ताइवान की सीमा में चीन के विमानों की घुसपैठ

china-planes-intrusion-taiwan-2तैपेई/बीजिंग – चीन के लड़ाकू और गश्ती विमानों ने ताइवान की सीमा में घुसपैठ की। लेकिन ताइवान ने लड़ाकू विमान भेजकर चीन के विमानों को खदेड़ देने की जानकारी ताइवान ने दी है। रशिया की सेना जिस दिन युक्रेन में घुसी, उसी दिन चीन ने भी ताइवान में घुसपैठ की, इस पर अन्तर्राष्ट्रीय माध्यम गौर फरमा रहे हैं। पूरी दुनिया का ध्यान युक्रेन के संघर्ष की ओर लगा है, ऐसे में उसका फ़ायदा उठाकर चीन ताइवान पर हमला कर सकता है, ऐसी गहरी संभावना कुछ सतर्क विश्लेषक जता रहे हैं।

ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने दी जानकारी के अनुसार, चीन के आठ जे-१६ लड़ाकू विमानों ने और वाय-८ इस गश्ती विमान ने गुरुवार को सुबह ताइवान की हवाई सीमा में घुसपैठ की। साउथ चाइना सी के पास होनेवाले ताइवान के प्रातस द्वीपों पर चीन की विमानों ने गश्त की। ताइवान ने फौरन लड़ाकू विमान रवाना किए और हवाई सुरक्षा यंत्रणा भी कार्यान्वित करके चीन के घुसपैठिए विमानों को चेतावनी दी।

china-planes-intrusion-taiwan-1पिछले साल भर में चीन ने ताइवान की हवाई सीमा में अपने विमानों की घुसपैठ तीव्र की है। इसी साल के २३ जनवरी को चीन के ३९ विमानों ने ताइवान की सीमा में घुसपैठ की थी। वहीं, पिछले साल अक्तूबर महीने में चीन के लगभग ५६ लड़ाकू विमानों ने ताइवान की हवाई सीमा का उल्लंघन किया था। ताइवान यह अपना ही सार्वभौम भूभाग होने का दावा करनेवाले चीन ने इस घुसपैठ का समर्थन किया था। यह घुसपैठ यानी साधारण बात ना होकर, यह ताइवान पर कब्ज़ा करने के लिए चीन कर रहा पूर्वतैयारी होने का आरोप पश्चिमी माध्यम और विश्लेषक कर रहे हैं।

चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत से एकनिष्ठ होनेवाले लष्करी विश्लेषकों ने भी राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग को ताइवान पर कब्ज़ा पाने के लिए यह उत्तम मौका होने की बात कही थी। चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी ने ताइवान की दिशा में क्षेपणास्त्रों का रुख किया होने की खबरें भी सामने आईं थीं। वहीं, कुछ दिन पहले रशिया-युक्रेन के बीच के तनावपूर्ण घटनाक्रम की पृष्ठभूमि पर, अमरीका ने ‘इंडो-पैसिफिक स्ट्रॅटेजी’ घोषित की थी। चीन रशिया का अनुकरण करके ताइवान के विरोध में कार्रवाई का कदम उठाएगा, ऐसे दावे इसमें किए गए थे।

ताइवान यह चीन का अविभाज्य भाग होकर उसकी तुलना युक्रेन के साथ नहीं की जा सकती, ऐसा चीन ने हाल ही में कहा था। लेकिन उसी के साथ, चीन अपनी अखंडता के साथ कभी भी समझौता नहीं करेगा, ऐसी चेतावनी भी चीन के विदेश मंत्रालय ने दी थी। इससे यही स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि युक्रेन के संघर्ष का लाभ उठाने की ज़ोरदार तैयारी चीन ने की है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published.