तेहरिक पर कार्रवाई करने के बदले में मान्यता देने का पाकिस्तान का प्रस्ताव तालिबान ने ठुकराया

काबुल/इस्लामाबाद – अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मान्यता चाहिए, तो तालिबान ‘तेहरिक-ए-तालिबान’ पर कार्रवाई करें। अन्यथा तालिबान का नुकसान होगा, ऐसी चेतावनी पाकिस्तान ने तालिबान को दी थी। अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय से मान्यता दिलाने के बदले में पाकिस्तान तालिबान को तेहरिक पर कार्रवाई करने का प्रस्ताव दे रहा है। इसके लिए पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद युसूफ अफगानिस्तान का दौरा करनेवाले हैं। लेकिन यह प्रस्ताव तालिबान ने पहले ही ठुकराया होने की खबर पाकिस्तान के अखबार ने दी।

tehreek-recognition-pak-talibanकुछ दिन पहले पाकिस्तान ने अफगान तालिबान को ‘तेहरिक-ए-तालिबान’ (टीटीपी) पर कार्रवाई करने की सूचना की थी। इस प्रस्ताव के साथ ही पाकिस्तान के एक अधिकारी ने तालिबान को चेतावनी दी, ऐसा कहा गया है। तालिबान ने अगर पाकिस्तान की माँग मान्य करके तेहरिक पर कार्रवाई नहीं की, तो तालिबान का नुकसान होगा, ऐसी चेतावनी दी होने की जानकारी इस अधिकारी ने दी। ‘तालिबान अगर पाकिस्तान की ही माँगें मान्य नहीं करता, तो हमारी क्या सुनेगा, ऐसा अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय को भी लगने लगेगा। यदि ऐसा हुआ तो तालिबान को मान्यता नहीं मिलेगी’, ऐसी दलील पाकिस्तान प्रस्तुत कर रहा है।

तेहरिक के सारे नेता अफगानिस्तान में तालिबान की सुरक्षा में हैं, ऐसा आरोप इस पाकिस्तानी अधिकारी ने किया। तालिबान तेहरिक के नेताओं को पाकिस्तान के हवाले कर दें, ऐसी पाकिस्तान की माँग है। लेकिन तालिबान ने पाकिस्तान की माँग मान्य नहीं की, ऐसा इस अधिकारी ने पाकिस्तानी अखबार को बताया। उल्टे तालिबान पाकिस्तान पर निर्भर नहीं है ऐसे संकेत तालिबान दे रहा है, ऐसी आलोचना पाकिस्तानी अधिकारी ने अखबार के साथ बातचीत करते समय की।

ऐसी परिस्थिति में पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद युसूफ अफगानिस्तान की भेंट करके तालिबान के नेताओं के साथ चर्चा करने वाले हैं। पिछले कुछ हफ्तों से ड्युरंड लाईन पर तालिबान से पाकिस्तान की सेना को मिल रहीं धमकियाँ और पाकिस्तान की सीमा में जारी तेहरिक के कारनामें, इन दो मुद्दों पर मोईद युसूफ चर्चा करेंगे, ऐसा दावा किया जाता है।

अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता आने के बाद वह देश अपने अधिपत्य में आएगा, ऐसी धारणा पाकिस्तान ने बना ली थी। इसी कारण तालिबान की विजय के बाद पाकिस्तान में जल्लोष हुआ था। लेकिन यह विजयोत्सव अल्पजीवी साबित होगा, ऐसा अमरीका के पूर्व लष्करी अधिकारी डेव्हिड पेट्रॉस ने जताया था। उसका अनुभव फिलहाल पाकिस्तान कर रहा है। तालिबान ने पाकिस्तान पर दबाव बनाए रखने के लिए ‘तेहरिक-ए-तालिबान’ के साथ संबंध बरकरार रखे हैं। इतना ही नहीं बल्कि, ‘तेहरिक’ यह तालिबान की पाकिस्तान के विरोध में होनेवाली बीमा पॉलिसी होने के दावे पाकिस्तान के ही पत्रकार कर रहे हैं। इस कारण, तालिबान को इतनी सहायता करके, उसके लिए हुई बदनामी के साथ ही बड़ी कीमत चुकानेवाले पाकिस्तान के हाथ निराशा और गंभीर खतरे के अलावा और कुछ भी नहीं लगा, ऐसी चर्चा पाकिस्तान में शुरू हुई है।

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