कोरोना की पृष्ठभूमि पर ‘इंडो-पैसिफिक’ में चीन के वर्चस्व को लगा झटका – ऑस्ट्रेलियन अध्ययन मंड़ल का दावा

china-indopacific-corona-threat-1कैनबेरा/वॉशिंग्टन/बीजिंग – कोरोना की महामारी के कारण इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के वर्चस्व को झटका लगने का दावा ऑस्ट्रेलियन अध्ययन मंड़ल ने किया| तथा इस क्षेत्र की अनिश्‍चितता लगातार बढ़ रही है और इससे युद्ध छिड़ने का खतरा है, ऐसा इशारा भी दिया है| ऑस्ट्रेलियन अध्ययन मंड़ल ने ‘एशिया पॉवर इंडेक्स’ नामक रपट तैयार की है और इसके अनुसार वर्तमान में अमरीका इस क्षेत्र में ताकतवर सत्ता होने की बात भी दर्ज़ है|

ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख अध्ययन मंड़ल ‘लोवी इन्स्टीट्यूट’ ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के २६ देश और क्षेत्रों का जायजा किया| इसके आधार पर बनाई गई रपट में अमरीका आज भी इस क्षेत्र की शीर्ष हुकूमत होने का बयान किया गया है| अमरीका के बाद चीन, जापान, भारत, रशिया और ऑस्ट्रेलिया का ‘इंडो-पैसिफिक’ की महसत्ताओं में इस के तौर पर ज़िक्र किया गया है|

बीते कुछ वर्षों में चीन की वर्चस्ववादी हरकतें बढ़ रही हैं और इसी दौरान अमरीका का प्रभाव कम होता जा रहा था| लेकिन, बीते वर्ष से चीन की ताकत धीरे-धीरे कम होती जा रही है| यह बड़ी अहम बात है, ऐसा इस अध्ययन मंड़ल के संचालक हर्व लेहाहिउ ने स्पष्ट किया| चीन का राजनीतिक और सांस्कृतिक स्तर पर प्रभाव कम हो रहा है और आर्थिक क्षमता एवं भविष्य की साधन संपत्ति की उपलब्धता में भी इस दौरान कमी होने की बात स्पष्ट हुई है|

china-indopacific-corona-threat-2चीन की क्षमता कम हो रही है तभी अमरीका का राजानीतिक प्रभाव और क्षमता में बढ़ोतरी होने का बयान भी अमरिकी अध्ययन मंड़ल ने किया है| इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में फिलहाल तनाव चरम स्तर पर पहुँच चुका है और किसी भी कारण से वहां पर युद्ध छिड़ सकता है| किसी मुद्दे को लेकर अमरीका और चीन के बीच निर्माण हुई कोई गलतफहमी भी इस युद्ध का कारण बन सकती है, ऐसा इशारा ‘लोवी इन्स्टीट्यूट’ ने दिया है| ‘इंडो-पैसिफक’ में फिलहाल जोरदार हथियारों की स्पर्धा जारी होने की ओर भी संचालक हर्व लेमाहिउ’ ने ध्यान आकर्षित किया| साथ ही युद्ध छिड़ने पर सिर्फ दो महासत्ताएं ही नहीं बल्कि, भारत और जापान समेत वियतनाम जैसे छोटे देश भी इस जंग में घसीटे जाएंगे|

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