पाकिस्तान-तालिबान मिलकर अफ़गानिस्तान की पहचान और संस्कृति मिटा रहे हैं – पाकिस्तान के पूर्व सांसद का आरोप

एम्सटर्डम – ‘पाकिस्तान की सेना और गुप्तचर यंत्रणा ‘आयएसआय’ तालिबान की सहायता से अफ़गानिस्तान की पहचान और संस्कृति को नष्ट कर रहे हैं। इसके पीछे अफ़गानिस्तान को पाकिस्तान के वर्चस्व में लाने की गंदी साज़िश है’, यह आरोप पाकिस्तान के पूर्व सांसद अफ्रासियाब खट्टक ने लगाया। पाकिस्तान के यह इरादे ‘पश्‍तून तहफ्फूज मुवमेंट’ को ज्ञात होने की वजह से ही पाकिस्तान की सेना इस गुट के नेता एवं समर्थकों पर कार्रवाई कर रही है, यह आरोप भी खट्टक ने लगाया।

pakistan-taliban-afghanलगभग तीन महीने पहले तालिबान ने काबुल पर कब्ज़ा किया और उसके बाद पाकिस्तान के चरमपंथी नेता एवं कुछ पत्रकारों ने इस पर जश्न मनाया था। लेकिन, कुछ राजनीतिक नेता एवं जानकार पत्रकारों ने इस घटना को सावधानी से देखने का इशारा दिया था। पाकिस्तान की अवामी नैशनल पार्टी-एएनपी के वरिष्ठ एवं पूर्व पाकिस्तानी सांसद अफ्रासियाब खट्टक भी इनमें से एक थे। अफ़गानिस्तान में तालिबान के हमलों के लिए पाकिस्तान की आयएसआय ज़िम्मेदार होने की आलोचना खट्टक ने पहले भी की थी। नेदरलैण्ड के ‘यूरोपियन फाऊंडेशन फॉर साऊथ एशियन स्टडिज्‌-ईएफएसएएस’ नामक अध्ययन मंड़ल के साथ बोलते समय खट्टक ने पाकिस्तान एवं तालिबान के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए।

‘चार दशक पहले अफ़गानिस्तान में गृहयुद्ध हुआ था तब पाकिस्तानी सेना ने अमरीका और अरब देशों की सहायता से अफ़गानिस्तान में अपना वर्चस्व स्थापित किया। अफ़गान शरणार्थियों को पाकिस्तान ने धार्मिक चरमपंथ के प्रभाव में लाया। इसके ज़रिये पाकिस्तान ने अफ़गानियों की पश्‍तू के तौर पर पहचान मिटाकर उन्हें चरमपंथी बनाया’, ऐसा जोरदार हमला खट्टक ने किया।

इसके लिए पाकिस्तान की ‘आयएसआय’ ने तालिबान से हाथ मिलाया और दोनों मिलकर अफ़गानिस्तान की मूल पहचान मिटा रहे हैं, यह आरोप खट्टक ने लगाया। केवल इतना ही नहीं बल्कि, इससे पहले जब सत्ता में थे तब और अब भी तालिबान अफ़गानिस्तान की सांस्कृतिक विरासत मिटा रही है। ऐसा करके तालिबान अफ़गानिस्तान को पाकिस्तान के सांस्कृतिक वर्चस्व में लाने की कोशिश कर रही है और इस वजह से तालिबान पाकिस्तानी सेना और आयएसआय के उद्देश्‍य पूरे कर रही है’, ऐसा प्रहार खट्टक ने किया।

अफ़गानिस्तान के पश्‍तू की पहचान और संस्कृति मिटाकर इस देश को अपने वर्चस्व में लाने की पाकिस्तानी सेना और आयएसआय ने बनाई साज़िश ‘पश्‍तून तहफ्फूज मुव्हमेंट-पीटीएम’ नामक पश्‍तू गुट अच्छी तरह से पहचानता हैं। इसी कारण पाकिस्तान की सुरक्षा यंत्रणा पश्‍तू नेता, कार्यकर्ता एवं जनता को लक्ष्य कर रही हैं, यह आरोप खट्टक ने लगाया। स्पष्ट तौर पर ज़िक्र किया ना हो, लेकिन खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में पाकिस्तानी सेनाद्वारा स्थानीय लोगों पर हो रहें अत्याचार की ओर खट्टक ने ध्यान आकर्षित किया हुआ दिख रहा है।

तालिबान की सहायता से अफ़गानिस्तान की पहचान और संस्कृति नष्ट करने की कोशिश करने वाला पाकिस्तान इसके बजाय भारत के साथ संबंध सुधारने की कोशिश करे, यह सुझाव खट्टक ने दिया। पाकिस्तान के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए भारत के साथ सुलह करना आवश्‍यक होने का बयान खट्टक ने किया। पाकिस्तान के कुछ पत्रकार भी यही चाहते हैं। पाकिस्तान को सलामत रखना हो तो भारत के साथ विवाद खत्म करने होंगे। इसके लिए पाकिस्तान अपने सैन्य खर्च में कटौती करे और भारत विरोधी नीति में बदलाव लाए, ऐसा इन पत्रकारों का कहना है।

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