ताइवानी दूतावास के उद्घाटन के बाद चीन-लिथुआनिया के बीच राजनीतिक तनाव बढ़ा

विल्निअस/ताइपे/बीजिंग – ताइवान ने लिथुआनिया में दूतावास का उद्घाटन करने के बाद चीन और लिथुआनिया के बीच राजनीतिक तनाव में अधिक बढ़ोतरी हुई है| चीन ने लिथुआनिया के साथ राजनीतिक संबंध ‘डाऊनग्रेड’ करने का ऐलान किया| इसके अनुसार चीन के राजदूत अब लिथुआनिया में नहीं रहेगा और कनिष्ठ दर्जे के अधिकारी को दूतावास का नियंत्रण दिया जाएगा| चीन के इस निर्णय पर लिथुआनिया ने नाराज़गी जताई है और ताइवान ने आलोचना की है|

चीन-लिथुआनियाकुछ महीने पहले यूरोपिय महासंघ के सदस्य लिथुआनिया ने ताइवान के नाम से राजनीतिक दफ्तर शुरू करने के लिए अनुमति प्रदान की थी| यूरोप में ‘ताइवान’ के नाम का यह पहला राजनीतिक दफ्तर खुला| इस निर्णय पर तीव्र आपत्ति दर्ज़ करके चीन ने लिथुआनिया से अपने राजदूत को वापस बुलाया था| साथ ही लिथुआनिया को इस निर्णय के गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे, ऐसा धमकाया भी था| लेकिन, अमरीका और यूरोपिय महासंघ ने लिथुआनिया के समर्थन में ड़टकर खड़े रहने का वादा किया|

चीन-लिथुआनियाइसके बाद यूरोपिय महासंघ ने ताइवान के साथ अधिक सहयोग बढ़ाने के संकेत दिए| इस पृष्ठभूमि पर बीते हफ्ते लिथुआनिया में ताइवान के राजनीतिक दफ्तर का उद्घाटन किया गया| इस दफ्तर को ‘द ताइवानीज् रिप्रेज़ंटेटिव ऑफिस इन लिथुआनिया’ नाम दिया गया है और यह दफ्तर ताइवान के दूतावास के तौर पर काम करेगा, यह जानकारी सूत्रों ने प्रदान की|

लिथुआनिया को धमकाने के बावजूद ताइवान का दूतावास शुरू होने से बेचैन हुए चीन ने लिथुआनिया के साथ राजनीतिक संबंधों का दर्ज़ा घटाने का निर्णय किया| इसके अनुसार अगले दिनों में लिथुआनिया में चीन के राजदूत की नियुक्ति नहीं होगी और कनिष्ठ राजनीतिक अधिकारी के हाथों इस दूतावास की ज़िम्मेदारी दी गई है| यह निर्णय चीन के अहंकारी और संकुचित मनोवृत्ति का प्रतिक है, ऐसी आलोचना ताइवान ने की है| तो, लिथुआनिया ने प्रतिक्रिया दर्ज़ करते हुए कहा कि, चीन का निर्णय निराशाजनक है|

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