यूक्रैन के मुद्दे पर विश्‍व को गुमराह करने की कोशिश रशिया कर रही है – अमरिकी विदेशमंत्री का आरोप

वॉशिंग्टन/मासको – ‘यूक्रैन में उकसानेवाली हरकत यदि रशिया ने की तो किसी को इसका अचरज नहीं होगा, ऐसी घटनाओं का इस्तेमाल करके रशिया सैन्य हमलों का समर्थन करेगी। रशिया की इस चालाकी पर ध्यान जाने तक संभवत: काफी देर हो चुकी हो गई होगी’, इन शब्दों में अमरीका के विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन ने रशिया विश्‍व को गुमराह कर रहा है, यह आरोप लगाया। अमरीका के बाद नाटो प्रमुख ने भी रशिया को लेकर यह इशारा दिया और उन्होंने संघर्ष छिड़ने का खतरा सच्चाई में उतरने की संभावना बढ़ने का इशारा दिया है।

russia-misleading-us-blameअगले हफ्ते यूक्रैन समस्या के मुद्दे पर रशिया, अमरीका और नाटो की बैठक होगी। इस बैठक में रशिया ने पेश किए ‘सिक्युरिटी पैक्ट’ पर चर्चा होने की संभावना है। लेकिन, रशिया के इस प्रस्ताव को अमरीका और नाटो ने अनदेखा किया तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं, यह इशारा रशिया ने पहले ही दिया था। साथ ही यूक्रैन की सीमा पर रशिया नहीं, बल्कि यूक्रैन की हुकूमत ही हमें उकसा रही है, यह आरोप रशिया ने लगाया है। इस पर पश्‍चिमी देशों ने आक्रामक स्वर आलापा है।

‘रशिया यूक्रैन पर सिर्फ सैन्य हमला करने की तैयारी जुटा रही है, ऐसा नहीं है। रशिया अब यूक्रैन के लोकतंत्र प्रणाली को कमज़ोर कर रही है। यूक्रैन के व्यापर एवं र्इंधन की आपूति रोकी जा रही है, राजनीतिक नेता एवं जनता पर दबाव ड़ालने की कोशिश हो रही है। यूक्रैन की अहम यंत्रणाओं पर सायबर हमले किए गए हैं। इसके बाद रशिया ने पिछले कुछ महीनों में यूक्रैन की सीमा पर भारी संख्या में सैन्य तैनाती की है। इस पृष्ठभूमि के बावजूद यूक्रैन ही उकसानेवाली हरकतें कर रहा है, ऐसा कहकर रशिया विश्‍व को गुमराह कर रही है’, यह इशारा अमरीका के विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन ने दिया।

इससे पहले, वर्ष २०१४ में भी रशिया ने इसी तरह से गुमराह करके यूक्रैन पर हमला किया था और इसका समर्थन भी किया था, इस ओर अमरिकी विदेशमंत्री ने ध्यान आकर्षित किया। अमरीका के साथ ही नाटो ने रशिया की आलोचना की है। ‘यूक्रैन के मुद्दे पर संघर्ष का विस्फोट होने का खतरा अधिक बढ़ा है। रशिया के आक्रामक हरकतों के कारण यूरोप की सुरक्षा कमज़ोर होती जा रही है’, ऐसा इशारा नाटो के प्रमुख जेन्स स्टॉल्टनबर्ग ने दिया। यूरोप में सशस्त्र तैनाती को लेकर रशिया से चर्चा करने के लिए नाटो तैयार है। लेकिन, इसका निर्णय एकतरफा नहीं होगा, इसका एहसास भी नाटो के प्रमुख ने कराया। ब्रिटेन और फ्रान्स के विदेशमंत्रियों ने भी रशिया की गतिविधियों पर आपत्ति जताई है और यूक्रैन की सीमा पर स्थिति बिगाड़ने की हरकतें रोकने का इशारा दिया है।

रशिया ने यूक्रैन की सीमा पर तकरीबन १ लाख सैनिक तैनात करने का दावा अमरीका और यूक्रैन ने किया है। यह तैनाती यूक्रैन पर नए हमले की तैयारी होने के इशारे पश्‍चिमी नेता एवं विश्‍लेषक दे रहे हैं। लेकिन रशिया ने यह तैनाती हमले के लिए नहीं, बल्कि सुरक्षा के लिए की गई है, यह स्पष्ट किया है।

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