जम्मू-कश्‍मीर में स्वतंत्रता दिवस बड़े जोर से मनाया गया – श्रीनगर में १०० फीट ऊँचा तिरंगा लहराया

श्रीनगर – जम्मू-कश्‍मीर में भारत के स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव समारोह बड़े जोरों से मनाया गया। खास बात तो यह है कि, इस स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होने के लिए जम्मू-कश्‍मीर के बाहर से सैंकड़ों पर्यटक श्रीनगर पहुँचे थे। साथ ही इंटरनेट एवं मोबाइल सेवा बंद करने की ज़रूरत भी नहीं पड़ी। इससे पहले हर वर्ष आतंकी एवं अलगाववादी पाबंदी लगाते थे और धमकाते थे। साथ ही ऐसे समारोह पर आतंकी हमलों का खतरा होने से नागरिक भी इन समारोहों में बड़ी संख्या में शामिल नहीं होते थे। श्रीनगर के लाल चौक में तिरंगा लहराने की कोशिश होने पर तनाव निर्माण होता था। लेकिन, स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के वर्ष में यह चित्र बदला हुआ दिख रहा है। गुरूवार के दिन श्रीनगर के हरी पर्वत किले पर १०० फीट ऊँचा झंड़ा लहराया गया। जम्मू-कश्‍मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने इसे ऐतिहासिक घटना करार दिया है।

स्वतंत्रता दिवसबीते तीस वर्षों से अधिक समय तक आतंकवाद में झुलसता हुआ और पाकिस्तान समर्थक अलगाववादियों की हरकतों से हमेशा अशांत जम्मू-कश्‍मीर का चित्र बीते दो वर्षों में पूरी तरह से बदला हुआ दिखाई दे रहा है। दो वर्ष पहले जम्मू-कश्‍मीर से धारा ३७० हटाई गई थी। इससे पहले श्रीनगर और कश्‍मीर घाटी में स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय झंड़ा लहराने पर आतंकवादी एवं अलगाववादी पाबंदी लगाते थे। साथ ही कुछ हिंसा की घटनाएँ भी होती थीं। आतंकी हमलों का खतरा रहता था। श्रीनगर के लाल चौक में तिरंगा लहराने के लिए काफी बड़ी सुरक्षा करनी पड़ती थी।

लेकिन, इस वर्ष देश स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव मना रहा है और जम्मू-कश्‍मीर में चित्रा पू्री तरह से बदला हुआ दिखाई दिया। श्रीनगर के लाल चौक में इस वर्ष काफी चमक थी। बीते हफ्ते से ही लाल चौक का वॉच टॉवर तिरंगे के रंगो से चमक रहा था। साथ ही वहां पर मरम्मत करके नई घड़ियां भी लगाई गई हैं। इसे देखने के लिए सैंकड़ों पर्यटक भी श्रीनगर पहुँचे थे। गुरूवार के दिन श्रीनगर के शेर-ए-कश्‍मीर क्रिकेट स्टेडियम में ध्वजारोहण का समारोह हुआ। इस दौरान किए गए भाषण में उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने यह बात रेखांकित की कि, कश्‍मीर घाटी में आम युवकों को गुमराह करके वहां की जनता को बंधक बनाने का काम अब तक होता रहा। लोकतंत्र के बीज वहां पर बोने की कोशिश ही नहीं की गई थी, केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभ भी आम जनता तक पहुँचने नहीं दिए जाते थे।

स्वतंत्रता दिवसअब यहां पर लोकतांत्रिक व्यवस्था मज़बूत की जा रही है और कश्‍मीरी नागरिकों की आकांक्षाएं पूरी करने पर जोर दिया जा रहा है। आतंकवाद शांति और विकास के लिए श्राप है। पड़ोसी देश ने इसी आतंकवाद की सहायता से छुपा युद्ध छेड़ रखा है। लेकिन, युवाओं के सिर भड़काकर उन्हें गुमराह करनेवालों को इसके आगे करारा जवाब मिलेगा, ऐसा उप-राज्यपाल सिन्हा ने कहा। साथ ही कश्‍मीरी युवक ऐसी शक्तियों से सावधान रहें, यह इशारा भी सिन्हा ने दिया।

इस समारोह में श्रीनगर के महापौर जुनैद मट्टू ने कुछ लोगों के साथ कश्‍मीरी गाने पर फेर लगाया। साथ ही कश्‍मीर के एक स्कूल में आयोजित समारोह में चार वर्ष पहले मारे गए हिजबुल मुजाहिद्दीन का कमांडर बुऱ्हान वाणी के पिता के हाथों ध्वजारोहण हुआ। इस बीच, श्रीनगर के हरी पर्वत किले पर २४ बटा ३६ फीट आकार का १०० फीट ऊँचा तिरंगा झंड़ा लहराया गया। भारतीय सेना और जम्मू-कश्‍मीर प्रशासन ने मिलकर यह तिरंगा लहराया है और उप-राज्यपाल सिन्हा ने इसे ऐतिहासिक घटना करार दिया है।

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