अमरीका और जापान ने किए ‘स्पेस फ्रेमवर्क एग्रीमेंट’ पर हस्ताक्षर

‘स्पेस फ्रेमवर्क एग्रीमेंट’वॉशिंग्टन/टोकियो – अमरीका और जापान ने अंतरिक्ष क्षेत्र का सहयोग अधिक मज़बूत करने के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा और अमरिकी अंतरिक्ष संगठन ‘नासा’ के प्रमुख बिल नेल्सन की मौजूदगी में यह समझौता किया गया। चीन और रशिया अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग बढ़ा रहे हैं और इसकी पृष्ठभूमि पर जापान ने अमरीका के साथ अंतरिक्ष क्षेत्र के सहयोग का नया समझौता करना ध्यान आकर्षित करता है। अमरीका और जापान की हाल ही में आयोजित ‘टू प्लस टू’ चर्चा में अंतरिक्ष से होने वाले और अंतरिक्ष में होने वाले हमलों से निर्माण होते खतरों का मुद्दा अमरीका और जापान के रक्षा समझौते में शामिल करने का निर्णय लिया गया था।

चीन, उत्तर कोरिया और रशिया की आक्रामक गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर जापान ने सभी मोर्चों पर अपनी क्षमता और मुस्तैदी बढ़ाने की गतिविधियां शुरू की हैं। पिछले महीने से जापान ने नई ‘नैशनल सिक्युरिटी स्ट्रैटेजी’ घोषित करने के साथ ही रक्षा खर्च विक्रमी स्तर तर बढ़ाने का निर्णय किया था। इसमें चीन और उत्तर कोरिया को रोकने के लिए विश्व के प्रमुख देशों के सहयोग को मज़बूती देने के संकेत दिए गए हैं। इसी के हिस्से के तौर पर जापान के प्रधानमंत्री और अन्य वरिष्ठ मंत्री अंतरराष्ट्रीय दौरे पर हैं।

ब्रिटेन और फ्रान्स का दौरा करने के बाद प्रधानमंत्री किशिदा अब अमरीका पहुंचे हैं। इस दौरान उन्होंने अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन, उप-राष्ट्राध्यक्षा कमला हैरिस के अलावा कई वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की। साथ ही अमरिकी अंतरिक्ष संगठन ‘नासा’ और ‘जॉन हॉपकिन्स युनिवर्सिटी’ का भी दौरा किया। उनके नासा मुख्यालय पहुंचने पर अमरीका और जापान ने ‘स्पेस फ्रेमवर्क एग्रीमेंट’ पर हस्ताक्षर किए। जापान और अमरीका के बीच पिछले कई दशकों से जारी अंतरिक्ष सहयोग को अधिक मज़बूती प्रदान करना ही इस समझौते का उद्देश्य होने की बात कही जा रही है।

जापान और अमरीका का गठबंधन अधिकाधिक मज़बूत होता जा रहा है और अंतरिक्ष क्षेत्र का समझौता भी द्विपक्षीय सहयोग का दायरा बढ़ाने वाला साबित होगा, ऐसी प्रतिक्रिया जापान के प्रधानमंत्री किशिदा ने इस दौरान व्यक्त की। नए समझौते के अनुसार अमरिकी अंतरिक्ष अभियान में जापान का योगदान बढ़ाया जाएगा और ‘डीप स्पेस’ अभियान में भी जापान का सहयोग लिया जाएगा, ऐसी जानकारी अमरिकी सूत्रों ने प्रदान की। अमरीका के ‘आर्टेमिस’ नामक चांद्र अभियान के ऐलान के बाद इसका समर्थन करनेवाले एवं इसमें शामिल होनेवाले देशों में जापान सबसे आगे था।

पिछले कुछ सालों में चीन और रशिया ने अंतरिक्ष क्षेत्र का सहयोग काफी बड़ी मात्रा में बढ़ाया है और चांद पर अड्डा बनाने करने के लिए दोनों देश साथ मिलने की बात स्पष्ट हुई है। साथ ही चीन के अन्य अंतरिक्ष अभियानों के लिए रशिया तकनिकी सहयोग प्रदान कर रही है। ऐसे में यह भी कहा जा रहा है कि, चीन और रशिया ने अंतरिक्ष में हमले बढ़ना संभव होगा ऐसी तकनीक और यंत्रणा विकसित की है।

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