विस्थापित कश्‍मीरी पंड़ितों की पुश्‍तैनी संपत्ति उनके वारिसों को सौंपने की हुई शुरूआत

नई दिल्ली – वर्ष १९९० के दशक में आतंकियों की हिंसा और अत्याचारों की वजह से हज़ारों कश्‍मीरी पंड़ित अपना पुश्‍तैनी घर एवं अन्य जायदाद पीछे छोड़कर भागने के लिए मज़बूर हुए थे। जम्मू-कश्‍मीर की धारा-३७० खारिज करने का निर्णय होने के बाद विस्थापित कश्‍मीरी पंड़ितों को फिर से कश्‍मीर में बसाने की नज़रिये से जारी कोशिशों को गति प्राप्त हुई है। इसमें कश्‍मीरी पंड़ितों की जायदाद पर हुआ अतिक्रमण हटाकर इसे सही मालिक के हाथों सौंपने की शुरूआत हुई है, यह जानकारी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने प्रदान की।

पुश्‍तैनी संपत्तिबुधवार के दिन राज्यसभा में कश्‍मीरी पंड़ितों की जबरन कब्ज़ा की गई संपत्ति उन्हें वापिस लौटाने के मुद्दे पर सवाल किया गया था। इस पर जवाब में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री राय ने यह कहा कि, ‘जम्मू-कश्‍मीर मायग्रन्ट इम्मूवेबल प्रॉपर्टी (प्रिज़र्वेशन, प्रोटेक्शन ऐण्ड रिस्ट्रेन्ट ऑन डिस्ट्रेस सेल) कानून’ के तहत संबंधित जिलों के जिला दंड़ाधिकारी ऐसी संपत्ति के संरक्षक होते हैं। इस वजह से किसी ने विस्थापितों की संपत्ति पर कब्ज़ा किया हो तो जिला न्याय दंड़ाधिकारी स्वयं संज्ञान लेकर इस कब्ज़े के खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं। साथ ही विस्थापित भी अपनी जायदाद पर हुए अतिक्रमण को लेकर जिला दंड़ाधिकारी से शिकायत कर सकते हैं।’

इस कानून के तहत विस्थापितों ने पीछे छोड़ी हुई उनकी स्थानीय जायदाद उचित वारिस या मालिक के हाथों में सौंपी जा रही है। जम्मू-कश्‍मीर सरकार ने साझा की हुई जानकारी के अनुसार अब तक ऐसी नौं जायदादें उनके उचित मालिकों को प्रदान की गई हैं, यह बयान भी नित्यानंद राय ने किया। धारा-३७० खारिज़ करने के बाद ५२० विस्थापित कश्‍मीरी पंड़ित दोबारा कश्‍मीर लौट आए हैं। साथ ही प्रधानमंत्री ने जारी किए पैकेज के तहत कुछ लोगों को नौकरियां भी प्राप्त हुई हैं और कुछ लोगों ने कश्‍मीर में अपना कारोबार फिर से शुरू किया है।

कुछ दिन पहले जम्मू-कश्‍मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने विस्थापित कश्‍मीर पंड़ित एवं यहां पर नौकरी कर रहे लोगों के लिए घरों का निर्माण करने के लिए पांच जिलों में ज़मीन का हस्तांतरण करने की जानकारी प्रदान की थी।

इसी बीच, धारा-३७० खारिज करने के बाद कश्‍मीर में निवासी कानून में भी बदलाव किए गए थे। इसके तहत कश्‍मीर में बीते १५ वर्षों से निवास कर रहे लोगों को कश्‍मीर का निवासी दाखिला दिया जा रहा है। साथ ही यहां पर शिक्षा प्राप्त करनेवालों को भी निवासी दाखिला देने का प्रावधान किया गया था। इसी प्रावधान के तहत अब तक ४० लाख से अधिक लोगों को कश्‍मीर का निवासी दाखिला प्रदान किया गया है। इसके अलावा हाल ही में जम्मू-कश्‍मीर के बाहरी व्यक्ति से विवाह करनेवाली कश्‍मीरी महिलाओं के बच्चों को भी जम्मू-कश्‍मीर का निवासी दाखिला देने के लिए कुछ बदलाव किए गए थे। निवासी दाखिला प्राप्त होने से वे जम्मू-कश्‍मीर में संपत्ति खरीद पाएंगे। नौकरियां एवं सरकारी सहुलियतों का भी लाभ प्राप्त हो सकेगा।

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