अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बायडेन की चीन के राष्ट्राध्यक्ष से चर्चा

वॉशिंग्टन/बीजिंग – अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने बीते हफ्ते चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग से फोन पर बातचीत की। व्हाईट हाऊस ने यह जानकारी साझा की। इस दौरान राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने कोरोना की महामारी, सायबर हमले और इंडो-पैसिफिक का मुद्दा उठाकर इस पर अमरीका की भूमिका रखी, यह दावा बायडेन प्रशासन और माध्यमों ने किया है। इसी दौरान अमरीका की चीन विषयक नीति की वजह से दोनों देशों में तनाव और संघर्ष की स्थिति निर्माण हुई है, यह आरोप राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने लगाया, ऐसा दावा चीनी माध्यमों ने किया है।

biden_jinping-1बायडेन ने राष्ट्राध्यक्ष पद का ज़िम्मा संभालने के बाद चीन के राष्ट्राध्यक्ष के साथ फोन पर बातचीत का यह दूसरा अवसर है। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ने इससे पहले फ़रवरी महीने में जिनपिंग से फोन पर बातचीत की थी। इसके बाद बायडेन ने चीन संबंधी  कई निर्णयों की कड़ी आलोचना हुई ती। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष चीन की शासक कम्युनिस्ट हुकूमत के झुकाव में निर्णय कर रहे हैं, ऐसे आरोप अमरीका के विपक्ष और विश्‍लेषकों ने लगाए थे।

लेकिन, इसके बाद बीते कुछ महीनों में बायडेन प्रशासन ने चीन विरोधी नीति अधिक आक्रामक करने के संकेत दिए हैं। कोरोना की महामारी के मुद्दे पर चीन की आलोचना, सायबर हमलों का मुद्दा, ताइवान समेत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के विषय पर अमरीका ने अपनाई आक्रामक भूमिका भी उसी का हिस्सा समझा जा रहा है। अमरीका की रक्षा नीति में भी चीन का ज़िक्र सबसे बड़े खतरे के तौर पर किया गया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अमरीका ने अपने मित्रदेशों को एक करके चीन विरोधी गुट स्थापित करने की दिशा में गतिविधियाँ शुरू की हैं।

इसी बीच, अमरीका और चीन के राजनीतिक अफसरों की दो बार बातचीत के दौरान तीव्र विवाद होने का वृत्त प्रसार माध्यमों में प्रसिद्ध हुए थे। महासत्ता होने का दावा छोड़कर अमरीका बराबरी के स्तर पर चर्चा करे और उपदेश ना दे, ऐसा आक्रामक रवैया चीन ने अपनाया था। अमरीका ने अफ़गानिस्तान से वापसी का भी चीन ने बड़ा लाभ उठाया है और अमरीका कमज़ोर हुई है, यह चित्र खड़ा करने लगा है।

इस पृष्ठभूमि पर बायडेन ने चीन के राष्ट्राध्यक्ष से फोन पर बातचीत करना ध्यान आकर्षित कर रहा है। अमरीका और चीन के माध्यमों में साझा की गई जानकारी के अनुसार दोनों नेताओं की यह बातचीत डेढ़ घंटा चली। व्हाईट हाऊस ने जारी किए निवेदन में अमरीका और चीन के बीच जारी संघर्ष में परिवर्तित ना हो, इसके लिए कोशिशों के तहत बायडेन ने जिनपिंग से यह चर्चा की। तो, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन अमरीका की सहायता करेगा या नही, इसी चिंता में बायडेन ने राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग को फोन किया, ऐसा दावा चीनी माध्यम कर रहे हैं।

दोनों देशों यदि साथ मिलकर काम करें तो इसका लाभ संबंधित देशों को और विश्‍व को भी हो सकेगा। और यदि संघर्ष हुआ तो इसके परिणाम पूरे विश्‍व को भुगतने पड़ेंगे, यह इशारा जिनपिंग ने इस दौरान दिया, ऐसा चीनी अखबार ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने कहा है। अमरीका ‘वन-चायना पॉलिसी’ में बदलाव नहीं करेगी, यह वादा भी बायडेन ने किया है, ऐसा ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने अपने वृत्त में कहा है। अमरीका ने अभी इसकी पुष्टी नहीं की है। लेकिन, यदि इस बात में सच्चाई है तो, बायडेन के नेतृत्व में अमरीका अब चीन के सामने झुक रही है, यह आरोप अधिक तीव्र होगा। बायडेन के प्रशासन ने चीन के खिलाफ यकीनन कुछ गतिविधियाँ की हैं, लेकिन वह सब दिखावे तक सीमित थी, यह आरोप बायडेन के विरोधी लगा रहे हैं।

ऐसे आरोपों की तीव्रता बायडेन ने चीन के राष्ट्राध्यक्ष के साथ चर्चा करने के बाद अधिक तीव्र होगी। फिलहाल अमरीका में बायडेन की लोकप्रियता की गिरावट हो रही है और इसका काफी बड़ा झटका बायडेन की डेमोक्रैट पार्टी को लग रहा है। ऐसी स्थिति में भी बायडेन का समर्थन कर रहे माध्यमों का गुट उनके बचाव के लिए उतरा है। लेकिन, अफ़गानिस्तान से सेना की वापसी के बाद अमरीका अपना महासत्ता का रुतबा खोने का गंभीर खतरा सामने होते हुए बायडेन इस मसले पर अमरिकी जनता को विश्‍वास दिलाने में असफल साबित होने की बात स्पष्ट तौर पर दिखाई दे रही है।

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