तुर्की द्वारा छोडे जा रहे शरणार्थियों को रोकने के लिए हंगेरी की सीमा पर सेना की तैनाती होगी – प्रधानमंत्री व्हिक्टर ऑर्बन की चेतावनी

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बुडापेस्ट – तुर्की ने सीरियन शरणार्थियों के लिए यूरोप के दरवाजे खुले करने की धमकी सच्चाई में उतारी तो इन शरणार्थियों को रोकने के लिए हंगेरी अपनी सीमा पर सेना तैनात रखेगी, यह इशारा हंगेरी के प्रधानमंत्री व्हिक्टर ऑर्बन ने दिया है| हंगेरी ने इससे पहले ही अपनी सीमा पर स्टील का बाड खडा किया है और ‘स्पेशल बॉर्डर फोर्स’ की तैनाती भी की है| पर, अब सीधे लष्करी तैनाती का इशारा देकर ऑर्बन ने शरणार्थियों के विरोध में और भी आक्रामक भूमिका अपनाई है|

तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन ने पिछले सप्ताह में ही सीरिया में कुर्दों के विरोध में लष्करी कार्रवाई के आदेश दिए थे| इसके अनुसार तुर्की ने शुरू की हुई लष्करी कार्रवाई में बडी संख्या में सीरियन जनता की बलि जाने के समाचार सामने आ रहे है| अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, वह भी खास करके यूरोप में तुर्की की इस कार्रवाई की तीव्र गुंज सुनाई दे रही है| यूरोपिय देशों ने एर्दोगन ने शुरू की हुई एक तरफा कार्रवाई पर आलोचना करके तुर्की को हथियारों की निर्यात बंद करने का निर्णय किया है| साथ ही तुर्की पर प्रतिबंध लगाने के संकेत भी यूरोपिय देशों ने दिए है|

यूरोपिय देशों की इस कार्रवाई पर जवाब देते समय तुर्की ने फिर एक बार शरणार्थियों को सामने करके धमकाया है| ‘तुर्की ने सीरिया में शुरू की हुई कार्रवाई के बावजूद इस देश की?अखंडता कायम रहेगी| फिर भी यूरोपिय देशों ने तुर्की की यह लष्करी कार्रवाई यानी सीरिया पर हुआ आक्रमण है, यह आरोप रखा है| इसी बीच ३६ लाख सीरियन शरणार्थियों के लिए यूरोप के दरवाजे खोल देंगे’, यह धमकी तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोदन ने दी थी|

एर्दोगन की इस धमकी के विरोध में यूरोप से प्रतिक्रिया प्राप्त होना शुरू हुआ है और हंगेरी के प्रधानमंत्री ने दिया यह इशारा इन्ही प्रतिक्रियाओं में से एक है| ‘अगले कुछ दिनों में तुर्की क्या भूमिका अपनाता है, यह स्पष्ट हो जाएगा| उनके सामने दो विकल्प है| पहले विकल्प में शरणार्थियों को सीरिया में भेजा जाएगा| वही, दुसरे विकल्प के नुसार उन्हें यूरोप में भी छोडा जा सकता है| यदी दुसरे विकल्प पर अमल किया तो हंगेरी की सीमा पर हजारों शरणार्थि पहुंच सकते है| उन्हें रोकने के लिए हंगेरी को सेना तैनात करनी होगी’, ऐसा ऑर्बन ने कहा है|

ऑर्बन ने इससे पहले भी शरणार्थियों के विरोध में आक्रामक भूमिका अपनाकर उसका खुलेआम समर्थन किया था| अब नए इशारे के साथ ही हमने शरणार्थियों के विरोध में अपनाई निती में किसी भी प्रकार का बदलाव किया नही है, यही बात प्रधानमंत्री ऑर्बन ने दिखाई है|

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