चीन की वर्चस्ववादी नीति की पृष्ठभूमि पर जापान एवं इटली में संरक्षण सहयोग मजबूत करने पर एकमत

टोकियो/रोम – इंडो-पैसिफिक क्षेत्र समेत एशिया खंड के चीन के बढते वर्चस्ववादी कार्यवाईयां को रोकने के लिए जापान ने जोरदार गतिविधियां शुरु की हैं। इसके लिए जापान ने युरोपिय देशों के साथ आघाडी तैयार करने की कोशिश शुरु की है। मंगलवारे को इटली के संरक्षणमंत्री ने जापान का किया हुआ दौरा इसी का एक हिस्सा माना जाता है। इस भेंट में दो देशों के बीच संरक्षण सहयोग मजबूत करने पर सहमति होने की जानकारी सूत्रों ने दी है।

संरक्षण सहयोगकोरोना का संक्रमण, हाँकाँग में कानून एवं साऊथ चायना सी में गतिविधियां इनकी वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन के प्रति असंतोष बढने लगा है। चीन के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध रखनेवाले और व्यापारी भागीदार युरोपिय देश भी चीन के खिलाफ आक्रामक भूमिका अपनाने लगे हैं। युरोप के आघाडी देशों ने चीन के खिलाफ निति बदलने के संकेत दिए हैं। इसका लाभ जापान ने उठाया है और चीन के खिलाफ आघाडी का विस्तार करने की कोशिश शुरु की है। पिछले दो वर्षों में चीन के मुद्दे पर ब्रिटेन, फ्रान्स और जर्मनी जैसे आघाडी के युरोपिय देशों के साथ जापान को सहयोग स्थापित करने में सफलता मिली है। इटली के साथ सहयोग इसी का अगला पडाव दिख रहा है।

पिछले वर्ष इंडो-पैसिफिक के मुद्दे पर जापान में भारत-इटली-जापान की त्रिपक्षीय बैठक हुई थी। तत्पश्चात दिसंबर में जापान के विदेशमंत्री ने युरोप दौरे के दौरान इटली के विदेशमंत्री से भेंट की थी। जापान एवं इटली के हवाईदलों के बीच सीधा सहयोग करार भी हुआ है और जापान के लडाकू वैमानिकों को इटली में प्रशिक्षण दिया जाता है। इस पृष्ठभूमि पर इटली के संरक्षमंत्री लॉरेंज़ो गुरिनी का जापान दौरा महत्वपूर्व माना जाता है।

जापान संरक्षमंत्री नोबुओ किशी एवं इटली के गुरिनी के बीच इंडो-पैसिफिक क्षेत्र, संयुक्त लश्करी अभ्यास एवं संरक्षण प्रणाली क्षेत्र के सहयोग के मुद्दों पर चर्चा होगी। इटली ने जापान को नए लडाकू विमान विकसित करने के प्रकल्प में सहायता करने का प्रस्ताव भी रखने की बात सूत्रों ने कही। इससे पहले जापान ने लडाकू विमानों के इंजिन विकसित करने के लिए करार किया था। इटली ने इसमें शामिल होने के बारे में दिया हुआ प्रस्ताव ध्यान आकर्षित करता है। आगले महीने जापान के प्रधानमंट्री फुमियो किशिदा युरोप के दौरे पर जाने के संकेत दिए गए हैं। इस दौरे में वे इटली को भेंट देंगे ऐसी संभावना की जानकारी जापानी सूत्रों ने दी।

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