ड्युरंड लाईन पर पाकिस्तान के विरोध में तालिबान ने किए तोंप तैनात

काबुल – ‘इतने साल अफ़गानिस्तान की पश्‍चिमी सेना पर हमले करने के लिए तालिबान ने पाकिस्तान में ही चंदा इकठ्ठा किया| अब यही हमें पाकिस्तान में करना है’, ऐसा आवाहन करके ‘तेहरिक-ए-तालिबान’ अफ़गान जनता से पाकिस्तान में हमले करने के लिए चंदा इकठ्ठा कर रहे हैं| तेहरिक की यह तैयारी शुरू होने के दौरान तालिबान ने ड्युरंड लाईन पर पाकिस्तानी सेना के खिलाफ तोपें तैनात की हैं| तालिबानी हुकूमत के रक्षामंत्री मुल्ला याकूब ने ड्युरंड लाईन का दौरा करने के बाद तालिबान ने यह तैनाती की है|

taliban-pak-durand-line-2अफ़गानिस्तान की सत्ता हथियाने के बाद तालिबान ने पहला टार्गेट अन्य कोई नहीं बल्कि पाकिस्तान ही होगा, यह इशारा पाकिस्तान के कुछ सचेत पत्रकार और विश्‍लेषकों ने दिया था| उनका इशारा सच्चाई में उतरता हुआ दिख रहा है| लगातार इशारे देने के बावजूद पाकिस्तानी सेना ने ड्युरंड लाईन पर तार की बाड़ लगाने का काम रोका नहीं है, यह आरोप लगाकर तालिबान ने इस क्षेत्र में अपनी तैनाती बढ़ाई है|

अफ़गान माध्यमों ने साझा की हुई जानकारी के अनुसार तालिबान ने अफ़गानिस्तान के कुनार प्रांत में स्थित ड्युरंड लाईन पर असमार और नारी क्षेत्र में तोपें तैनात की हैं| कुछ दिन पहले पाकिस्तान की सेना ने अफ़गानिस्तान के कुनार प्रांत के गांवों पर तोप से हमले करने की खबरें प्राप्त हुईं थी| इसके जवाब में तालिबान ने यह तैनाती करने का दावा किया जा रहा है|

अफ़गान तालिबान ड्युरंड लाईन पर तोप तैनात कर रही है और तभी तेहरिक-ए-तालिबान ने पाकिस्तान में बड़े हमले करने की तैयारी जुटाने की खबरें सामने आ रही हैं| अफ़गानिस्तान के खोस्त प्रांत में ‘तेहरिक’ ने पत्रिकाएं बांटी हैं| इसमें तेहरिक ने अफ़गान जनता से पाकिस्तान पर हमले करने के लिए पैसों की मॉंग की है|

पिछले २० वर्षों से अफ़गानिस्तान की पश्‍चिमी सेना पर हमले करने के लिए तालिबान ने पाकिस्तान से चंदा इकठ्ठा किया था, इसका दाखिला तेहरिक ने इस पत्रिका में दिया है| अफ़गानिस्तान का तालिबान संगठन तेहरिक के लिए बड़े भाई जैसा है और उसी का अनुकरण करके हमें पाकिस्तान में हमले करने हैं, यह भी तेहरिक ने इस पत्रिका में कहा है|

तो, तालिबान के आत्मघाती हमलावरों के ‘अल-बद्र’ दल ने बुधवार को पाकिस्तानी सेना के लिए तस्करी हो रहे हथियारों का बड़ा ज़खिरा जब्त किया| पिछले साल अमरिकी सेना ने वापसी करते हुए इन हथियारों को अफ़गानिस्तान में ही छोड़ दिया था| इनमें से कुछ हथियार अफ़गानिस्तान में मौजूद पाकिस्तानी समर्थक गुट एवं काले बाज़ार में हथियार बेचने में जुटे स्थानीय गिरोहों के हाथ लगे हैं| पाकिस्तानी सेना के लिए अमरीका के इन्हीं हथियारों की भारी मात्रा में तस्करी होने की खबरें अमरिकी माध्यमों ने प्रसिद्ध की थीं|

पाकिस्तान की सेना तेहरिक के आतंकियों पर कार्रवाई करने के लिए यह हथियार खरीद रही है, ऐसा इन अमरिकी माध्यमों का कहना था| तेहरिक के ताकत के सामने पाकिस्तानी सेना कमज़ोर पड़ रही है, यह दावा इस खबर में किया गया था| लेकिन, अमरिकी सेना ने पीछे छोड़ा हुआ हथियारों का भंड़ार पाकिस्तान के ज़रिये भारत विरोधि आतंकियों के हाथ लगने की बात भी सामने आयी थी|

इसी बीच तालिबान और पाकिस्तान के बीच निर्माण हुआ तनाव अधिकाधिक बढ़ रहा है, यह दावा भी हो रहा है| इसी कारण  तालिबान ने पाकिस्तान में आयोजित ‘ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन’ (ओआईसी) की बैठक में विदेशमंत्री अमिर खान मोत्ताकी को नहीं भेजा था, इसकी चर्चा पाकिस्तानी माध्यमों में बड़े जोरों से हो रही है| तालिबान का यह निर्णय पाकिस्तान की बदनामी करता है, ऐसी आलोचना पाकिस्तानी माध्यम कर रहे हैं|

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