अमेरिका की रक्षा निर्यात में ५० प्रतिशत वृद्धि – विदेश विभाग की जानकारी

वॉशिंग्टन – रशिया-यूक्रेन युद्ध और खाड़ी में शुरू संघर्ष की पृष्ठभूमि पर अमेरिका की रक्षा निर्यात में काफी बढ़ोतरी होने की जानकारी विदेश विभाग ने प्रदान की है। अमेरिका के ‘फॉरिन मिलिटरी सेल्स प्रोग्राम’ के तहत वर्ष २०२३ में ८१ अरब डॉलर के समझौते होने की जानकारी ‘ऑफिस ऑफ रिजनल सिक्योरिटी अ‍ॅण्ड आर्म्स ट्रान्सफर’ ने साझा की है। वर्ष २०२२ की तुलना में अमेरिका के ‘फॉरिन मिलिटरी सेल्स’ में ५६ प्रतिशत बढ़ोतरी होने का बयान विदेश विभाग ने तैयार किए रपट से सामने आयी है। इनमें सबसे अधिक रक्षा समझौते यूरोपिय देशों के साथ किए गए हैं और सीर्फ पोलैण्ड ने ही ३० अरब डॉलर के समझौते किए हैं।

भारी मात्रा लगाए प्रतिबंधों के कारण रशिया के रक्षा उद्योग को नुकसान पहुंचा है और ‘ग्लोबल साउथ’ के कई देश ने रशियन हथियारों से दूर होते दिख रहे हैं, इन शब्दों में विदेश विभाग के वरिष्ठ अधिकार मिरा रेस्निक ने अमेरिका की बढ़ती शस्त्र निर्यात की वजह स्पष्ट की।अमेरिका की रक्षा निर्यात में ५० प्रतिशत वृद्धि - विदेश विभाग की जानकारी अमेरिकी प्रशासन कर रहे ‘फॉरिन मिलिटरी सेल्स’ के अलावा अमेरिकी रक्षा कंपनियां एवं अन्य देशों में निजि स्तर के रक्षा समझौते भी किए गए हैं और इन समझौते का कुल मुल्य १५७ अरब डॉलर होने की जानकारी अमेरिकी वेबसाईट ने प्रदान की है।

विदेश विभाग ने किए समझौतों में सबसे आगे पोलैण्ड होने की बात सामने आयी है।अमेरिका की रक्षा निर्यात में ५० प्रतिशत वृद्धि - विदेश विभाग की जानकारी पोलैण्ड ने ‘अपाचे हेलीकॉप्टर’, ‘हाइमार्स रॉकेट सिस्टिम्स’, ‘इंटिग्रेटेड एअर अ‍ॅण्ड मिसाइल डिफेन्स बैटल कमांड सिस्टिम्स’ और ‘अब्राम टैंक’ खरीदने के लिए बड़े समझौते किए हैं। इसके लिए कुल ३० अरब डॉलर के समझौते हुए हैं। इसके बाद यूरोप के जर्मनी, झेक रिपब्लिक और बल्गेरिया ने लगभग २० अरब डॉलर समझौते करने की जानकारी विदेश विभाग ने साझा की। इसके अलावा एशिया के दक्षिण कोरिया और जापान ने भी लगभग सात अरब डॉलर के समझौते करने की जानकारी सामने आयी है।

रशिया और यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हथियारों की मांग लगातार बढ़ रही हैं। वर्ष २०२२ में विश्व में रक्षा क्षेत्र की शीर्ष १०० कंपनियों ने लगभग ६०० अरब डॉलर के हथियारों की बिक्री की है। अमेरिका की रक्षा निर्यात में ५० प्रतिशत वृद्धि - विदेश विभाग की जानकारीइनमें अमेरिकी कंपनियों का वर्चस्व कायम हैं और ४२ अमेरिकी कंपनियों ने ३०० अरब डॉलर से अधिक कमाई की है। यूरोप के ‘सिप्री’ अभ्यास गुट ने इससे संबंधित रपट प्रसिद्ध की है।

रशिया-यूक्रेन युद्ध के बाद खाड़ी में इस्रायल-हमास युद्ध शुरू हुआ और ‘रेड सी’ क्षेत्र में हौथी विद्रोहियों ने हमले शुरू किए हैं। इस पृष्ठभूमि पर हथियारों की मांग बढ़ाने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं और इसका सबसे अधिक लाभ अमेरिका को प्राप्त होने के संकेत विदेश विभाग की रपट से मिल रहे हैं।

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