ड्युरंड लाईन पर बाड़ लगा रहे पाकिस्तानी सैनिकों को तालिबान ने भगाया

काबुल/इस्लामाबाद – अफ़गानिस्तान और पाकिस्तान की ड्युरंड लाईन पर तार की बाड़ लगा रही पाकिस्तानी सेना को तालिबान ने फिर से धमकाया। यह ड्युरंड लाईन हमें बिल्कुल मंजूर नहीं है और पाकिस्तान की सीमा अफ़गानिस्तान की सीमा में फिर से प्रवेश ना करे, यह इशारा तालिबान ने दिया। इस तरह से तालिबान ने पिछल दो हफ्तों के दौरान पाकिस्तान के सैनिकों को तीसरी बार ड्युरंड लाईन से भगाया है। इसकी तीव्र गूंज पाकिस्तान में सुनाई दे रही है और अफ़गानिस्तान में तालिबान की हुकूमत स्थापित होने से पाकिस्तान का बड़ा नुकसान हो रहा है, ऐसी आलोचना पाकिस्तानी विश्‍लेषक एवं पत्रकार कर रहे हैं।

अफ़गानिस्तान के दक्षिणी हिस्से के निमरोज़ प्रांत में दो दिन पहले पाकिस्तानी सेना की संदिग्ध गतिविधियाँ होने की खबर तालिबान को मिली थी। इसके साथ ही तालिबान के चार वाहन वहां के ‘चाहर बुरजाक’ जिले में पाकिस्तान के करीबी क्षेत्र में दाखिल हुए। अफ़गानिस्तान में १५ किलोमीटर अंदर घुसपैठ करके पाकिस्तानी सैनिक इस क्षेत्र में तार की बाड़ लगाकर सुरक्षा चौकी का निर्माण करने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन, तालिबान के वाहनों को देखकर पाकिस्तानी सेना ने अपना काम बंद किया।

इसके बाद तालिबानी कमांडर्स ने पाकिस्तानी सेना को दोबारा इस क्षेत्र में कदम ना रखने की धमकी दी। इसके बाद पाकिस्तान के सैनिक तार की बाड़ लगाने का पूरा सामान वहीं पर छोड़कर अपने वाहनों में बैठकर भाग गए, ऐसा तालिबान ने कहा। लेकिन, तालिबान का झंड़ा लगे वाहनों को देखकर पाकिस्तानी सैनिकों ने तालिबान के सामने खड़े होने की प्रतिक्षा किए बिना इस क्षेत्र से भाग जाने का दावा भी किया जा रहा है। इस बात की पुष्टी अभी नहीं हो सकी है। लेकिन, पिछले दो हफ्तों में तालिबान ने पाकिस्तान की सेना को नांगरहार, हेल्मंड़ और अब निमरोज़ की सीमा से पीछे हटने के लिए मज़बूर करने की ओर पाकिस्तानी पत्रकार ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

पाकिस्तान के बलबूते पर अफ़गानिस्तान में हुकूमत स्थापित करनेवाला तालिबान अब पाकिस्तान को ही धमका रहा है, ऐसी आलोचना पाकिस्तानी पत्रकार कर रहे हैं। तो, तालिबान ने काबुल कब्ज़ा करने के बाद पाकिस्तान में आतंकी हमलों में काफी बढ़ोतरी हुई है, इस बात पर भी पाकिस्तानी माध्यम ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। नवंबर के युद्धविराम के दौरान भी पाकिस्तान में आतंकी हमले कम नहीं हुए थे, ऐसा एक पाकिस्तानी अखबार ने कहा है।

इसी बीच, अफ़गानिस्तान और पाकिस्तान के बीच २,६७० किलोमीटर की सीमा है। वर्ष १८९३ में अंग्रेजों ने खींची ड्युरंड सीमा अफ़गानिस्तान को कतई मंजूर नहीं है। पाकिस्तान के बलोचिस्तान से खैबरपख्तूनख्वा तक का काफी भूभाग हमारा होने का दावा अफ़गानिस्तान कर रहा है। अफ़गानिस्तान की अस्थिरता का लाभ उठाकर पाकिस्तान ने हमारे क्षेत्र पर कब्ज़ा करने का आरोप अफ़गान सरकार ने पहले ही लगाया था। फिलहाल अफ़गानिस्तान की सत्ता संभाल रहा तालिबान भी इससे अलग भूमिका नहीं रखती। पाकिस्तान के अटक तक अफ़गानिस्तान का क्षेत्र है और जल्द ही पूरे पश्‍तू समूदाय को एक करनेवाला यह क्षेत्र पाकिस्तान से आज़ाद किया जाएगा, ऐसा तालिबान ने धमकाया था।

ड्युरंड लाईन पर तार की बाड़ लगाकर पाकिस्तान पश्‍तू जनता को बांट रहा है, यह आरोप तालिबान लगा रहा है। इसे बर्दाश्‍त नहीं किया जाएग, ऐसे इशारे भी तालिबान ने पाकिस्तान को दिए थे। इस पृष्ठभूमि पर पिछले कुछ दिनों में तालिबान की हरकतें पाकिस्तान की चिंता बढ़ानेवाली साबित हो रही हैं।

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