जेरूसलम में कोई भी दूतावास निर्माण न करें – तुर्की की चेतावनी

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अंकारा / जेरूसलम / असन्सियौन: रोमानिया, झेक प्रजासत्ताक, होंडुरास, पैराग्वे इन देशों के बाद ग्वाटेमाला ने अब तेल अवीव का अपना दूतावास जेरूसलम में स्थानांतरित करने की घोषणा की है। इसपर तुर्की की कड़ी प्रतिक्रिया आ रही है। कोई भी देश जेरूसलम में अपने दूतावास निर्माण न करें। वैसा करने पर उनका इतिहास कलंकित होगा और आनेवाली पीढ़ी को शर्म से गर्दन झुकाने होगी, ऐसी चेतावनी तुर्की ने दी है।

इस्राइल स्थापित हुए आनेवाले १५ मई के रोज ७० वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। इस अवसर पर तेल अवीव का दूतावास जेरूसलम में स्थलांतरित करने की तैयारी अमरिका ने की है। इस कार्यक्रम को अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प उपस्थित होने वाले हैं। इस पृष्ठभूमि पर रोमानिया, झेक प्रजासत्ताक, होंडुरास, पैराग्वे तीन देशों के बाद ग्वाटेमाला भी अपना दूतावास जेरूसलम में स्थानांतरित करने की घोषणा की है। इसका अर्थ जेरूसलम पर इस्राइल का अधिकार इन देशों ने मंजूर किया है, ऐसा होता है। इस पर तुर्की की कड़ी प्रतिक्रिया आ रही है।

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वेस्ट बैंक में रामल्ला में आयोजित किए पैलेस्टिनी नागरिकों की निषेध सभा में तुर्की संसद के उपसभापति अहमत आयदिन ने जेरूसलम में दूतावास स्थानांतरित करने के निर्णय पर कड़ी आलोचना की है। इस्राइल की आर्थिक राजधानी तेल अवीव में अपने दूतावास जेरूसलम में स्थानांतरित करके जेरूसलम को राजधानी का दर्जा ना दे ऐसा आयदिन ने सूचित किया है।

साथ ही जेरूसलम में दूतावास स्थलांतरित करने का अमरिका का निर्णय अत्यंत गलत होकर भविष्य में इस निर्णय का समर्थन नहीं किया जा सकता, ऐसी आलोचना आयदिन ने की है। साथ ही पैलेस्टाईन के समर्थन के लिए दुनियाभर से मुस्लिम बंधू जल्द ही जेरूसेलम को भेंट दे, ऐसा आवाहन किया है।

पिछले वर्ष दिसंबर महीने में अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने जेरूसलेम को इस्राइल की राजधानी की मान्यता देने के बाद अपना दूतावास स्थलांतरित करने का निर्णय घोषित किया था। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प इनके इस निर्णय पर अधिकतम देशों ने आलोचना की थी। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प इनके निर्णय पर आलोचना करते हुए अमेरिका ने जेरूसलम में दूतावास शुरु करने से खाड़ी देशों को आग में धकेला है, ऐसा आरोप तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने किया था।

दौरान ग्वाटेमाला ने बुधवार को जेरूसलम में संभाव्य दूतावास की जगह अपना ध्वज फहराया है। आनेवाले १६ मई के रोज मतलब इस्राइल के स्वतंत्रता दिन के कार्यक्रम के बाद ग्वाटेमाला जेरूसलेम में अपना दूतावास शुरू करने वाला है। यह निर्णय लेनेवाला ग्वाटेमाला यह तीसरा लैटिन अमरिकी देश ठहरा है।

इसके पहले संयुक्त राष्ट्रसंघ की बैठक में इस्राइल को स्वतंत्र देश का दर्जा देनेवाले पैराग्वे ने तेल अवीव में अपना दूतावास इस्राइल के जेरूसलेम में स्थानांतरित करने की घोषणा की थी। पैराग्वे के राष्ट्राध्यक्ष होरासियो कार्टेस ने यह घोषणा करके जेरूसलेम में दूतावास स्थलांतरित करना यह राजनीतिक जिम्मेदारी और उसके साथ निजी आकांक्षा होने की बात स्पष्ट की है। इससे पहले होंडुरास इस लैटिन अमरिकी देश ने जेरूसलम में दूतावास ले जाने की बात घोषित की गई तथा यूरोप में झेक प्रजासत्ताक और रोमानिया के राष्ट्र प्रमुख ने भी इस संदर्भ में चर्चा करने की जानकारी प्रसिद्ध की थी।

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