दिन पहले चीन ने यूक्रैन के मुद्दे पर नाटो और अमरीका की आलोचना करके रशिया का समर्थन किया था| इससे पहले रशिया और चीन के संयुक्त निवेदन में रशिया ने यह स्वीकार किया था कि, ताइवान एक चीन का ही हिस्सा है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.