सेना मुख्यालय पर हुए आतंकी हमले में १७ जवान शहीद; चार आतंकियों को मार गिराया

श्रीनगर, दि. १८ (वृत्तसंस्था) – जम्मू-कश्मीर के उरी में सेना के मुख्यालय पर सुबह चार बजे के क़रीब आतंकवादियों ने किये क़ायर हमले में १७ जवान शहीद हुए हैं| पिछले कुछ वर्षो में इस राज्य में, सेना पर हुआ यह सबसे बड़ा हमला है| इस हमले में १९ जवान घायल हुए है| चार आतंकवादियों को मार गिराने में जवानों को क़ामयाबी मिली है और अभी भी ‘कोंबिंग ऑपेरशन’ जारी है, ऐसी जानकारी सेना ने दी| ‘इस हमले के पीछे ‘जैश-ए-मोहम्मद’ यह पाकिस्तानस्थित आतंकी संगठन है’ ऐसा इल्ज़ाम डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिटरी ऑपरेशन (डीजीएमओ) लेफ्टनंट जनरल रणबीर सिंह ने लगाया|

१७ जवान शहीदरविवार को सुबह चार बजे के आसपास, सेना की १० डोग्रा रेजिमेंट के प्रशासकीय मुख्यालय पर यह आत्मघाती हमला हुआ है| आतंकवादियों ने बॅरल ग्रेनेड लॉन्चर की सहायता से मुख्यालय पर ग्रेनेड दागे| इनमें से कुछ ग्रेनेड, मुख्यालय के परिसर में जवानों को आराम करने के लिए खड़े किये गए तंबू पर जा गिरे| ग्रेनेड गिरने से इस तंबू को आग लगी और यहाँ पर विश्राम कर रहे १३ से १४ जवानों की आग में झुलसने से मौत हुई| इस हमले के बाद जवानों ने हमलावर आतंकवादियों पर धावा बोला| इस वक्त हुए संघर्ष में चार से पाँच जवान शहीद हुए| इस आतंकी हमले की जानकारी मिलने के बाद यहाँ से नज़दीक रहनेवाले ब्रिगेड मुख्यालय से जवानों की टुकडी को मँगाया गया|

हमले के बाद सेना के कमांडोज़् ने मुख्यालय कब्ज़े में ले लिया| इसके बाद चार आतंकवादियों को मौत के घाट उतारा गया| आतंकवादियों के पास चार एके-४७ रायफल्स, चार ग्रेनेड लॉन्चर्स और अन्य घातक हथियार और विस्फोटकों समेत कुछ खाने का सामान मिला है| इन सभी को देखते हुए हमलावर आतंकवादी बहुत बड़े संघर्ष की तैयारी करके आये थे, ऐसा दिखाई दे रहा है| साथ ही, आतंकवादियों के पास मिले हथियारों पर पाकिस्तान का ‘मार्क’ है, ऐसा लेफ्टनंट जनरल रणबीर सिंह ने कहा|

uRI1सेना की यंत्रणा की प्राथमिक जाँच में, इस हमले के पीछे ‘जैश-ए-मोहम्मद’ इस आतंकवादी संगठन का हात है, ऐसा सामने आ रहा है| आतंकवादियों के पास पाकिस्तानी हथियार मिलने के बाद लेफ्टनंट जनरल रणबीर सिंह ने, पाकिस्तानी सेना के ‘डीजीएमओ’ से संपर्क करते हुए भारत की भूमिका कड़े शब्दों में बतायी है|

दो साल पहले इस इलाके के ‘मोहरा’ में सेना की छावनी को इसी तरह से निशाना बनाकर हमला किया गया था| इसमें दस जवान शहीद हुए थें| लेकिन रविवार को हुआ हमला, यह जम्मू-कश्मीर में पिछले दस सालों में हुआ सबसे बड़ा हमला है, ऐसा दिखाई दे रहा है| इस हमले के बाद उरी में, सेना के मुख्यालय से उठ रही आग की लपटें और धुआँ दूर से दिखाई दे रहा था| इसके बाद सेना ने उरी सेक्टर के साथ पूरे उत्तर कश्मीर में बडे पैमाने पर ख़ोजमुहिम हाथ में ली है ओर सीमा पर सुरक्षा बढाई गई है|

इसी दौरान जम्मू-कश्मीर के हिंसक निदर्शन का फ़ायदा उठाते हुए पाकिस्तान कश्मीर का मसला आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उठाने की जोरशोर से कोशिश कर रहा है| पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्रसंघ की आमसभा में कश्मीर का मसला उठाने की घोषणा की है| इससे पहले, माहौल बनाने के लिए, जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान भयानक आतंकी हमला करने की कोशिश कर रहा है, ऐसी ख़बरें कुछ दिन पहले जारी हुई थीं| उरी में हुए इस क़ायर हमले को यह पृष्ठभूमि मिली है|
भारतीय सेनाप्रमुख जनरल दलबिर सिंह सुहाग ने, जम्मू-कश्मीर आकर राज्य की सुरक्षा का जायज़ा लिया है| साथ ही, देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान देनेवाले सेना के जवानों को मैं मानवंदना दे रहा हूँ, ऐसे शब्दों में जनरल सुहाग ने अपनी संवेदनाएँ व्यक्त कीं|

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