इंडो-पैसिफिक में बाह्य शक्तियों की दखलअंदाजी रोकना आवश्यक – चीन के राष्ट्राध्यक्ष ने की ‘ऑकस डील’ की आलोचना

बीजिंग – ऑस्ट्रेलिया ने अमेरिका और ब्रिटेन के साथ किए रक्षा सहयोग समझौते की चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने आलोचना की है। इंडो-पॅसिफिक क्षेत्र में बाह्य शक्तियों की दखलअंदाजी रोकना आवश्यक है, ऐसा जिनपिंग ने चेताया। ‘शांघाय कोऑपरेशन ऑर्गनायझेशन’ (एससीओ) की बैठक में अमरीका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया को संबोधित करके यह चेतावनी दी मानी जाती है। नए समझौते के कारण दुनिया भर में परमाणु पनडुब्बियों के लिए होड़ शुरू होगी, ऐसा दावा कम्युनिस्ट पार्टी का मुखपत्र होनेवाले ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने किया है। उससे पहले यह समझौता ऑस्ट्रेलिया को परमाणु युद्ध का लक्ष्य बना सकता है, ऐसा चिनी माध्यमों ने धमकाया था।

indo-pacific-china-akus-2इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की वर्चस्व वादी हरकतों को प्रत्युत्तर देने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापक रक्षा सहयोग समझौता किया गया है। ‘ऑकस डील’ ऐसा नाम होने वाले इस समझौते के अनुसार, अमेरिका और ब्रिटेन ऑस्ट्रेलिया को 8 परमाणु पनडुब्बियों की सप्लाई करने वाले हैं। उसके अलावा लॉन्ग रेंज क्षेपणास्त्र, साइबर तंत्रज्ञान, आर्टिफिशल इंटेलिजन्स, क्कांटम तंत्रज्ञान इन क्षेत्रों में आपसी सहयोग पर भी एकमत हुआ है। अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए इस समझौते का जापान और ताइवान ने स्वागत किया होकर, चीन ने जोरदार आलोचना की है।

पिछले कुछ दिनों में चीन के प्रवक्ता, दूतावास तथा प्रसार माध्यमों द्वारा ‘ऑकस डील’ को लेकर अमरिका और ऑस्ट्रेलिया को लक्ष्य किया जा रहा था। अब ‘एससीओ’ की बैठक में राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने भी ठेंठ उल्लेख न करते हुए ‘ऑकस डील’ की आलोचना की है। यह समझौता यानी बाहरी शक्तियों की दखलअंदाजी होने के संकेत देते हुए जिनपिंग ने, ऐसी दखलअंदाजी रोकना जरूरी है ऐसा चेताया है। उसी समय, हर एक देश अपना विकास और प्रगति अपने ही हाथों से करें, ऐसा मशवरा भी चीन के राष्ट्राध्यक्ष ने दिया है।

indo-pacific-china-akus-1दूसरी ओर चीन के प्रसार माध्यमों ने, परमाणु पनडुब्बी के समझौते की आलोचना करते हुए परमाणु युद्ध और हथियारों की होड़ का मुद्दा उपस्थित करके ऑस्ट्रेलिया तथा अमरीका को धमकाने की शुरुआत की है। ‘परमाणु पनडुब्बियों के समझौते के कारण ऑस्ट्रेलिया परमाणु युद्ध का लक्ष्य बन सकता है’, ऐसा ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने धमकाया है। उसके बाद ऑस्ट्रेलिया को परमाणु पनडुब्बियाँ देने का समझौता करके अमरीका ने दुनिया भर में हथियारों की होड़ को उत्तेजन दिया होने का आरोप भी किया गया है।

‘अमरीका ने किए इस समझौते के कारण, अन्य देश भी परमाणु पनडुब्बियों का तंत्रज्ञान प्राप्त करने के लिए गतिविधियाँ शुरू करेंगे। इस प्रकार के तंत्रज्ञान का हस्तांतरण करने की प्रक्रिया को कानूनी मान्यता मिलेगी। परमाणु पनडुब्बियों का इस्तेमाल सामरिक दृष्टि से अहम साबित होने के कारण तनाव अधिक बढ़ सकता है’, ऐसा दावा चिनी माध्यमों ने किया है। उसी समय, हालाँकि फिलहाल केवल पनडुब्बियों की सप्लाई करने का समझौता किया गया है, फिर भी बाद में उसमें परमाणु अस्त्रों का भी समावेश हो सकता है, ऐसा भी ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने चेताया है।

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