लिथुआनिया को इतिहास के कूड़े में फेंक देंगे – चीन की धमकी

चीन की धमकीबीजिंग/व्हिल्निअस – ताइवान से सहयोग बढ़ाने वाले लिथुआनिया को इतिहास के कूड़े में फेंक देने की धमकी चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने दी है। चीन की इस धमकी पर लिथुआनिया के सांसद ने जवाब में यह फटकार भी लगाई है कि, इस कचरे में ‘साम्यवाद’ (कम्युनिज़म) का पहले ही समावेश हो चुका है। हाल ही के दिनों में चीन ने लिथुआनिया की घेराबंदी करने के लिए यूरोपियन कंपनियों पर दबाव ड़ालना शुरू करने की बात सामने आयी थी।

चीन की धमकीबीते कुछ महीनों में अमरीका और यूरोप के साथ अंतरराष्ट्रीय समूदाय के प्रमुख देशों से ताइवान को मिल रहा समर्थन और सहयोग बढ़ रहा है। इसलिए चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत बेचैन है और अलग-अलग मार्ग से निराशा व्यक्त कर रही है। पिछले महीने यूरोप के लगभग २८ लाख जनसंख्या के लिथुआनिया में ताइवान के राजनीतिक दफ्तर का उद्घाटन हुआ था। यह बात चीन को हज़म नहीं हुई है और लिथुआनिया की हर तरफ से घेराबंदी करने के लिए चीन सक्रिय हुआ है।

इसी लिए लिथुआनिया को लगातार धमकाया जा रहा है और नई धमकी भी इसी का हिस्सा साबित होती है। ‘अंतरराष्ट्रीय मूल्यों एवं नियमों का साथ देनेवाले लिथुआनिया का कभी भला नहीं होगा। ताइवान के अलगाववादी ताकतों के साथ हाथ मिलानेवाले लिथुआनिया का अन्त इतिहास के कूड़ादान में होगा’, यह धमकी चीन के विदेश विभाग के प्रवक्ता झाओ लिजिअन ने दी।

चीन की धमकीलिजिअन की धमकी पर लिथुआनिया से प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। ‘चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने लिथुआनिया को इतिहास के कूड़े में धकलने की भाषा करना विपरीत बात ही कहनी होगी क्योंकि, इसी कूड़े में साम्यवाद पहले ही जा पहुँचा है’, ऐसी फटकार ताइवान के सांसद मैटास माल्देकिस ने लगाई। सोशल मीडिया पर यह प्रतिक्रिया दर्ज़ करते हुए माल्देकिस ने ‘स्टैण्डविथताइवान’ हैशटैग इस्तमाल करके लिथुआनिया ताइवान का साथ नहीं छोड़ेगा, यह स्पष्ट किया।

लिथुआनिया के साथ ही चेक रिपब्लिक, स्लोवाकिया एवं फ्रान्स जैसे देश भी ताइवान के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए कदम बढ़ाए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.