ईरान के परमाणु समझौते पर पश्‍चिमि देशों ने अपनाई सख्त भूमिका का इस्रायल ने किया स्वागत

जेरूसलम – अमरीका और यूरोपिय देश ईरान के साथ परमाणु समझौता करने के लिए तैयार ना होने के उत्साहवर्धक संकेत प्राप्त हो रहे हैं, ऐसा इस्रायल के प्रधानमंत्री येर लैपिड ने कहा है। एक दिन पहले फ्रान्स, ब्रिटेन और जर्मनी यूरोप के यह ‘ई-३’ के नाम से जाने जा रहें बड़े देशों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर आशंका जतायी थी। करीबी दिनों में ईरान के साथ परमाणु समझौता नहीं हो सकता, ऐसा इन देशों ने स्पष्ट कहा था। इस पर संतोष व्यक्त करते हुए इस्रायल के प्रधानमंत्री ने यह हमारी सरकार के राजनीतिक अभियान को मिली हुई जीत होने का बयान किया है। पर, अब भी इस मुद्दे पर इस्रायल को लंबी दूरी तय करनी है, यह दावा प्रधानमंत्री येर लैपिड ने किया।

कुछ हफ्ते पहले ईरान का परमाणु समझौता नज़र के दायरे में होने की बात अमरीका और यूरोपिय देशों ने कही थी। लेकिन, इस परमाणु समझौते के लिए ईरान की शर्तें मंजूर नहीं हैं, ऐसा कहकर अमरीका और ‘ई-३’ देशों ने इस पर ईरान को सख्त शब्दों में आगाह किया है। इसकी वजह से यह परमाणु समझौता फिलहाल नहीं होगा, ऐसे संकेत प्राप्त हो रहे हैं और इस्रायली प्रधानमंत्री ने इस बात को बड़ी अहमियत दी है। आक्रामक भूमिका अपनाए बिना इस्रायल की सरकर ने राजनीतिक स्तर पर ईरान के परमाणु समझौते से इस्रायल को होनेवाले खतरे को रेखांकित किया। इसे अमरीका और ई-३ देशों से रिस्पान्स प्राप्त हुआ, यह कहकर प्रधानमंत्री येर लैपिड ने इस पर संतोष व्यक्त किया।

इसी बीच, ईरान के झूठ के कारण इस परमाणु समझौते की प्रक्रिया आगे बढ़ी थी, ऐसी आलोचना इस्रायली गुप्तचर संस्था मोसाद के प्रमुख डेविड बर्नी ने की। ईरान परमाणु कार्यक्रम इस्रायल का अस्तित्व मिटाने के लिए ही चला रहा था। अमरीका और यूरोपिय देशों ने परमाणु समझौता किया होता तो अंतरराष्ट्रीय वैधता के आधार पर ईरान ने अपने इस परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ाया होता, यह दावा बर्नी ने किया। लेकिन, यह परमाणु समझौता होता तब भी इस्रायल की मोसाद की गतिविधियों से ईरान का यह परमाणु कार्यक्रम सुरक्षित नहीं रह पाता, ऐसी कड़ी चेतावनी भी मोसाद के प्रमुख ने दी है। एक युनिवर्सिटी द्वारा आयोजित समारोह में बोलते हुए मोसाद के प्रमुख ने यह चेतावनी दी।

ईरान के परमाणु कार्यक्रम की सच्चाई को इस्रायल अनदेखा नहीं कर सकता। इस वजह से परमाणु समझौता होने के बावजूद इस्रायल की गतिविधियों से ईरान का परमाणु कार्यक्रम सुरक्षित नहीं रह पाता, ऐसा इशारा बर्नी ने उस समय दिया था। इस्रायल और इस्रायली नागरिकों पर सीधे या अपने हस्तकों के ज़रिये किए गए हमलों के दर्दनाक परिणाम अंत में हमें ही भुगतने पड़ेंगे, इसका अहसास ईरान के नेताओं को होना ही चाहिये। इस्रायल बिल्कुल ईरान के छुपे हस्तकों को लक्ष्य नहीं करेगा बल्कि, उसे हथियारों की आपूर्ति करनेवालों को और सूचना देनेवाले ईरान को ही इस्रायल लक्ष्य करेगा, यह ऐलान हमास के प्रमुख ने किया। यह बयान पूरे खाड़ी क्षेत्र में इस्रायल और ईरान एवं ईरान से जुड़े गुटों का घनघोर संघर्ष शुरू होने के संकेत दे रहा है।

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