चीन ने ताइवान पर हमला किया तो जवाब अमरीका समेत मित्रदेश देंगे – अमरिकी विदेशमंत्री का इशारा

china-taiwan-attack-us-allies-2वॉशिंग्टन/ताइपे/बीजिंग – चीन ने ताइवान पर हमला किया तो जवाब अमरीका समेत मित्रदेश देंगे, यह इशारा अमरिकी विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन ने दिया। बीते महीने से अमरीका के नेतृत्व ने ताइवान के मुद्दे पर बात करने का यह तीसरा अवसर है। इससे पहले राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन एवं रक्षामंत्री लॉईड ऑस्टिन ने ताइवान की सुरक्षा को लेकर अमरीका वचनबद्ध होने का बयान किया था। अगले कुछ दिनों में अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग के साथ वर्चुअल बैठक करेंगे, ऐसा वृत्त है। इस पृष्ठभूमि पर विदेशमंत्री ब्लिंकन का यह बयान ध्यान आकर्षित कर रहा है।

अमरीका के ‘न्यूयॉर्क टाईम्स’ अखबार द्वारा आयोजित समारोह में ब्लिंकन से चीन का ताइवान पर हमले पर सवाल किया गया। इसके जवाब में विदेशमंत्री ब्लिंकन ने अमरीका ने पहले अपनाई भूमिका और बयानों का ज़िक्र किया। ‘ताइवान और करीबी क्षेत्र में शांति और स्थिरता की इच्छा वाली अमरीका एकमात्र देश नहीं है। वर्तमान में ताइवान की जो स्थिति हुई है, उसे बदलने की एकतरफा कोशिश की गई तो उसे शांति और सुरक्षा के लिए खतरा समझने वाले कई देश करीबी एवं उसके आगे के इलाकों में भी है। यदि एकतरफा कार्रवाई हुई तो यह देश भी इस पर प्रत्युत्तर देनेवाले कदम उठाएँगे’, इन शब्दों में ब्लिंकन ने अमरीका के साथ अन्य सहयोगी देश चीन को प्रत्युत्तर देंगे, यह इशारा दिया।

china-taiwan-attack-us-allies-1बीते वर्षों से चीन की हुकूमत ताइवान के मुद्दे पर अधिकाधिक आक्रामक होती जा रही है। हाल ही में कम्युनिस्ट पार्टी के एक समारोह में राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने ताइवान के विलयन का मुद्दा उठाया था। इसमें ताइवान का विलय चीन में होगा ही, यह भूमिका उन्होंने ड़टकर रखी थी। इसके बाद चीन में सेना एवं अन्य स्तरों पर भी गतिविधियाँ तेज़ होती दिख रही हैं। कुछ दिन पहले ही राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग को ‘वॉर पॉवर्स’ प्रदान होने का वृत्त भी सामने आया था।

इस पृष्ठभूमि पर अमरीका के साथ अन्य मित्रदेश भी आक्रामक हुए हैं और जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने ताइवान के मुद्दे पर आक्रामक कदम उठाना शुरू किया है। जापान ने ताइवान के करीबी क्षेत्र में नए मिसाइल एवं ‘इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेअर युनिट’ स्थापित करने का ऐलान किया है। ऑस्ट्रेलिया के नेतृत्व ने भी चीन-ताइवान युद्ध होने पर ऑस्ट्रेलिया भी युद्ध में उतरेगा, यह स्पष्ट संकेत दिए हैं। ब्लिंकन ने मित्रदेशों को लेकर किए बयान के पीछे जापान और ऑस्ट्रेलिया ने की हुई पहल की पृष्ठभूमि होने की बात मानी जा रही है।

इसी बीच अमरिकी सांसदों का ताइवान दौरा चीन को बेचैन करनेवाला साबित हुआ है। अमरीका ने ‘वन चायना पॉलिसी’ को स्वीकृति प्रदान की है और ताइवान के साथ राजनीतिक स्तर पर संबंध विकसित ना करें, यह इशारा चीन के विदेश मंत्रालय ने दिया है। अमरिकी सांसद रक्षाबल के विमान से ताइवान में दाखिल होने से उनका यह दौरा विशेष ध्यान आकर्षित करनेवाला साबित हुआ है।

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