टूटी बैंकिंग व्यवस्था से अफ़गानिस्तान कभी भी ढ़ह सकता है – ‘रेडक्रॉस’ का इशारा

afghan-banking-system-4निव्हा/काबुल – तालिबान ने सत्ता हथियाने के मात्र छह महीनों के भीतर ही अफ़गानिस्तान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ढ़हने की कगार पर जा पहुँची है, ऐसा गंभीर इशारा ‘रेडक्रॉस’ ने दिया है| अफ़गानिस्तान की बैंकिंग व्यवस्था पूरी तरह से ढ़ह गई है और आर्थिक कारोबार के लिए ‘हवाला’ जैसे अवैध मार्ग का इस्तेमाल करना पड़ रहा है, इस स्थिति की ओर ‘रेडक्रॉस’ ने ध्यान आकर्षित किया है| तालिबानी हुकूमत में अफ़गानिस्तान वैश्विक बैंकिंग व्यवस्था से अलग हुआ है और इसके भयंकर परिणाम इस देश को भुगतने पड़ रहे हैं, यह रेडक्रॉस के इशारे से दिख रहा है|

afghan-banking-system-2अफ़गानिस्तान की लगभग ९.५ अरब डॉलर्स की निधि अमरीका ने कुर्क की है| साथ ही यूरोपिय महासंघ, वैश्‍विक बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष एवं अन्य वित्तसंस्थाओं ने अफ़गानिस्तान से सरकार को प्रदान हो रही सहायता भी रोकी गई है| इस वजह से अफ़गानिस्तान आर्थिक स्तर पर दिवालिया हो गया है और देश में जीवन आवश्यक सामान के साथ अनाज की बड़ी किल्लत निर्माण हुई है| अफ़गानिस्तान में सक्रिय अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवी संस्थाएं एवं भारत, चीन, पाकिस्तान जैसे देशों से उपलब्ध हो रही अलग-अलग सहायता के आधार पर फिलहाल अफ़गानिस्तान में कारोबार जारी होने की बात मानी जा रही है|

afghan-banking-system-1फिलहाल अफ़गानिस्तान की रोकड़ की किल्लत है और बैंकों के साथ उद्योग भी बंद होने लगे हैं| विदेशी अनुदान प्राप्त करनेवाली अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवी संस्थाओं को भी इससे नुकसान होने लगा है और रेडक्रॉस का यह इशारा इसी का हिस्सा है|

afghan-banking-system-3‘अफ़गानिस्तान के पांच लाख सरकारी कर्मचारीयों को पिछले कुछ महीनों से वेतन नहीं मिला है| हमारे कर्मचारियों को वेतन देने के लिए हवाला जैसे मार्ग का इस्तेमाल करना पड़ रहा है| अफ़गानिस्तान की बैंकिंग व्यवस्था पूरी तरह से ढ़ह चुकी है| सेंट्रल बैंक फिलहाल कार्यरत नहीं है’, ऐसा इशारा रेडक्रॉस के महासंचालक रॉबर्ट मार्डिनी ने दिया|

‘हवाला जैसी व्यवस्था का इस्तेमाल करके देश चलाया नहीं जा सकता| राजनीतिक बातचीत से हल निकालना ही पडेगा| लेकिन, समय निकला जा रहा है’, यह इशारा भी उन्होंने इस दौरान दिया| रेडक्रॉस ने अफ़गानिस्तान के लिए १६ करोड़ डॉलर्स से अधिक निधि उपलब्ध कराई है और पांच करोड़ डॉलर्स की अतिरिक्त सहायता के लिए धनिकों से आवाहन किया है, ऐसा मार्डिनी ने कहा|

इस वर्ष के जून तक अफ़गानिस्तान की ९७ प्रतिशत जनता गरीबी की रेखा से नीचे चली जाएगी, यह इशारा ‘युनाइटेड नेशन्स डेवलपमेंट प्रोग्राम’ ने दिया था| इसके अलावा ‘फुड ऐण्ड एग्रिकल्चरल ऑर्गनाइजेशन’ (एफएओ) ने दो करोड़ से अधिक अफ़गान नागरिकों को मानवीय सहायता की आवश्यकता होने का दावा किया था|

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