पश्‍चिमी देशों ने प्रतिबंध हटाए तो ईरान यूरोपिय देशों की ईंधन की ज़रूरतें पूरी करेगा – ईरान के विदेश मंत्रालय का प्रस्ताव

तेहरान – ‘ईरान के प्रस्ताव के अनुसार अमरीका और यूरोपिय देशों ने कामयाब परमाणु समझौता किया और ईरान पर लगाए गए सभी प्रतिबंध हटाए तो यूरोपिय देशों की ईंधन की ज़रूरतें ईरान पूरी करेगा’, ऐसा ऐलान ईरान के विदेश मंत्रालय ने किया। इस बातचीत में ईरान की भूमिका पूरी हुई और अब अमरीका को निर्णय करना है, ऐसा कहकर ईरान ने बायडेन प्रशासन पर दबाव बढ़ाया है। ईरान के परमाणु समझौते के मुद्दे पर इस्रायल अमरीका पर दबाव बढ़ा रहा है, यह दावा इस्रायली प्रधानमंत्री ने किया था। इसके बाद ईरान ने यह दावा किया है।

पिछले महीने वियना में यूरोपिय महासंघ की मध्यस्थता से अमरीका और ईरान के प्रतिनिधियों की शीघ्र अप्रत्यक्ष बैठक हुई थी। इस बैठक के बाद महासंघ की विदेश नीति के प्रमुख जोसेफ बोरेल ने अमरीका और ईरान को परमाणु समझौते पर अपना निर्णय साझा करने की सूचना दी थी। पिछले हफ्ते ईरान ने महासंघ के सामने परमाणु समझौते के लिए अपना प्रस्ताव रखा था। ईरान का यह प्रस्ताव परमाणु समझौते को पीछे धकेलनेवाला होने की नाराज़गी अमरीका और यूरोपिय महासंघ ने व्यक्त की थी।

लेकिन, अब तक अपने प्रस्ताव पर बयान करने से दूर रहे ईरान ने सोमवार को पहली बार अपना विचार रखा। ‘साल 2015 का परमाणु समझौता पुनर्जिवित करने के लिए पश्‍चिमी देश ईरान की सरकार और ईरानी नागरिकों पर लगाए गए सभी प्रतिबंध हटाए, यह हमारी प्रमुख माँग है। वियना की आखरी बैठक के बाद ईरान ने यूरोपिय महासंघ को दिए प्रस्ताव में यही माँग रखी है’, ऐसी जानकारी ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कानी ने दी।

इसके साथ ही ‘विश्‍व के विभिन्न देशों की ईंधन और नैसर्गिक वायु की माँग पूरा करनेवाला ईरान अहम देश है। पश्‍चिमी देशों के सख्त प्रतिबंधों के बावजूद ईरान ने अपना यह सामर्थ्य और क्षमता बरकरार रखे थे। फिलहाल यूरोपिय देश ईंधन की किल्लत का सामना कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में परमाणु समझौते की बातचीत सफल हुई और ईरान प्रतिबंधों से मुक्त हुआ तो यूरोप की ईंधन की बड़ी ज़रूरत ईरान पूरी कर सकता है’, यह दावा कानी ने किया।

इस परमाणु समझौसे से पहले बायडेन प्रशासन को ईरान को गारंटी देनी पडेगी क्योंकि, गारंटी के बिना अमरीका फिर से परमाणु समझौते का उल्लंघन कर सकती है, ऐसा आरोप ईरान के विदेश मंत्रालय ने लगाया। साथ ही ईरान ने इस परमाणु समझौते के लिए आवश्‍यक भूमिका निभाई है और अब परमाणु समझौता कामयाब करने का निर्णय अमरीका पर निर्भर है। अमरीका यदि राजनीतिक इच्छा और निर्णय करने की क्षमता रखती हो तो निश्चितरूप से परमाणु समझौता कामयाब होगा, ऐसा बयान ईरान के विदेश मंत्रालय ने किया है।

बायडेन प्रशासन की परमाणु समझौते के लिए आवश्‍यक निर्णय करने की क्षमता नहीं है, इसी कारण वे देर कर रहे हैं, यह आरोप ईरान के माध्यम लगा रहे हैं। साथ ही पश्‍चिमी देशों ने परमाणु समझौते के लिए देर की तो ईरान विभिन्न विकल्प इस्तेमाल कर सकता है, ऐसी चेतावनी ईरान के नेता दे रहे हैं। ईरान के अधिकार छीननेवाला और मर्यादा तोड़नेवाला कोई भी परमाणु समझौता नहीं होगा, यह इशारा ईरान के नेता दे रहे हैं।

यूक्रेन युद्ध की वजह से अमरीका ने रशिया की ईंधन निर्यात को लक्ष्य करने के लिए उठाए कदमों की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में ईंधन की कीमतें उछल रही हैं। ऐसी स्थिति में ईरान का ईंधन बाज़ार में उपलब्ध हुआ तो इससे ईंधन की कीमतों पर नियंत्रण रखना आसान हो सकता है। इसी लिए अमरीका और यूरोपिय देश ईरान के साथ परमाणु समझौता करने की विशेष कोशिश कर रहे हैं। उनकी इन ज़रूरतों का अहसास ईरान को हुआ है और इसी कारण ईरान अपनी माँगें अधिक तीव्रता से आगे रखता दिख रहा है। अमरीका के साथ परमाणु समझौते की बातचीत शुरू होने के दौरान ईरान ने रशिया के साथ चर्चा करके अमरीका पर अधिक दबाव बढ़ाया था।

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