यूरोप के बाल्कन क्षेत्र में ‘बोस्निया-हर्ज़ेगोविना’ के विघटन का खतरा – अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों का इशारा

साराजेवो – यूरोप के बाल्कन क्षेत्र में ‘बोस्निया ऐण्ड हर्ज़ेगोविना’ का विघटन होने का खतरा होने का इशारा अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने दिया है। बीते कुछ दिनों में इस देश के तीन राष्ट्राध्यक्षों में से एक मिलोरैड डॉडिक ने ‘रिबल्बिका सर्पस्का’ नामक प्रांत को स्वतंत्र देश घोषित करने की गतिविधियाँ शुरू की हैं। इनकी कोशिश सफल हुई तो बाल्कन क्षेत्र में फिर से युद्ध होगा, यह ड़र यूरोपिय अधिकारी एवं विश्‍लेषकों ने जताई।

Dodik-Putinपिछली सदी के आखिरी दशक में यूरोप में ‘रिपब्लिक ऑफ युगोस्लाविया’ का विघटन हुआ। इस विघटन के बाद संघर्ष से सात देशों का निर्माण हुआ था। इनमें क्रोशिया, स्लोवेनिया, सर्बिया, नॉर्थ मैसिडोनिया, बोस्निया ऐण्ड हर्ज़ेगोविना, माँटेनेग्रो और कोसोवो का समावेश है। इनमें से कोसोवो को अभी तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी देशों ने स्वीकृति प्रदान नहीं की है। तो, बोस्निया ऐण्ड हर्ज़ेगोविना स्वतंत्र राष्ट्र हैं। लेकिन, इनके तीनों प्रांतों को स्वायत्तता प्रदान की गई है। केवल सेना, न्यायप्रणाली एवं कर व्यवस्था केंद्रीय हुकूमत के अधिकार में है।

बोस्निया ऐण्ड हर्ज़ेगोविना को स्वतंत्रता प्राप्त होने के बाद लगातार वांशिक तनाव रहा है और ‘बोस्नियन’, ‘सर्बियन’ एवं ‘क्रोटस्‌’ के बीच लगातार विवाद होता रहा है। बीते कुछ वर्षों में सर्बियन वंश के गुट अधिक आक्रामक हुए हैं। उनका प्रतिनिधित्व कर रहें राष्ट्राध्यक्ष मिलोरैड डॉडिक ने ‘रिपब्लिका सर्पस्का’ प्रांत को स्वतंत्र देश बनाने की कोशिश शुरू की है। इसके लिए स्वास्थ्य क्षेत्र में स्वतंत्र प्रणाली का निर्माण किया गया है और न्याय प्रणाली से जुड़े कुछ निर्णयों को स्वीकृति प्रदान करने से इन्कार किया है।

Bosnia-Herzegovinaसाथ ही बोस्निया ऐण्ड हर्ज़ेगोविना की सेना एवं अंदरुनि सुरक्षा यंत्रणा के हिस्से वाले पुलिस बल से सर्बवंशियों का अलग दल गठित करने की भी योजना बनाने की बात सामने आ रही है। यूरोपिय महासंघ ने इस देश के लिए नियुक्त अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों को मंजूरी देने से भी डॉडिक ने इन्कार किया है। इस मामले में यूरोप और अमरीका नरमाई दिखा रहे हैं, यह आरोप भी लगाए जा रहे हैं।

डॉडिक की गतिविधियों के पीछे रशिया और सर्बिया का समर्थन होने की बात समझी जा रही है। यूरोपिय महासंघ एवं नाटो के यूरोप में हो रहे विस्तार से रशिया का विरोध है। इसी विरोध के हिस्से के तौर पर रशिया बाल्कन देशों में वांशिक गुटों को प्रोत्साहन दे रही है, यह दवा विश्‍लेषक कर रहे है। यूरोपिय महासंघ की अनास्था की वजह से रशिया की नीति को अधिक बल मिल रहा है, यह आरोप भी लगाए जा रहे हैं। बीते कई वर्षों से बाल्कन देश महासंघ की सदस्यता प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, इसे विशेष रिस्पान्स प्राप्त ना होने से इन देशों में नाराज़गी की भावना है। इस बात का रशिया लाभ उठा रही है, इस ओर भी विश्‍लेषकों ने ध्यान आकर्षित किया है।

इसी पृष्ठभूमि पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि नियुक्त किए गए क्रिस्चन श्‍मिड्ट ने बोस्निया ऐण्ड हर्ज़ेगोविना के विघटन का इशारा दिया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने उचित समय पर गतिविधियाँ नहीं की तो इस क्षेत्र में फिर से युद्ध भड़क सकता है, जिससे विघटन की प्रक्रिया को बल प्राप्त होगा, यह इशारा भी श्‍मिड्ट ने दिया है।

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