अमरिकी सेना ने अंतरिक्ष और सायबर क्षेत्र के अलावा ‘स्पेशल ऑपरेशन्स’ के कमांडस्‌‍ को मिलाकर नए ‘ट्रायड’ (Triad) का निर्माण किया

वॉशिंग्टन – अमरिकी सेना ने अंतरिक्ष और सायबर क्षेत्र के अलावा ‘स्पेशल ऑपरेशन्स’ के कमांडस्‌‍ को मिलाकर नए ‘ट्रायड’ का निर्माण किया है। मंगलवार को शुरू किए गए ‘स्पेस ऐण्ड मिसाइल डिफेन्स सिम्पॉसियम’ में यह ऐलान किया गया। ‘सायबर प्रौद्योगिकी और स्पेशल ऑपरेशन्स की कुशलता की सहायता से सेना को अंतरिक्ष क्षेत्र की क्षमता का अधिक प्रभावी इस्तेमाल करना मुमकिन होगा। नई रचना की वजह से निजी स्तर की क्षमताओं का इस्तेमाल अधिक असरदार करना मुमकिन होगा’, इन शब्दों में लेफ्टनंट जनरल डैनियल कार्बलर ने नए ‘ट्रायड’ की जानकारी साझा की। लेफ्टनंट जनरल डैनियल कार्बलर अमरिकी सेना के ‘स्पेस ऐण्ड मिसाइल डिफेन्स कमांड’ के प्रमुख हैं।

‘ट्रायड’प्रगत और बदलती युद्धनीति में अंतरिक्ष, सायबर और स्पेशल ऑपरेशन्स इन तीनों विभागों में कुशलता और क्षमता का एक साथ इस्तेमाल करना रणभूमि पर प्रभावी नीति और अभियान चलाना मुमकिन हो, यही इस नए ‘ट्रायड’ का उद्देश्य है, यह अमरिकी अधिकारी ने स्पष्ट किया। इससे पहले स्ट्रैटेजिक कमांड में काम करने का तजुर्बा रखनेवाले डैनियल कार्बलर ने ही नए ‘ट्रायड’ की कल्पना रखी, यह जानकारी सूत्रों ने प्रदान की। अमरीका के प्रतिद्वंद्वी एक ही समय पर कई मोर्चों से हमले कर रहे हैं और इस पृष्ठभूमि पर तीनों विभागों का एक साथ इस्तेमाल करने की योजना तैयार की गई, ऐसा ‘स्पेस ऐण्ड मिसाइल डिफेन्स सिम्पॉसियम’ में कहा गया।

‘ट्रायड’तीन विभागों की क्षमताओं का एक साथ इस्तेमाल करने से एक ही कमांड के गुटों को सायबर क्षेत्र की सुविधाओं की सुरक्षा संभालने का या ‘इन्फॉर्मेशन वॉरफेयर सेल्स’ तैयार करने का ज़िम्मा संभालना मुमकिन होगा, इन शब्दों में ‘यूएस स्पेस कमांड के वरिष्ठ अधिकारी जेम्स डिकिन्सन ने अपनी भूमिका रखी। अंतरिक्ष क्षेत्र की क्षमता और सायबर एवं स्पेशल ऑपरेशन्स की क्षमताओं का मिश्रण प्रतिद्वंद्वियों को रोकने के लिए नए विकल्प उपलब्ध करा सकता है, यह दावा भी उन्होंने किया। अमरिकी सेना की युद्धनीति में ‘मल्टिडोमेन ऑपरेशन्स’ का समावेश है और इसमें नए ‘ट्रायड’ की भूमिका अहम साबित हो सकती है, इस पर सेना के वरिष्ठ अधिकारी लेफ्टनंट जनरल जॉन ब्राग ने ध्यान आकर्षित किया।

साल के अन्त में अमरिकी सेना का ‘प्रोजेक्ट कन्वर्जन्स २०२२’ नामक बहुउद्देशीय युद्धाभ्यास का आयोजन होगा। इस दौरान ‘ट्रायड’ की कल्पना का इस्तेमाल होगा और इसके लिए प्रशिक्षण देने का काम शुरू हुआ है, यह संकेत सेना अधिकारी ने दिए हैं।

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