अमरीका के हवाई द्वीपों पर संदिग्ध ‘बलून’ की उड़ान – अमरिकी रक्षा मुख्यालय का दावा

वॉशिंग्टन – पैसिफिक महासागर के हवाई द्वीपों पर संदिग्ध ‘बलून’ उड़ान भरता देखा गया है। अमरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटॅगॉन ने यह जानकारी साझा की। तीन महीने पहले भी अमरीका के आसमान में इसी तरह के ‘बलून’ देखा गया था। यह चीन का ‘स्पाइ बलून’ होने का बयान करके अमरिकी वायु सेना ने इस बलून को मार गिराया था। लेकिन, इस बार हवाई द्वीपों पर उड़ान भरता देखा गया बलून जासूसी नहीं कर रहा हैं, यह दावा पेंटॅगॉन कर रहा हैं। फिर भी अमरीका के ‘एफ-२२ रैप्टर’ लड़ाकू विमान इसपर नज़र रखे हैं, यह जानकारी पेंटॅगॉन ने साझा की।  

‘बलून’पैसिफिक महासागर के हवाई द्वीप अमरीका का क्षेत्र हैं। वहां पर अमरिकी वायु सेना के बड़े अड्डे बने हैं और इन अड्डों पर बॉम्बर एवं स्टेल्थ विमानों की तैनाती हुई हैं। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अमरिकी हितसंबंधों की सुरक्षा करने के लिए हवाई द्वीपों पर हुई यह तैनाती अहम समझी जाती है। चीन ने हमेशा से ही हवाई द्वीपों की तैनाती और सैन्य गतिविधियां हमारे विरोधी होने के आरोप लगाए हैं।

ऐसे में इन हवाई द्वीपों पर संदिग्ध बलून ने उड़ान भरने से माध्यमों का ध्यान आकर्षित हुआ है। कुछ दिन पहले ही यह बलून हवाई द्वीपों पर उड़ान भरता देखा गया, ऐसा पेंटॅगॉन ने कहा है। फिलहाल यह बलून मेक्सिको की ओर जा रहा हैं। इस बलून से किसी भी तरह के कम्युनिकेसन सिग्नल प्रसारित नहीं हुए हैं। इस वजह से इसका इस्तेमाल जासूसी के लिए नहीं हो रहा है, ऐसा दावा पेंटॅगॉन ने किया।

लेकिन, अमरीका ने फिर से इस बलून का मामला देरी से माध्यमों के सामने रखने से आलोचना हो रही है। फ़रवरी महीने में भी बायडेन प्रशासन ने चीन के स्पाइ बलून के मामले में एक हफ्ते देरी से बयान किया था। उस स्पाइ बलून ने अमरीका के अलास्का से साऊथ कैरोलिना तक उड़ान भरने के बाद बायडेन प्रशासन ने इसपर कार्रवाई की थी।

इस उड़ान के दौरान चीनी स्पाइ बलून ने अमरीका के मोंटाना स्थित परमाणु अस्त्र और मिसाइलों के सायलोज्‌‍ पर गश्त लगाई थी। चीन ने अमरीका के सामरिक ठिकानों की जानकारी पाने के लिए इस स्पाइ बलून को रवाना किया होगा, ऐसी चर्चा शुरू हुई थी। इस मामले में अमरिकी प्रतिनिधि सदन में नियंत्रण रखने वाली रिपब्लिकन पार्टी ने आलोचना की थी। तब अमरिकी जनता और माध्यमों ने भी इसपर तीव्र बयान किया था।

बायडेन प्रशासन ने ‘एफ-२२ रैप्टर’ विमान भेजकर चीन के स्पाइ बलून को मार गिराया था। लेकिन, देरी से यह कार्रवाई करने के विपक्षी नेता और जनता की बायडेन की कड़ी निंदा की थी। हवाई द्वीपों पर उड़ान भर रहे बलून के विषय में भी बायडेन प्रशासन उसी पुरानी भूमिका में दिख रहा हैं। 

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