अमरिकी परमाणु हथियार तैनात करने के जापान के प्रस्ताव से चीन की बेचैनी

us-japan-proposal-china-1बीजिंग – जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो ऐबे ने सुझाव दिया था कि, जापान अमरीका के परमाणु हथियार तैनात करने के बारे में सोचे। इससे चीन चौंक गया है। अमरिकी परमाणु हथियारों की अपने देश में तैनाती करने की माँग करने से पहले जापान इतिहास में झाँक के देखे, ऐसा बयान चीन के विदेश मंत्रालय ने किया है। तथा जापान के नेता ताइवान के बारे में बयान करते समय संभलकर शब्दों का  प्रयोग करें और सावधानी से कृति करें, यह इशारा चीन ने दिया है।

जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो ऐबे ने पिछले हफ्ते रशिया-यूक्रैन संघर्ष से संबंधित अपना बयान दर्ज़ किया था। ताइवान पर चीन फौजी आक्रामकता का प्रदर्शन कर रहा है, ऐसे में चीन में अमरीका द्वारा हो रहे निवेश पर ऐबे ने आलोचना की थी। अमरीका का यह निवेश चीन का उत्साह बढ़ाता है, ऐसी आलोचना ऐबे ने की थी।

इसी बीच, रशिया ने यूक्रैन पर हमला करने के बाद चीन की आक्रामकता अधिक बढ़ने की संभावना ऐबे ने जताई थी। ऐसे निर्णायक दौर में अमरीका की रणनीतिक स्तर अस्थाई भूमिका चीन के लिए फायदेमंद साबित हो रही है, ऐसी फटकार जापान के पूर्व प्रधानमंत्री ने लगाई थी। ताइवान से जापान के योनागुनी द्विप की दूरी मात्र ११० किलोमीटर है और चीन ने ताइवान पर कब्ज़ा किया तो जापान भी असुरिक्षत हो जाएगा, इस ओर ऐबे ने अमरीका का ध्यान आकर्षित किया था।

us-japan-proposal-china-2इसी वजह से जापान की सुरक्षा के लिए ऐबे ने अमरीका से न्युक्लियर शेअरिंग की सिफारीश की थी। जापान इस पर गंभीरता से सोचे, यह आवाहन पूर्व प्रधानमंत्री ऐबे ने किया था। इसके अनुसार अमरीका अपने परमाणु हथियार जापान में तैनात कर सकती है।  परमाणु हथियारों से लैस चीन एवं उत्तर कोरिया जैसे तानाशाहियों से बढते खतरे की पृष्ठभूमि पर ऐबे ने अमरीका से यह शिफारीश करने का दावा विश्‍लेषकों ने किया था।

लेकिन, जापान की इस मांग ने चीन की बेचैनी बढ़ाई है। जापान के नेता ताइवान को लेकर झूठी जानकारी फैला रहे हैं, यह आरोप चीन के विदेश मंत्रालय ने लगाया। तथा, अमरीका से परमाणु हथियारों की तैनाती की माँग करके जापान अपने ही तीन तत्वों का उल्लंघन कर रहा है, यह दावा चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वैंग बेंबिन ने किया।

दूसरे विश्‍वयुद्ध में अमरीका ने परमाणु हमला करने के बाद शरणागत हुए जापान ने भविष्य में परमाणु बम से दूर रहने की नीति अपनाई थी। लगभग आठ दशकों से जापान अपनी इस नीति पर कायम रहा है और ऐबे इससे मूँह मोड रहे हैं, यह आरोप चीन ने लगाया। चीन के सरकारी मुखपत्र ने ऐबे के न्युक्लियर शेअरिंग की माँग की कड़ी आलोचना की।

इसी बीच, पिछले कुछ दिनों से जापान के समुद्री और हवाई क्षेत्र के करीब चीन, उत्तर कोरिया और रशिया की प्रक्षोभक गतिविधियाँ बढ़ रही हैं, यह आरोप जापान ने लगाया है। बुधवार को रशियन सेना के हेलीकॉप्टर्स ने होक्काइदो हवाई सीमा के करीब उड़ान भरने के बाद जापान ने अपने विमान भेजे। इससे पहले उत्तर कोरिया ने बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण करने का वृत्त प्रसिद्ध हुआ था। चीन के विध्वंसकों ने जापान के सेंकाकू द्विपों की सीमा के करीब घुसपैठ की कोशिश की थी। इस ओर जापान की सरकार ध्यान आकर्षित कर रही है। 

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