जम्मू-कश्‍मीर में पांच दिनों में आतंकियों द्वारा सात लोगों की हत्या

– पाकिस्तान के इशारे पर शांति और सौहार्दता बिगाड़ने की आतंकियों की साज़िश
– जम्मू-कश्‍मीर के पुलिस महासंचालक दिलबाग सिंह

श्रीनगर/नई दिल्ली – जम्मू-कश्‍मीर में आतंकियों ने गुरूवार के दिन एक स्कूल में प्रवेश करके दो अध्यापकों की हत्या की। इससे पहले आतंकियों ने मंगलवार के दिन एक कश्‍मीरी पंड़ित के साथ कुल तीन लोगों की हत्या की थी। इसके साथ ही बीते पांच दिनों में आतंकियों ने कुल सात लोगों की हत्या कर दी है। इन हत्याओं के बाद पूरे देश में तीव्र गुस्सा व्यक्त किया जा रहा है। पाकिस्तान अब १९९० जैसी स्थिति निर्माण करने की साज़िश कर रहा है, यह विशेषज्ञों का कहना है। जम्मू-कश्‍मीर पुलिस के महासंचालक दिलबाग सिंह ने भी सीमा के उस पार से ऐसे हमले करने की सूचनाएँ आतंकियों को प्राप्त होने के अलावा कश्‍मीर में एकता का माहौल बिगाड़ने की कोशिश में आतंकी होने का बयान किया है। लेकिन, इस साज़िश को सफल होने नहीं देंगे, यह बात दिलबाद सिंह ने ड़टकर कही। इन हमलों में मारे गए लोगों के परिजनों के आँसूओं की कीमत आतंकियों को चुकानी ही पड़ेगी, ऐसा बयान जम्मू-कश्‍मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने किया है।

हत्यागुरूवार की सुबह तकरीबन साडे ग्यारह बजे आतंकियों ने जम्मू-कश्‍मीर के श्रीनगर में स्थित सफाकदल क्षेत्र में स्थित गवरमेंट बॉईज हायस्कूल में घुसपकर वहां को दो अध्यापकों पर गोलियाँ चलाईं। आतंकियों ने स्कूल में प्रवेश करके अल्पसंख्यांक समुदाय के दो अध्यापकों को अलग करके उनकी हत्या कर दी। इसमें श्रीनगर के अलोची बाग क्षेत्र के निवासी सुपविंदर कौर नामक अध्यापक का समावेश है। इनके अलावा दीपक चंद नामक अन्य अध्यापक की भी आतंकियों ने हत्या कर दी।

जम्मू-कश्‍मीर में सुरक्षाबलों की मुहिमों की वजह से आतंकियों को बड़े हमले करना मुमकिन नहीं हो पा रहा है। इस वजह से बीते महीने में पिस्तौल जैसे छोटे हथियारों का इस्तेमाल अधिक किया जा है। आतंकी गोलीबारी करके भाग जाने की पद्धति अपना रहे हैं। खास तौर पर यहां के अल्पसंख्यांक समुदाय को ही आतंकी लक्ष्य कर रहे हैं। उनके धार्मिक स्थानों पर भी हमले कर रहे हैं।

जम्मू-कश्‍मीर से विस्थापित हुए कश्‍मीरी पंड़ितों के पुनर्वास की कोशिश हो रही है। उनकी संपत्ति पर किए गए कब्ज़े को हटाया जा रहा है। साथ ही अधिवास के नए कानूनों की वजह से जम्मू-कश्‍मीर में सालों से रहनेवाले नागरिकों को अब प्राप्त हो रहे अधिवास के दाखिलों से पाकिस्तान और अलगाववादियों की बेचैनी बढ़ रही है। साथ ही कश्‍मीर में बढ़ रहा निवेश, पर्यटकों की बढ़ती संख्या, इससे बढ़ रहे रोज़गार की वजह से यहां की स्थिति पूरी तरह से स्थिर होगी और जम्मू-कश्‍मीर के मसले का हमेशा के लिए हल निकल जाएगा, यह ड़र पाकिस्तान को सता रहा है, ऐसा विशेषज्ञों का कहना है।

हत्याइसलिए यहां की स्थिति बिगाड़ने के लिए और कश्‍मीर घाटी में लौट रहे विस्थापितों में आतंक निर्माण करने की साज़िश रची जा रही है, यह दावा विशेषज्ञ कर रहे हैं। १९९० के दशक में इसी तरीके से कश्‍मीरी पंड़ितों की हत्याएं की गई थीं। इस वजह से अपनी जान बचाने के लिए हज़ारों कश्‍मीरी पंड़ित अपना स्थान छोड़कर अपनी जमीन एवं अन्य संपत्ति पीछे छोड़कर वहां से भाग निकलने के लिए मज़बूर हुए थे।

इसी बीच सुबह के समय सफाकदल क्षेत्र के स्कूल में हुए हमले के बाद गुरूवार रात इस क्षेत्र में सीआरपीएफ की छांवनी पर ग्रेनेड हमला हुआ। इस हमले में किसी भी तरह से जान का नुकसान नहीं हुआ।

जम्मू-कश्‍मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने बीते कुछ दिनों में हुई यह घटनाएँ बड़ी दुखद होने का बयान किया। इस पर जोरदार जवाब देंगे। किसी को बक्शा नही जाएगा। मृतकों के परिजनों के आँसूओं की कीमत चुकानी ही पड़ेगी, ऐसा इशारा सिन्हा ने दिया। साथ ही जम्मू-कश्‍मीर में शांति, प्रगति और समृद्धि रोकने की कोशिश सफल नहीं होने देंगे, यह बयान भी सिन्हा ने किया।

जम्मू-कश्‍मीर के पुलिस महासंचालक दिलबाग सिंह ने कहा कि, ऐसे हमले करके यहां के स्थानियों को बदनाम करने की एवं यहां की एकता बिगाड़ने की कोशिश जा रही है। साथ ही आतंकियों को सीमा के उस पार से कश्‍मीर में शांति भंग करने की सूचनाएँ प्राप्त हो रही हैं और जम्मू-कश्‍मीर की जनता इस साज़िश को सफल नहीं होने देगी। हम एकता के साथ रहेंगे और उनकी मंशा हम सफल होने नहीं देंगे, यह आवाहन भी दिलबाग सिंह ने किया।

केंद्रीय गृहमंत्री की उच्चस्तरीय बैठक

देश की अंदरुनि सुरक्षा की स्थिति, ड्रोन संबंधी नीति और जम्मू-कश्‍मीर के विषय पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शहा की अध्यक्षता में गुरूवार के दिन उच्चस्तरीय बैठक हुई। इस बैठक के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल भी उपस्थित थे। जम्मू-कश्‍मीर में चुनिंदा समुदाय के लोगों की हत्याएं हो रही हैं और ऐसे में यह बैठक बड़ी अहमियत रखती है।

गुरूवार को दोपहर के समय इस बैठक का आयोजन हुआ। ढ़ाई घंटे चली इस बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार समेत केंद्रीय गृहसचिव अजय भल्ला, आयबी के संचालक अरविंद कुमार, बीएसएफ और सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। यह बैठक आम तौर पर आयोजित होनेवाली सुरक्षा संबंधित बैठक होने का बयान गृह मंत्रालय ने जारी किया है, फिर भी जम्मू-कश्‍मीर की घटनाओं की पृष्ठभूमि पर इसे देखा जा रहा है।

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