यूक्रेन युद्ध और चीन की वजह से जापान की सुरक्षा के लिए खतरा बढ़ रहा है

टोकियो – ‘पूर्व यूरोप में छिडे यूक्रेन युद्ध पर और ताइवान संबंधित चीन की गतिविधियों पर जापान बारिकी से नज़र रखे हुए है क्योंकि, इन दोनों गतिविधियों की वजह से जापान की सुरक्षा को लंबे समय के लिए खतरा बढ़ रहा है’, ऐसा इशारा जापान के सालाना रक्षा रपट में दिया गया है। साथ ही अपनी रक्षा तैयारी बढ़ाने के लिए जापान जल्द ही लंबी दूरी के मिसाइल्स खरीद सकता है, यह संकेत भी इससे दिए गए हैं। इसी बीच, जापान के इस श्वेत पत्र की वजह से चीन की बौखलाहट हुई है। अपनी सेना का विस्तार करने के लिए जापान कारण बता रहा है, यह आरोप चीन ने लगाया है।

जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा ने पारित किया जापान की सेना का सालाना श्वेत पत्र शुक्रवार को सार्वजनिक किया गया। हर वर्ष की तरह जापान ने इस रपट में अपनी सुरक्षा के लिए होनेवाले खतरों का ज़िक्र किया। साथ ही इन खतरों के विरोध में तैयारी करने के लिए जापान की नीति की जानकारी श्वेत पत्र में साझा की गई है। लेकिन, इस वर्ष की रपट में जापान ने रशिया-यूक्रेन युद्ध और रशिया-चीन के सैन्य सहयोग का प्रमुखता से ज़िक्र किया।

यूक्रेन युद्धयूक्रेन में जारी युद्ध के परिणाम लंबे समय तक जापान एवं इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भी महसूस होंगे। रशिया की आक्रामकता को बर्दाश्त किया तो एकतरफा कार्रवाई करके एशिया की मौजूदा स्थिति में भी बदलाव करना मुमकिन होगा, ऐसे गलत संकेत जाएंगे, ऐसा इस श्वेत पत्र में कहा गया है। स्पष्ट ज़िक्र किए बिना रशिय ने यूक्रेन में की कार्रवाई की वजह से चीन भी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में इसी तरह से आक्रामकता दिखा सकता है, ऐसे संकेत जापान की सेना की रपट में है।

कुछ दिन पहले जापान के प्रधानमंत्री किशिदा ने ‘आज यूक्रेन और कल पूर्व एशिया पर हमला होगा’, ऐसा कहकर पूरे विश्व का ध्यान आकर्षित किया था।

यूक्रेन युद्धशुक्रवार को जारी किए गए सेना के श्वेत पत्र में जापान के रक्षा मंत्रालय ने चीन से ताइवान की सुरक्षा को बना खतरा रेखांकित किया। वैश्विक सत्ता केंद्र बदल रहा है, विभिन्न देशों में होड़ लगी है और ऐसे दौर में चीन की आक्रामक सैनिकी तैयारी की वजह से विश्व स्तर का गणित अधिक जटिल हो रहा है, ऐसा इस रपट में बयान किया गया है।

ताइवान की सुरक्षा को पहले भी चीन से खतरा था। लेकिन रशिया के यूक्रेन पर हमले की वजह से चीन का खतरा अधिक बढ़ा है। ऐसे में ही ताइवान के मसले को लेकर अमरीका और चीन के बीच बढ़ रहा विवाद भी इस क्षेत्र में तनाव बढ़ा रहा है। पिछले साल से चीन के लड़ाकू विमानों ने ताइवान के वायु क्षेत्र में घुसपैठ करने की मात्रा भी बढ़ी है, इस ओर श्वेतपत्र ने ध्यान आकर्षित किया।

आनेवाले समय में चीन ने यदि ताइवान पर हमला किया तो इससे सीधे जापान को भी खतरा होगा, यह इशारा इस रपट ने दिया। ताइवान पर होनेवाले चीन के हमले की वजह से पहले भी जापान में आपात्काल का ऐलान हो सकता है, यह इशारा पहले भी दिया गया था। इस दौरान जापान के दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री एबे शिंजो ने अमरीका के सामने ताइवान की सुरक्षा को लेकर पुख्ती भूमिका अपनाने की माँग की थी।

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