अफ़गानिस्तान में भयंकर रक्तपात कर रहे तालिबानी आम नागरिक होने का पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का दावा

इस्लामाबाद – अफ़गानिस्तान में जारी तालिबान की हरकतों के लिए हम ज़िम्मेदार नही हैं, ऐसा बयान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान ने किया है। अमरिकी समाचार चैनल को साक्षात्कार के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने तालिबान ने किए रक्तपात की ज़िम्मेदारी से इन्कार किया। लेकिन, तालिबान आतंकी संगठन नहीं है बल्कि यह आम नागरिक होने का प्रशस्ती पत्रक भी इम्रान खान ने दिया। इसके साथ ही अमरीका ने अफ़गानिस्तान में हाहाकार मचाया है, ऐसा कहकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने अफ़गानिस्तान में की मौजूदा स्थिति का ठिकरा अमरीका के सिर पर फोड़ा है।

रक्तपातअफ़गानिस्तान के संघर्ष में तालिबान हावी होने की खबरें प्राप्त होने के बाद पाकिस्तान में तालिबान की जीत पर जशन मनाया जा रहा है। लेकिन, तालिबान को हमारा समर्थन नहीं है, यही दिखाकर अफ़गानिस्तान में जारी हिंसा के लिए पाकिस्तान ज़िम्मेदार ना होने का चित्र यह देश खड़ा कर रहा है। प्रधानमंत्री इम्रान खान ने अमरिकी समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार के दौरान भी यही भूमिका अपनाई। लेकिन, तालिबान आतंकी संगठन नहीं है बल्कि वह आम नागरिक होने के उन पर ही पलटनेवाले दावे इम्रान खान ने किए।

तालिबान के समावेश की सर्वसमावेशक सरकार यही एक अफ़गानिस्तान की समस्या का हल निकालने का सबसे बेहतर रास्ता होने का बयान इम्रान खान ने किया। अलग शब्दों में तालिबान के वर्चस्ववाली सरकार स्थापित हुए बिना अफ़गानिस्तान की समस्या हल नहीं होगी, यही बात इम्रान खान को कहनी है। लेकिन, अफ़गानिस्तान की समस्या का हल राजनीतिक बातचीत से निकलेगा, ऐसे संकेत दे रहे इम्रान खान ने तालिबान से हिंसा बंद करने के लिए आवाहन नहीं किया। साथ ही तालिबान की स्वीकारना संभव ना होनेवाली माँगे ही इस राजनीतिक बातचीत में अड़ंगा बना रही सबसे बड़ी समस्या होने की ओर ध्यान देने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री तैयार नहीं हैं।

रक्तपातअफ़गानिस्तान में अमरीका की नीति के कारण ही हाहाकार मचा है, ऐसा आरोप लगाकर प्रधानमंत्री इम्रान खान अपने देश की आतंकी नीति का बचाव कर रहे हैं। लेकिन, अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान से तालिबान को प्रदान हो रही सहायता का गंभीरता से संज्ञान लेने की बात दिखाई दे रही है। खास तौर पर अमरीका के पूर्व लष्करी अधिकारी, कूटनीतिक एवं विश्‍लेषक पाकिस्तान के विश्‍वासघात की वजह से ही तालिबान अफ़गानिस्तान में इस हद तक कामयाबी हासिल कर सकी, यह आरोप लगा रहे हैं। इसी वजह से अमरीका को अफ़गानिस्तान में नाकामी हासिल हुई और इसके लिए ज़िम्मेदार पाकिस्तान को सबक सिखाने का अवसर है, यह माँग अमरिकी जनप्रतिनिधि कर रहे हैं।

वर्तमान में अमरीका अंदरुनि समस्याओं से जूझ रही है और विदेश नीति की ओर बायडेन प्रशासन का ध्यान नहीं रहा। इसी वजह से अब तक पाकिस्तान का बचाव हुआ, ऐसा पाकिस्तानी वंश के अमरिकी राजनीतिक कार्यकर्ता ने एक पत्रकार को साक्षात्कार के दौरान कहा था। तालिबान को पूरी तरह से सहायता करके पाकिस्तान ने अपनी नीति चीन की ओर मोड़ दी है। आज नहीं तो कल पाकिस्तान को इसकी बड़ी कीमत चुकाने के लिए अमरीका मज़बूर करेगी, ऐसी चिंता इस पाकिस्तानी वंश के अमरिकी राजनीतिक कार्यकर्ता ने जताई। इसी के साथ पाकिस्तान तालिबान जैसे चरमपंथी संगठन को प्रदान कर रहीं सहायता पर ‘पश्‍तून तहफ्फूज मुवमेंट’ (पीटीएम) के नता मंज़ूर पश्‍तीन ने कड़ी आलोचना की। तभी तालिबान के साथ सहयोग करने के निर्णय के परिणाम पाकिस्तान में दिखाई देने लगे हैं और महिलाओं पर चरमपंथियों के अत्याचार और अपराधिक मामलों में बढ़ोतरी होने की बात पाकिस्तान के पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता दर्ज़ कर रहे हैं।

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