उत्तर कोरिया की धमकियों के बावजूद अमरीका चर्चा की तैयारी में

सेऊल/प्योंगयांग – उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जाँग उन लगातार धमका रहे हैं और इसी बीच अमरीका और दक्षिण कोरिया ने बातचीत के लिए तैयार होने के संकेत दिए हैं। अमरीका के विशेषदूत सुंग किम फिलहाल दक्षिण कोरिया की यात्रा कर रहे हैं और इस दौरान उन्होंने उत्तर कोरिया के साथ बातचीत की तैयारी दर्शाई है। अमरीका और दक्षिण कोरिया का संयुक्त युद्धाभ्यास बीते हफ्ते से हो रहा है और इस पृष्ठभूमि पर विशेष दूत की यह यात्रा अहमियत रखती है। इसी बीच अमरीका के विशेषदूत रशिया के उप-विदेशमंत्री से मुलाकात करेंगे, यह भी कहा जा रहा है।

nk-threaten-us-talksअमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जाँग उन की दो वर्ष पहले हुई बातचीत असफल हुई थी। इसके बाद दोनों देशों की चर्चा पूरी तरह से रुक गई है। अमरीका ने कई बार बातचीत की तैयारी दर्शाई है, फिर भी इस चर्चा के लिए उत्तर कोरिया ने शर्तें स्वीकारने से इन्कार किया है। प्रतिबंध शिथिल करना, दक्षिण कोरिया से सेना हटाने जैसी शर्तें उत्तर कोरिया ने रखी थी। अमरीका ने इन शर्तों से इन्कार करने पर उत्तर कोरिया ने फिर से अपनी परमाणु ताकत बढ़ाना शुरू किया है।

इस पृष्ठभूमि पर अमरीका ने दक्षिण कोरिया और जापान के साथ रक्षा सहयोग अधिक मज़बूत करना शुरू किया है और दक्षिण कोरिया के साथ संयुक्त युद्धाभ्यास भी इसी का हिस्सा समझा जाता है। इस युद्धाभ्यास के मुद्दे पर उत्तर कोरिया ने फिर से आक्रामक भूमिका अपनाई है। बीते महीने से उत्तर कोरिया ने तीन बार धमकाया है। बीते हफ्ते में ही उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जाँग उन ने अमरीका और दक्षिण कोरिया के संयुक्त युद्धाभ्यास की वजह से इस क्षेत्र में सुरक्षा की समस्या निर्माण होगी और इसके विरोध में अनपेक्षित प्रत्युत्तर देने का इशारा दिया था।

इसके बाद उत्तर कोरिया ने दो बार ‘नेविगेशनल वॉर्निंग’ भी जारी की थी। यह वॉर्निंग परमाणु परीक्षण की पूर्व सूचना होगी, यह दावा विश्‍लेषकों ने किया था। इसके बाद उत्तर कोरिया ने लष्करी प्रशिक्षण की शुरूआत करने की जानकारी भी सामने आयी है। युद्धाभ्यास कर रहे अमरीका और दक्षिण कोरिया के लष्करी अफसरों की इन गतिविधियों पर नज़र होने का भी बयान किया था। इस पृष्ठभूमि पर अमरीका के विशेषदूत का दक्षिण कोरिया में दाखिल होना और उत्तर कोरिया से बातचीत करने के लिए आवाहन करना अहमियत रखता है।

उत्तर कोरिया ने बीते वर्ष जून में दोनों देशों के संबंध सुधारने के लिए स्थापित किया हुआ राजनीतिक दफ्तर बम विस्फोट से ध्वस्त किया था। इसके बाद उत्तर कोरिया ने दोनों देशों का संपर्क खंड़ित करके लष्करी और परमाणु गतिविधियाँ गतिमान कीं थीं। बीते महीने उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जाँग उन ने चीन के साथ सहयोग अधिक बढ़ाने की कोशिश भी शुरू की थी।

दक्षिण और उत्तर कोरिया का संपर्क बढाने के लिए शुरू की गई ‘हॉटलाईन’ पर रिस्पान्स देना भी उत्तर कोरिया ने बंद किया है, यह जानकारी दक्षिण कोरिया ने साझा की है। यह गतिविधियाँ दक्षिण कोरिया और अमरीका पर दबाव ड़ालने के लिए होने की बात दिख रही है।

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