अमरीका ने यूक्रेन में जैव युद्ध शुरू किया है

सेऊल – यूक्रेन में अमरीका के खुफिया जैव लैब होने का आरोप रशिया ने काफी पहले लगाया था। इन लैब्स‍ में प्लेग, एन्थ्रैक्स, कॉलेरा, ट्युलारेमिया और कुछ अन्य ज़हरीले विषाणुओं पर अनुसंधान जारी होने का आरोप रशिया के रक्षा मंत्रालय ने लगाया था। उत्तर कोरिया ने भी रशिया के इन आरोपों का समर्थन किया। साथ ही अमरीका ने यूक्रेन में जैव युद्ध शुरू किया है और किसी भी देश पर और कृषि क्षेत्र पर हमला करने के लिए अमरीका जैविक हथियारों का निर्माण कर रही है, यह आरोप उत्तर कोरिया ने लगाया है।

जैव युद्ध२४ फ़रवरी को रशिया ने यूक्रेन के पूर्वीय क्षेत्र पर हमले शुरू किए। इसके बाद अमरीका ने यूक्रेन के अपने लैब्ज्‌‍ के दस्तावेज़ मिटाकर जैविक हथियारों के निर्माण के सबूत मिटाने की कोशिश की थी, ऐसा आरोप रशिया के रक्षा मंत्रालय ने लगाया था। साथ ही इन लैब्ज्‌‍ के कुछ दस्तावेज़ हमारे हाथ लगे हैं, यह ऐलान रशिया ने किया था। शुरू में रशिया ने लगाए हुए आरोप पेंटॅगॉन ने ठुकराए थे। लेकिन, पिछले हफ्ते पेंटॅगॉन ने जारी किए ‘फैक्ट शीट ऑन डब्ल्यूएमडी थ्रेट रिडक्शन एफर्टस्‌’ नामक रपट में यूक्रेन में जैव लैब्ज्‌‍ की बात मानी।

जैव युद्धयूक्रेन में अमरीका के ४६ जैव लैब्ज है और पिछले दो दशकों से अमरीका की निधि पर इन लैब्ज्‌‍ में काम चला, ऐसा पेंटॅगॉन ने स्पष्ट किया। इन लैब्ज्‌‍ के ज़रिये यूक्रेन की जैव सुरक्षा मज़बूत करना एवं मनुष्य और पशुओं की बीमारियों का निरीक्षण करना आसान था’, यह दावा पेंटॅगॉन ने किया था। इस वजह से आगबबूला हुई रशिया ने ‘यूक्रेन के लैब्ज्‌‍ का इस्तेमाल शांति के लिए या वैज्ञानिक कारणों से हो रहा था, इस पर हमें खुलासा नहीं चाहिये यह कहकर रशिया की सीमा के करीब यह लैब्ज्‌‍ क्यों बनाए गए, इस पर रशिया ने जवाब माँगा था।

लेकिन, उत्तर कोरिया ने इन आरोपों को बढ़ाकर अमरीका यूक्रेन में जैविक हथियारों का निर्माण कर रही है, ऐसा कहा है। अमरीका ने २० करोड़ डॉलर्स से अधिक निवेश करके इन लैब्ज्‌‍ में किसी भी देश पर और कृषि क्षेत्र पर हमला करनवाले हथियारों का निर्माण किया, ऐसा दावा उत्तर कोरिया ने किया। अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करके अमरीका ने यूक्रेन समेत विश्वभर में जैव लैब्ज्‌‍ शुरू किए, ऐसा उत्तर कोरिया का कहना है।

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