लिबिया से दो लाख निर्वासित घुसपैंठ की तैयारी में होने की संयुक्त राष्ट्र के दूत की चेतावनी

रोम, दि. १७ (वृत्तसंस्था) – अफ्रीका के दो लाख से ज़्यादा निर्वासित युरोप में घुसपैंठ करने की तैयारी में हैं, ऐसी चेतावनी संयुक्त राष्ट्रसंघ के दूत द्वारा दी गयी है| लिबिया के मार्ग से आनेवाले इन निर्वासितों को रोकने के लिए, आतंकवाद का मुकाबला करते हुए सुरक्षा और स्थिरता स्थापित करने की ज़रूरत है, ऐसा संयुक्त राष्ट्रसंघ के दूत मार्टिन कॉब्लर ने कहा| कॉब्लर द्वारा दी गयी चेतावनी युरोप में निर्वासितों का नया प्रवाह घुसने के संकेत दे रही है और यह घटना युरोपीय महासंघ के लिए नयी चुनौती साबित हो सकती है| इस साल के अगस्त महीने तक युरोप में करीब पौने-तीन लाख निर्वासित दाखिल हुए होने की जानकारी सामने आयी है|

लिबिया‘लिबिया में हज़ारों निर्वासित और स्थलांतरित दाखिल हुए हैं| संयुक्त राष्ट्रसंघ के पास आयी जानकारी के अनुसार, क़रीब दो लाख ३५ हजार से ज़्यादा निर्वासित मौका मिलते ही इटली के मार्ग से युरोप में दाखिल होंगे| निर्वासितों द्वारा युरोप में घुसने की तैयारी पूरी हो चुकी है|’ ऐसी चेतावनी संयुक्त राष्ट्रसंघ के दूत मार्टिन कॉब्लर ने दी| लिबिया से आनेवाले इन निर्वासितों के प्रवाह को अगर रोकना है तो उस देश में सुरक्षा स्थापित करना महत्त्वपूर्ण साबित होगा, ऐसा भी कॉब्लर ने बताया| लिबिया यदि असुरक्षित रहता है, तो उसका फ़ायदा मानवी तस्करी में शामिल गुनहगार उठा सकते हैं, ऐसी चिंता भी उन्होंने जतायी|

Germanपिछले कई महीनों से युरोप में घुसपैंठ करने के लिए, निर्वासितों द्वारा लिबिया का इस्तेमाल किया जा रहा है| उत्तर अफ्रिका तथा खाड़ी देशों से, निर्वासित युरोप जाने के लिए लिबिया का इस्तेमाल करते हुए दिखायी दे रहे हैं| युरोपीय महासंघ और तुर्की द्वारा चलाये गये अभियान के बाद, ग्रीस तथा बाल्कन देशों के ज़रिये युरोप में जानेवाले निर्वासितों की मात्रा घटी है| लेकिन लिबिया में चल रही अस्थिरता का फ़ायदा उठाते हुए, निर्वासितों और गुनाहगारों के गुटों ने इस देश में आश्रय लेना शुरू किया है|

इस साल के अगस्त महीनें तक, सागरी मार्ग से युरोप में करीब दो लाख ७० हजार से ज़्यादा निर्वासित दाखिल हुए हैं| इनमें से क़रीब एक लाख ३० हजार निर्वासित, लिबिया के रास्ते से इटली में गये हैं| लिबिया के क़रीब ११०० मील लंबे सागरी किनारे का इस्तेमाल इसके लिए हो रहा है| लिबिया में सन २०११ में, तानाशाह मुअम्मर गदाफी की हुक़ूमत का तख़्ता पलट दिया गया था| उसके बाद देश में अस्थिरता, आतंकवाद और अराजकता का माहौल है| संयुक्त राष्ट्रसंघ का समर्थन होनेवाली सरकार, देश पर नियंत्रण रखने में नाक़ाम साबित हुई है|

migrantsलिबिया में अधिकृत तौर पर मान्यता मिली सरकार द्वारा, संयुक्त राष्ट्रसंघ और आंतर्राष्ट्रीय समुदाय के पास बड़ी मात्रा में सहायता की माँग की गयी है| सही मात्रा में और वक्त पर सहायता न मिली, तो देश में स्थित लाखों निर्वासित युरोप में दाखिल होंगे, ऐसी धमकी लिबिया के विद्रोही गुटों द्वारा पहले ही दी जा चुकी है| संयुक्त राष्ट्रसंघ के दूत ने किये बयान से यह धमकी सच होने के संकेत मिल रहे हैं|

इस दौरान, अफ्रीका से आनेवाले अवैध निर्वासितों के साथ, आतंकवादी और गुनाहगार गुटों को रोकने के लिए नाटो द्वारा शुरू किये गये अभियान के लिए, जर्मनी क़रीब ६५० जवानों की तैनाती कर रहा है| भूमध्य सागरी क्षेत्र में युरोपीय महासंघ द्वारा चलाये जा रहे ‘ऑपरेशन सोफिया’ के साथ समन्वय रखते हुए यह अभियान चलाया जायेगा| जर्मनी के विदेश मंत्री फ्रँक वॉल्टर स्टेनमायर ने इस तैनाती का समर्थन करते हुए, लिबिया जैसे देशों द्वारा जर्मनी की सुरक्षा को पहुँचनेवाले ख़तरे की बात सामने रखी है|

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