पश्चिमी देशों द्वारा पर्याप्त हथियारों की आपूर्ति ना होने से ‘काउंटर ऑफेन्सिव’ विफल – राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमीर झेलेन्स्की का दावा

किव – यूक्रेन ने रशिया के विरोध में शुरू किया ‘काउंटर ऑफेन्सिव’ विफल होने के दावे रशिया समेत पश्चिमी देश भी कर रहे हैं। इस वजह से यूक्रेन के शासकों पर दबाव बढ़ा हैं और उन्होंने भी नाकामी कबुल करना शुरू किया है। यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमीर झेलेन्स्की ने भी अब ‘काउंटर ऑफेन्सिव’ विफल होने की बात स्वीकार की है। लेकिन, इसके लिए पश्चिमी देशों द्वारा हुई हथियारों की अपर्याप्त आपूर्ति और प्रशिक्षण में हुई देरी ज़िम्मेदार होने का बयान उन्होंने किया है।

पश्चिमी देशों द्वारा पर्याप्त हथियारों की आपूर्ति ना होने से ‘काउंटर ऑफेन्सिव’ विफल - राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमीर झेलेन्स्की का दावापिछले महीने यूक्रेन ने रशिया के विरोध में ‘काउंटर ऑफेन्सिव’ शुरू किया था। इसके बाद एक महीने से भी अधिक समय बीत चुका है और फिर भी यूक्रेन की सेना को विशेष सफलता हासिल करना मुमकी नहीं हुआ है। डोनेत्स्क-झैपोरिझिआ की सीमा के कुछ गावों के अलावा अधिक आगे बढ़कर कामयाबी हासिल करने की सफलता भी यूक्रेन को नहीं मिली है। यूक्रेन के यह जवाबी हमले नाकाम होने की आलोचना पश्चिमियों द्वारा होने लगी है। ‘यूक्रेन ने यह अभियान शुरू करने के कुछ हफ्ते बाद भी रशिया की बढ़त कायम है। यूक्रेन को अभी तक विशेष सफलता हासिल होती नहीं दिखी है’, ऐसा बयान नाटो के सर्वोच्च अधिकारी जनरल ख्रिस्तोफर कैव्होली ने हाल ही में किया था।

रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन एवं रक्षा मंत्री सर्जेई शोईगू ने पिछले कुछ दिनों में यूक्रेन के इस ‘काउंटर ऑफेन्सिव’ की विफलता की जानकारी ही बयान की है। पश्चिमी देशों द्वारा पर्याप्त हथियारों की आपूर्ति ना होने से ‘काउंटर ऑफेन्सिव’ विफल - राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमीर झेलेन्स्की का दावायूक्रेन की सेना ने कुल २६ हजार से भी अधिक सैनिकों को इस दौरान खोया है और यूक्रेन की मूर्खता से ही वह मारे गए हैं, ऐसी फटकार राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने लगाई थी। पश्चिमी देशों ने प्रदान किए उन्नत हथियार भी नाकाम होने का बयान पुतिन ने किया था। पश्चिमी देशों के प्रमुख माध्यम, विश्लेषक और पूर्व सेना अधिकारी भी यूक्रेन की असफलता पर लगातर बयान कर रहे हैं।

इस पृष्ठभूमि पर अब राष्ट्राध्यक्ष झेलेन्स्की भी ‘काउंटर ऑफेन्सिव’ की विफलता की कबुली देने के लिए मज़बूर हुए हैं। लेकिन, उन्होंने इस विफलता का ठिकरा पश्चिमी देशों पर फोड़ा है। हथियारों की अपर्याप आपूर्ति और प्रशिक्षण की कमी ही इस असफलता की वजह होने की बात झेलेन्स्की ने कही है।

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