युक्रेन ने लुहान्स्क के बच्चों पर जैविक शस्त्र का प्रयोग किया था – रशियन सेना का गंभीर आरोप

मॉस्को – सन २०२० में राष्ट्राध्यक्ष ज़ेलेन्स्की की सरकार ने युकेन के लुहान्स्क में बच्चों पर टीबी के विषाणुओं का प्रयोग करके देखा था। युक्रेन के लुहान्स्क भाग की जनता रशियासमर्थक मानी जाती है। इसी लिए यहां के बच्चों का ऐसे जैविक शस्त्रों के प्रयोग के लिए, प्रयोगशाला के चूहों की तरह इस्तेमाल किया गया, रशिया ने ऐसी तीखी टीका की है।

डेढ महीना पहले रशिया ने युक्रेन के बायोलैब्स जैविक प्रयोगशालाओं की धोखादाई जानकारी उजागर की थी। रशिया ने आरोप लगाया था कि, अमेरिका द्वारा २२ करोड डॉलर्स की फंडिंग प्राप्त की हुई प्रयोगशालाओं में जैविक शस्त्रों का निर्माण हो रहा है। इसके सबूत अपने पास होने की बात रशियन संरक्षण मंत्रालय के ‘रेडिओऐक्टिव, केमिकल ऐण्ड बायोलॉजिकल प्रोटेक्शन फोर्सस’ के प्रमुख लेफ्टनंट जनरल इगोर किरिलोव ने घोषित की थी। 

दो दिन पहले माध्यमों को जानकारी देते हुए किरिलोव ने युक्रेन की सना अपने ही जनता के खिलाफ विषाणुओं का इस्तेमाल कर रही है, ऐसा आरोप लगाया था। सन २०२० में युक्रेन की पूर्व की ओर स्थित लुहान्स्क प्रांत के स्टेपोवो गांव के बच्चों पर टीबी के निहायत घातक विषाणुओं का प्रयोग किया। बनावटी नोटों के आकार में बनाई गई पत्रिकाओं पर टीबी के विषाणु छोडे गए थे। युक्रेन की सेना ने स्टेपोवो गाव के बच्चों में यह पत्रिकाएं बांटी थीं, ऐसा दावा किरिलोग ने किया।

रशियन सेना ने इन पत्रिकाओं का अध्ययन करने के बाद इन पर टीबी के विषाणु पाए गए हैं। इन विषाणुओं की औषधि बहुत महंगी है और इसे पाना भी मुश्किल होने की बात किरिलोव ने कही। किरिलोव ने लुहान्स्क प्रांत के ’सैनिटरी ऐण्ड एपिडेमोलॉजीकल स्टेशन’ ने ही तैयार किए हुए अहवाल का उल्लेख किया। इसके अनुसार, स्टेपोवो गांव से पाई गई पत्रिकाओं पर पाए गए विषाणु प्रयोगशाला में तैयार किए जाने की बात कही गई थी। तो, लुहान्स्क के एक दवाखाने ने भी उक्त पत्रिकाओं पर मानवनिर्मित विषाणुओं का फिलाव किया गया होगा, ऐसी संभावना जताई थी, ऐसे दावे किरिलोव ने किए हैं।

अमेरिका ने जैविक शस्त्रास्त्रों के निर्माण करनेवाली प्रयोगशालाएं युक्रेन में उभारने का आरोप रशिया पहले से लगाती रही है। इसके सबूत अपने पास हैं और कुछ सबूत रशिया ने युक्रेन पर हमले करनेवाले दिन अमेरिका ने यह बात स्पष्ट की ऐसा रशिया ने कहा था। एसी कुल ३० प्रयोगशालाएं युक्रेन में हैं और उन्हे अमेरिका से फंडिंग की जा रही है, ऐसा कलंक रशिया ने युक्रेन के युद्ध छिडने के बाद लगाया था। 

युक्रेन की जैविक प्रयोगशालाओं में प्लेग, एंथ्रैक्स, कॉलेरा, ट्युलारेमिया और कुछ अन्य जहरीले विषाणुओं पर संशोधन जारी होने का आरोप रशिया के संरक्षण मंत्रालय ने लगाया था। अमेरिका को रशिया की सीमा के करीब युक्रेन में ही जैविक शस्त्रनिर्माण की प्रयोगशाला क्यों शुरु करनी पडी, ऐसा सवाल रशिया ने पूछा था।

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