नेपाल में भीषण विमान हादसे में ६८ की मौत

काठमांडू – नेपाल की राजधानी काठमांडु से पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की ओर जा रहे यात्री विमान की भीषण दुर्घटना में ६८ यात्रियों की मौत हुई। मृतकों में पांच भारतीय नागरिक और अन्य देशों के दस नागरिकों का समावेश है। इस हादसे के बाद राहत कार्य युद्धस्तर पर शुरू किया गया। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने इस दुर्घटना पर तीव्र शोक व्यक्त किया। गौरतलब है कि, इस विमान के हादसे का स्थान पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण कार्य नेपाल ने चीन के सहयोग से किया था और इसका उद्घाटन महज दो हफ्ते पहले ही हुआ था।

विमान हादसेनेपाल के येती एअरलाइन्स के ‘९ एन-एएनसीएटीआर-७२’ याी६ विमान ने काठमांडु के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से सुबह १०.३३ बजे उड़ान भरी थी। लेकिन, यह विमान पोखरा के नए और पुराने अंतरराष्ट्रीय अड्डे के बीच मौजूद सेती गंड़की नदी के क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हुआ। इस विमान को आग लगने से गिरने के वीडियोज्‌‍ भी प्रसिद्ध हुए हैं।

इस भीषण हादसे में ६८ यात्रियों की मौत हो गई और मृतकों में १० विदेशी नागरिकों के सात ३ नवजात शिशु थे। इस हादसे में ५३ नेपाली, ५ भारतीय और अन्य देशों के १० नागरिकों की मौत हो गई, ऐसी जानकारी हवाई यंत्रणा से संबंधित अधिकारी ने प्रदान की। यह दुर्घटना किस वजह से हुई इसकी जानकारी अभी स्पष्ट नहीं हुई है। लेकिन, खराब मौसम के कारण यह दुर्घटना हुई होगी, ऐसी प्राथमिक संभावना जताई जा रही है। यह विमान गिरने से कुछ सेकंद पहले तक हवाई अड्डे से संपर्क बना हुआ था, ऐसी जानकारी हवाई यंत्रणा से संबंधित अधिकारी ने साझा की है।

दो ही सप्ताह पहले नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड के हाथों पोखरा के इस नए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन किया गया था। इस हवाई अड्डे का निर्माण कार्य चीन ने किया है। इस हादसे के बाद प्रधानमंत्री प्रचंड़ ने शीघ्र ही सरकारी यंत्रणाओं को राहत कार्य शुरू करने के आदेश दिए। साथ ही इस हादसे की जांच के लिए पांच सदस्यों की समिती गठित करने का ऐलान भी किया गया है।

नेपाल में हुए इस भीषण विमान हादसे के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने शोक व्यक्त किया। नेपाल में स्थित भारतीय दूतावास वहां के प्रशासन के संपर्क में है और स्थिति का जायजा ले रहा है। पिछले तीन सालों में नेपाल में पांच विमान दुर्घटनाएं हुई हैं और इसमें ३५० से अधिक लोगों की मौत हुई है।

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