चीन में दांपत्ति को तीन बच्चों की अनुमति देनेवाला कानून पारित

बीजिंग – चीन की संसद ने विवाहित दांपत्ति को तीन बच्चों को जन्म देने की अनुमति प्रदान करनेवाला कानून पारित किया है। कुछ महीने पहले चीन की जनगणना की जानकारी सार्वजनिक की गई थी। इसमें वृद्धों की संख्या बढ़ने के साथ ही लगातार चार वर्षों से चीन के जनसंख्या बढ़ोतरी के दर की गिरावट होने की बात स्पष्ट हुई थी। इस वजह से चीनी अर्थव्यवस्था को झटके लगने के इशारे भी दिए गए थे। इस पृष्ठभूमि पर चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने पारित किया यह कानून ध्यान आकर्षित कर रहा है।

कानून पारितचीन में जनसंख्या में लगातार हो रही बढ़ोतरी पर रोक लगाने के लिए वर्ष १९७९ में उस समय की हुकूमत ने ‘वन चाईल्ड पॉलिसी’ थोंपी थी। इस नीति की वजह से बीते साड़े तीन दशकों में चीन ने अपनी जनसंख्या में ४० करोड़ का इजाफा होने पर रोक लगाने में सफलता हासिल करने के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन, इसके विपरित परिणाम भी सामने आने लगे और इसके बाद वर्ष २०१६ में इस विवादित नीति को रद किया गया। इसके बाद चीन में दांपत्ति को दो बच्चों की अनुमति प्रदान की गई थी।

कानून पारितलेकिन, तब तक चीनी दांपत्तियों की बदली हुई मानसिकता और जीवन पद्धति में हुए बदलाव की वजह से जनसंख्या में खास फरक नहीं पड़ा। उल्टा चीनी नागरिक बच्चों को जन्म देने से कतराने की बात सामने आयी थी। इसका असर अर्थव्यवस्था एवं सामाजिक स्थिति पर दिखाई देने लगा और इसके बाद चीन ने अपनी नीति में फिर से बदलाव करने का निर्णय किया था। जनगणना की रपट प्राप्त होने के बाद कुछ ही दिनों में ‘थ्री चाईल्ड पॉलिसी’ के संकेत दिए गए थे। इसके बाद मात्र तीन महीनों में यह कानून पारित करके चीन ने इस दिशा में तेज़ कदम उठाना शुरू किया है।

इससे पहले दो बच्चों के लिए प्रदान की हुई अनुमति से विशेष लाभ ना होने से इस बार दांपत्तियों को विशेष सहायता प्रदान करने का ऐलान किया गया है। इसमें बच्चों का बीमा, शिक्षा का खर्च, करों में कटौती एवं अन्य आर्थिक सहायता का समावेश रहेगा। लेकिन, दो बच्चों की नीति असफल होने के बाद क्या तीन संतानों की नीति सफल होगी, इस पर भी आशंका जताई जा रही है।

चीन की अर्थव्यवस्था अब भी उत्पादन क्षेत्र पर निर्भर है और जन्मदर में हो रही गिरावट की वजह से इस क्षेत्र के लिए आवश्‍यक मनुष्यबल की मात्रा में बड़ी गिरावट होगी, यह कहा जा रहा है। साथ ही जन्मदर बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन देने पर इससे ग्रामिण इलाके में गरीबी और बेरोजगारी फिर से बढ़ेगी और चीन की सामाजिक स्थिरता को नुकसान पहुँचेगा, यह चिंता चीन के कुछ विश्‍लेषकों ने व्यक्त की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.