अमरिका के साथ शुरू व्यापार युद्ध की पृष्ठभुमि पर चीन से डॉलर्स में किये निवेश में कटौती

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बीजिंग – पिछले महिने अमरिकी बांड की की हुई बिक्री ‘वॉर्निंग शॉट’ था, यह माना जा रहा था| इसी में चीन ने अमरिका को और एक झटका दिया है| सितंबर महीने में अमरिकी डॉलर्स में किये निवेश में १४ अरब डॉलर्स की कटौती की है| इस कारण चीन की विदेशी पूंजी भंडार में डॉलर का भाग १.१५ लाख करोड डॉलर तक नीचे पहुंचा है और यह इस वर्ष का सबसे कम स्तर है|

इस महीने के आखिर में हो रही ‘जी २०’ गुट की बैठक में अमरिका और चीन के राष्ट्राध्यक्षों के बीच व्यापार युद्ध के विषय पर चर्चा होगी, ऐसा बताया जा रहा है| इस के पहले अमरिकी नेतृत्त्व ने चीन के विरोध में शुरू कार्यवारी अधिक आक्रामक करने के संकेत दिए है और चीन व्यापार के तरीके में बदलाव किये बिना अमरिका पीछे नही हटेगा, यह उपराष्ट्राध्यक्ष माईक पेन्स इन्होंने हाल ही में कहा था| राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने तो चीन से हो रही पूरी आयात पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी की है, यह ऐलान किया था|

अमरिका की इस आक्रामकता का चीन की अर्थव्यवस्था को बहुत बडा झटका लग रहा है| इस दौरान चीन के पास जादा कुछ विकल्प बचे नही है, यह चर्चा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शुरू हुई थी| इसी दौरान चीन की ओर से अंतरराष्ट्रीय स्टेज पर अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प की व्यापार नीति और उनके एकतर्फी निर्णयों के विषय पर लगातार आलोचना हो रही है| इस पृष्ठभुमि पर चीन का अमरिकी डॉलर्स में किये हुए निवेश में लगातार कटौती करना ध्यान आकर्षित करता है|

अमरिकी कोषागार विभाग और चीन की यंत्रणा ने घोषित की हुई जानकारी के अनुसार पिछले चार महीने में चीन ने लगातार डॉलर्स का निवेष कम कर रहा है| मे महिने में चीन के विदेशी मुद्रा भंडार में १.१८३ लाख करोड डॉलर्स जमा थे| जून, अगस्त और सितंबर महीने में चीन ने लगातार डॉलर्स की बिक्री शुरू रखी है और सितंबर के आखिर तक चीन के कोष में जमा डॉलर्स की राशी १.१५१ लाख करोड डॉलर्स तक नीचे पहुंची है| अमरिका के साथ शुरू व्यापार युद्ध को जवाब के तौर पर चीन अमरिकी बांड की बिक्री कर सकता है, ऐसी चेतावनी चीन के सरकारी वृत्त संस्था, अखबार और विश्‍लेषक दे रहे थे| लेकिन चीन की ओर से इस विषय पर अधिकृत प्रतिक्रिया प्राप्त नही हुई थी|

पिछले चार महिनों में डॉलर्स के निवेश में हुई कटौती, चीन की सत्तापक्ष के नेताओं ने अमरिकी बांड की बिक्री का उपयोग अमरिका को जवाब देने के लिये शुरू किया है, इस जानकारी का समर्थन करती है|

केवल चीन ही नही तो जापान, रशिया, युरोपीय देश, भारत और तुर्की ने भी अमरिकी डॉलर्स में किया निवेश धीरे धीरे कम करने के लिये शुरूआत की है| जापान की विदेशी मुद्रा भंडार में इस वर्ष के शुरूवाती दौर में १.०६५ लाख करोड डॉलर्स जमा थे| लेकिन सितंबर महिने के आखरी दौर में यह डॉलर्स की राशी १.०२८ लाख करोड डॉलर्स तक सीमित रही| २०११ से जापान का डॉलर्स में हुआ यह निवेष का सबसे नीचला स्तर है|

रशिया ने डॉलर्स का निवेश लगभग शून्य तक लाने के संकेत दिए है| आयर्लंड ने जमा अमरिकी डॉलर्स की राशी ३०० अरब डॉलर्स के नीचे लायी है और स्वित्झरलैंड जैसे देश ने पिछले १० महीनों में डॉलर्स में किये निवेश में २५ अरब डॉलर्स की कटौती की है|

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