रशिया यूक्रैन पर हमला कर सकती है – यूरोप को अमरीका का इशारा

russia-ukraine-blinken-3वॉशिंग्टन/मास्को – ‘रशिया के इरादे पुख्या क्या हैं, इस पर बयान करना मुमकिन नहीं। लेकिन, रशिया की रणनीति की हमें कल्पना है। वर्ष २०१४ में रशिया ने जिस तरह से हमला किया था, उसे दोहराने की गलती रशिया कर सकती है और यह बड़ी चिंता की बात होगी’, इन शब्दों में अमरिकी विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन ने यूरोपिय देशों को रशिया के युक्रैन पर होनेवाले संभावित हमले के प्रति इशारा दिया। अमरिकी गुप्तचर यंत्रणाओं ने भी इससे संबंधित जानकारी यूरोपियन यंत्रणाओं से साझा करने का दावा सूत्रों ने किया है। हमारे कारण किसी के लिए भी खतरा नहीं है, यह  बात रशियन सरकार ने स्पष्ट की है।

russia-ukraine-blinken-2यूक्रैन पर लष्करी दबाव बढ़ाने के लिए और तनाव निर्माण करने के लिए रशिया ने युक्रैन की सीमा के करीब ९० हज़ार सैनिक तैनात करने का आरोप युक्रैन के रक्षा मंत्रालय ने बीते हफ्ते किया था। सिर्फ भू-सीमा नहीं, बल्कि ब्लैक सी के समुद्री क्षेत्र में भी रशियन युद्धपोतों की गतिविधियों में बढ़ोतरी होने का दावा युक्रैन ने किया था। यह पूरी तैयारी रशिया के युक्रैन पर होनेवाले नए हमलें के संकेत का बयान यूक्रैन की सरकार एवं पश्‍चिमी विश्‍लेषक कर रहे थे। अमरीका ने दिया यह इशारा इसकी पुष्टी करनेवाला है।

अमरीका यह इशारा दे रही थी तभी युक्रैन के करीबी क्षेत्र में गतिविधियाँ तेज़ होती दिखाई दे रही हैं। बुधवार के दिन नाटो के चार लड़ाकू और गश्‍त विमान ‘ब्लैक सी’ की सीमा में देखे जाने की जानकारी रशिया ने प्रदान की है। इन विमानों पर नज़र रखने के लिए रशिया ने लड़ाकू विमानों को रवाना करने की बात कही गई है। अमरीका के दो युद्धपोत फिलहाल ब्लैक सी में मौजूद है और रशिया ने भी अपने युद्धपोत तैनात किए हैं। इसके साथ ही रशिया ने अपने दो बॉम्बर्स बेलारूस रवाना करने की बात भी सामने आयी है। गुरुवार के दिन रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन और जर्मन चान्सलर एंजेला मर्केल की फोन पर बातचीत हुई और पुतिन ने पश्‍चिमी फौज की गतिविधियाँ उकसानेवाली होने का आरोप लगाया है।

russia-ukraine-blinken-1अमरीका ने रशिया के हमले को लेकर दिए इशारे पर रशियन सरकार ने खुलासा जारी किया है। ‘रशियन सेना की रशिया की सीमा में हो रही गतिविधियों पर चिंता करने का दूसरों को कारण नहीं है। यह बात रशिया ने पहले भी बार-बार कही है। माध्यमों में प्रसिद्ध हुए इशारे बेवजह तनाव बढ़ाते हैं। रशिया की गतिविधियों से किसी को भी खतरा नहीं’, यह बात रशियन राष्ट्राध्यक्ष के प्रवक्ता दिमित्रि पेस्कोव ने स्पष्ट की।

इससे पहले वर्ष २०१४ में रशिया ने युक्रैन पर हमला करके क्रिमिया पर कब्ज़ा किया था। इसके बाद पूर्व युक्रैन के डोनेत्स्क और लुहान्स्क दोनों प्रांतों के कुछ हिस्सों पर भी रशिया के समर्थन से सशस्त्र गुटों ने कब्ज़ा किया है। इस मुद्दे पर पश्‍चिमी देशों ने रशिया पर प्रतिबंध लगाए हैं। क्रिमिया के मुद्दे से पीछे हटने से रशिया ने स्पष्ट इन्कार किया है और इस पर बातचीत नहीं कर सकते, यह भूमिका भी ड़टकर अपनाई है। इस पृष्ठभूमि पर अमरीका का इशारा ध्यान आकर्षित कर रहा है।

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