यूरोपियन नागरिकों से देश, संस्कृति और परिवार का हक छीना गया – हंगेरी के प्रधानमंत्री विक्टर ऑर्बन की आलोचना

Viktor-Orbanबुडापेस्ट – ‘यूरोप के परंपरागत समाज घटक बेबस हो जाएंगे, ऐसी स्थिति निर्माण हुई है| हमारे देश में किसने रहना है, यह हक भी अब आम यूरोपियन नागरिकों को नहीं रहा| अवैध शरणार्थियों के झुंड़ों ने यूरोपियन्स की पहचान मिटा दी है| हमारा देश, हमारी भाषा, हमारी संस्कृति, परिवार और धरम चुनने का बुनियादी अधिकार भी यूरोप के नागरिकों के हाथ में नहीं रहा’, ऐसी तीव्र आलोचना हंगेरी के प्रधानमंत्री विक्टर ऑर्बन ने की है|

वर्ष २०१५ में और इसके बाद जर्मनी ने खाड़ी और एशिया से आए शरणार्थियों के लिए ‘ओपन डोर पॉलिसी’ का ऐलान किया था| इसका लाभ उठाकर लगभग १० लाख से अधिक शरणार्थियों ने यूरोपिय महासंघ में घुसपैठ की थी| इसका बुरा असर यूरोपियन संस्कृति और मूल्यों पर पड़ा है और यूरोप की सुरक्षा के लिए भी खतरा बढ़ा है| इस संकट से यूरोप अभी तक संभला ना होने की बात पर कई देशों के नेता एवं विश्‍लेषक कह रहे हैं| हंगेरी के प्रधानमंत्री की यह आलोचना भी इसी का हिस्सा है|

European-culture-Orbanहाल ही में यूरोपिय महासंघ के ‘कोर्ट ऑफ जस्टिस’ ने शरणार्थियों के मुद्दे पर हंगेरी को सीमा पर मौजूद शरणार्थियों को हंगेरी आश्रय प्रदान करे, यह निदेश दिए गए थे| इस निर्णय पर हंगेरी ने अदालत में याचिका दायर की है| इस पर हंगेरी सरकार ने देशहित को प्राथमिकता देनी पड़ेगी, यह निर्णय अदालत ने सुनाया है| इस निर्णय के समर्थन में प्रधानमंत्री ऑर्बन ने लेख लिखा है और इसमें यूरोपिय महासंघ को खुली चुनौती देने की भूमिका अपनाई है|

European-culture-Orban-01इससे पहले पोलैण्ड, चेक रिपब्लिक जैसे देशों ने भी शरणार्थियों के मुद्दे से यूरोपिय महासंघ के खिलाफ सरेआम भूमिका अपनाई थी| पोलैण्ड ने कुछ महीने पहले महासंघ के समझौते में किए गए प्रावधानों को ही चुनौती दी थी| इससे महासंघ में तीव्र गूँज भी सुनाई पड़ी थी| पोलैण्ड की आर्थिक सहायता रोकने के साथ अन्य कानूनी कार्रवाई करने के इशारे भी दिए गए थे| यह मामला ताज़ा होने के बीच में ही रशिया, चीन जैसे संबंध एवं टीकाकरण के मुद्दे पर भी हंगेरी और महासंघ के बीच विवाद छिड़ रहा है| लगातार हो रहे इन विवादों के कराण महासंघ में विवाद छिड़ा है| लगातार हो रहे इस विवाद से महासंघ की एकजुट भंग हो रही है, ऐसे संकेत प्राप्त हो रहे हैं| इसके अलावा अन्य सदस्य देश भी ब्रिटेन की तरह बाहर निकलकर अलग होने का निर्णय करेंगे, ऐसे दावे विश्‍लेषक कर रहे हैं|

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