चीन का विरोध और दबाव ठुकराकर ताइवान की स्वदेशी पनडुब्बी का निर्माण करने की गतिविधियॉं

china-taiwan-submarine-development-1ताइपे/लंदन – चीन ने ताइवान पर हमला करने की बड़ी तैयारियॉं शुरू की हैं और ऐसे में ताइवान ने भी चीन को प्रत्युत्तर देने के लिए तेज़ गतिविधियॉं शुरू की हैं| स्वदेशी लड़ाकू विमान और मिसाइलों का निर्माण करने के बाद ताइवान ने अब अपना ध्यान स्वदेशी पनडुब्बियों की ओर मोड़ा है| बीते दशक से ताइवान ने स्वदेशी पनडुब्बी का निर्माण करने की कोशिश शुरू की है| ताइवान की इन कोशिशों में अमरीका और ब्रिटेन समेत सात देश शामिल है| इससे संबंधित वृत्त सार्वजनिक होने के बाद ताइवान ने पनडुब्बी के कार्यक्रम के लिए सहयोग करने वाले देशों के प्रति आभार व्यक्त किया|

चीन ने बीते वर्ष से ही ताइवान पर हमला करने की तैयारी को गति प्रदान की है| राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग के बयान, पीपल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा लगातार किए जा रहे है युद्धाभ्यास और बढ़ती तैनाती, ‘ग्रे ज़ोन वॉरफेअर’ की बढ़ती तीव्रता और प्रसारमाध्यमों के धमकाने से इसकी पुष्टी हो रही है| इस वजह से ताइवान के साथ अंतरराष्ट्रीय समूदाय की बेचैनी बढ़ी है| किसी भी क्षण चीन और ताइवान के बीच युद्ध छिड़ सकता है, ऐसे इशारे अंतरराष्ट्रीय स्तर के माध्यम एवं विश्‍लेषक भी दे रहे हैं|

china-taiwan-submarine-development-3इस पृष्ठभूमि पर ताइवान भी अपनी रक्षा तैयारी बढ़ाने के लिए कदम उठा रहा है| स्वदेशी पनडुब्बियों का बेड़ा भी इसी का हिस्सा है और राष्ट्राध्यक्ष त्साई ईंग-वेन की मौजूदगी में बीते वर्ष इन पनडुब्बियों का निर्माण शुरू किया गया| यह घटना ताइवान के लिए ऐतिहासिक क्षण साबित हुआ है| इसकी वजह है बीते दो दशकों से ताइवान अपनी नौसेना के लिए पनडुब्बी खरीदने या निर्माण करने की कोशिश कर रहा है| लेकिन, चीन का बढ़ता प्रभाव और दबाव की वजह से कई प्रगत देशों ने ताइवान को सहायता करने से इन्कार कर दिया था|

लेकिन, राष्ट्राध्यक्षा त्साई ईंग-वेन ने सरकार का पदभार संभालने के बाद इसके लिए विशेष पहल की| विश्‍व की प्रमुख कंपनियों से सीधे संपर्क करके सहयोग का आवाहन किया| लगभग दो वर्षों तक इसके लिए कोशिश करने के बाद ताइवान की इन कोशिशों को कामयाबी हासिल हुई| इसी दौरान अमरीका और ब्रिटेन समेत अन्य देशों ने पनडुब्बी के निर्माण में ताइवान की सहायता करने की तैयारी दिखाई है| ब्रिटीश नौसेना के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी कमोडोर इआन मैक्घि और जिब्राल्टर की इस्रायली कंपनी ‘गैवरॉन लिमिटेड’ ने ताइवान की पनडुब्बी योजना को सहायता देने में अहम भूमिका निभाने की बात सामने आयी है|

china-taiwan-submarine-development-2अमरीका और ब्रिटेन के अलावा जापान, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, भारत, स्पेन और कनाड़ा के पूर्व अधिकारी एवं तकनीकी पर्सन ताइवान के पनडुब्बी कार्यक्रम का हिस्सा होने की बात कही जा रही है| अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने पनडुब्बि से संबंधित तकनीक ताइवान को प्रदान करने का रास्ता खोलने का निर्णय किया था| इसके बाद अमरीका की ‘लॉकहिड मार्टिन’ और ‘रेथॉन’ कंपनियों ने ताइवान के साथ तकनीक एवं रक्षा यंत्रणा से संबंधित समझौते किए| इनमें पनडुब्बी के लिए आवश्यक अहम सोनार तकनीक का भी समावेश है|

ताइवान २०२५ में पहली स्वदेशी पनडुब्बी नौसेना में शामिल करेगा, ऐसा कहा जा रहा है| तब तक चीन इस कार्यक्रम को रोकने के लिए लगातार कोशिश करेगा, यह ड़र ताइवान को सता रहा है| इस कार्यक्रम में ताइवान की सहायता करनेवाले देशों को चीन ने पहले ही धमकाया है| ताइवान की सहायता करनेवाले आग से खेल रहे हैं और एक दिन उनके हाथ इसी आग में झुलस सकते हैं, यह इशारा चीन के प्रवक्ता ने दिया| इस इशारे के बाद भी ताइवान ने अपना कार्यक्रम जारी रखने का निर्धार जताया है| ताइवान के सांसदों ने अन्य देशों के प्रति आभार भी व्यक्त किया है|

फिलहाल ताइवान के बेड़े में सिर्फ ४ पनडुब्बियॉं हैं और इनमें से २ नेदरलैण्डस् ने प्रदान की हुई ‘सी ड्रैगन’ वर्ग की है|

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