‘नासा’ मंगल ग्रह से छोड़ेगी रॉकेट

मंगल ग्रहवॉशिंग्टन – अमरीका की प्रमुख अंतरिक्ष संस्था ‘नासा’ ने मंगल ग्रह से रॉकेट दागने का ऐलान किया। नासा के ‘मार्स सैम्पल रिटर्न प्रोग्राम’ के तहत यह रॉकेट दागी जाएगी, ऐसा नासा ने कहा है। यह रॉकेट और संबंधित यंत्रणा विकसित करने का कान्ट्रैक्ट अमरीका की ‘लॉकहिड मार्टिन स्पेस सिस्टम्स’ कंपनी को दिया गया है। यह मुहिम सफल होने पर मंगल ग्रह से रॉकेट छोड़नेवाली नासा पहली अंतरिक्ष संस्था बनेगी।

मंगल ग्रहकुछ साल पहले नासा ने मंगल ग्रह के माहौल और ज़मीन की सतह का अध्ययन करने के लिए ‘पर्सिवरन्स’ नामक ‘रोवर’ भेजा था। इस रोवर से प्राप्त हो रहे नमूने धरती पर लाने के लिए नासा ने ‘यूरोपियन स्पेस एजेन्सी’ की सहायता से संयुक्त अभियान की योजना बनाई है। इसके अनुसार नासा साल २०२६ में ‘सैम्पल रिट्रायवर लैण्डर’ लौन्च कर रही है। यह लैण्डर ‘मार्स एसेंट वेहीकल’ (एमएवी) नामक रॉकेट से लैस होगा।

इस रॉकेट की उंचाई १० फीट और चौड़ाई डेढ़ फीट रहेगी। ‘टू स्टेज सॉलिड प्रॉपलंट’ के इस रॉकेट को लौन्च करने के लिए ‘वेक्टर’ तकनीक का प्रयोग किया जाएगा, यह जानकारी ‘लॉकहिड मार्टिन स्पेस सिस्टम्स’ ने साझा की है। ‘सैम्पल रिट्रायवर लैण्डर’ को ही इस रॉकेट के लिए लौन्चपैड के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। मंगल ग्रह से इस रॉकेट के छोड़े जाने के बाद इस पर लगे नमूनों के कंटेनर वहीं की कक्षा में मौजूद ‘यूरोपियन स्पेस एजेन्सी’ के अंतरिक्ष यान से जोड़ा जाएगा, यह जानकारी नासा ने प्रदान की है।

साल २०३३ तक मंगल ग्रह के नमूने धरती पर लाए जाएँगे, यह दावा नासा कर रही है। यह अभियान सफल हुआ तो मंगल ग्रह से रॉकेट लौन्च करनेवाली ‘नासा’ विश्व की पहली अंतरिक्ष संस्था होगी। मंगल पर अंतरिक्ष यात्री भेजने के अभियान के लिए यह एक अहम चरण साबित होगा, ऐसा नासा के प्रमुख बिल नेल्सन ने कहा।

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