अमेरिका एवं चीन की अर्थव्यवस्थाएं धीमी पडने का धोखा – निवेशक कैथी वुड का इशारा

us-china-economy-downfall-threat-2वॉशिंग्टन/बीजिंग – आनेवाले तीन से छह महीनों में अमेरिका की अर्थव्यवस्था धीमी होने का धोखा है और चीन की अर्थव्यवस्था को भी फिसलन का फटका लग सकता है, ऐसा इशारा अमेरिका के अग्रिम निवेशक कैथी वुड ने दिया है। तो ब्रिटिश निवेशक जेरेमी ग्रैन्थम ने अमेरिका के शेयर बाजार फिलहार ’सुपर बबल’ के अंतिम चरण में है और आनेवाले कुछ महीनों में शेयर बाजार को कुल ३५ ट्रिलियन डॉलर्स का नुकसान होगा, ऐसी ताकीद की है।

अमेरिका समेत विश्व के प्रमुख देशों पर अब तक कोरोना संक्रमण का साया बरकरार है। अधिकतम देशों में कम या अधिक पैमाने पर लॉकडाऊन एवं अन्य निर्बंध जारी हैं और इसका प्रभाव मांग-पूर्ति पर होता हुआ दिख रहा है। अधिक मांग और कम आपूर्ति की वजह से चीजों की कीमतें बढ रही हैं और कई देशों में महंगाई निर्देशांक उच्चांक स्तर पर जा पहूंचा है। ईंधन के दर में भी बढोतरी होने लगी है और बहुत जल्द ईंधन के दर १०० डॉलर्स प्रति बैरल तक पहुंचने की बात कही जा रही है। इस पृष्ठभूमि पर अमेरिका तथा ब्रिटन के अग्रिम निवेशकों के इशारे ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। 

अमेरिका के कैथी वुड ’आर्क इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट एलएलसी’ नामक कंपनी के संस्थापक हैं। प्रौद्योगिकी पर आधारित उद्योंगों में निवेश करने की इस कंपनी की विशेषता मानी जाती है। वुड ने कंपनी की तिमाही रपट में वैश्विक अर्थव्यवस्था की संभावित उथलपुथल के प्रति सचेत किया है। अमेरिका के लघु एवं दीर्घकालीन ’ट्रेज़री नोट्स’ का व्याजदर तथा धन-वापसी दर्शानेवाला ’यील्ड कर्व’ समतल हो रहा है और यह बात अमेरिका के संभावित मंदी के संकेत होने का दावा कैथी वुड ने किया।

us-china-economy-downfall-threat-1विश्व की दूसरे क्रमांक की अर्थव्यवस्था वाले चीन के रियल एस्टेट क्षेत्र के संकट की ओर भी वुड ने ध्यान आकर्षित किया। इस संकट के कारण चीन की अर्थव्यवस्था मंद पड सकती है, ऐसा इशारा ’आर्क इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट एलएलसी’ के संस्थापक ने दिया। चीन के साथ-साथ विश्व की अन्य उभरनेवाली अर्थव्यवस्थाएं को भी आर्थिक फिसलन का झटका लग सकता है, ऐसा दावा वुड ने किया है। 

वुड के साथ-साथ ब्रिटेन के अग्रिम निवेशक जेरेमी ग्रैन्थम ने अमेरिका के शेयर बाजार के टूटने का इशारा दिया है। पिछले कुछ वर्ष अमेरिका का शेयर बाजार ’सुपर बबल’ में है और यह बबल अब फटने वाला है, ऐसी ताकीद ग्रैन्थम ने की है। अमेरिका समेत अन्य शेयर बाजारों की तेज़ी के पीछे ’फेडरल रिज़र्व’ एवं अन्य मध्यवर्ति बैंकों द्वारा ब्याजदर के प्रति अवलंबित धारणाओं के कारण थी, ऐसा दावा भी उन्होंने किया। 

पर कुछ ही दिनों में फेडरल रिजर्व ब्याजदर बढाने के संकेत हैं और इसका प्रभाव शेयर बाजार पर पडेगा ऐसा जेरेमी ग्रैन्थम ने कहा है। शेयर बाजार के टूटने पर लगभग ३५ ट्रिलियन डॉलर्स का झटका लग सकता है, ऐसा इशारा भी उन्होंने दिया।

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