विश्व समुदाय धीरे धीरे अमरिकी डॉलर से दूर हो रहा है – अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोषकी प्रमुख का दावा

वॉशिंग्टन – विश्व समुदाय धीरे धीरे अमरिकी डॉलर से दूर जाता दिख रहा है, ऐसा दावा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख क्रिस्तालिना जॉर्जिवा ने किया है। आगे का विश्व सेंट्रीय बैंकों द्वारा विकसित हो रही ‘डिजिटल करेन्सी’ की ओर झुकता दिखाई देगा, ऐसे संकेत भी जॉर्जिवा ने दिए हैं। पिछले कुछ महीनों में वैश्विक आरक्षित मुद्रा के तौर पर अमरिकी डॉलर का बना स्थान कमज़ोर होने की चेतावनियां बार बार दी जा रही हैं। कुछ दिन पहले अमरिकी वित्त मंत्री जैनेट येलेन एवं शीर्ष निवेशक और विश्लेषक रुचिर शर्मा ने भी इस ओर ध्यान आकर्षित किया था।  

अमरिकी डॉलरआरक्षित मुद्रा के तौर पर अमरिकी डॉलर के लिए विकल्प साबित होने वाली मुद्रा के मुद्दे पर पिछल कुछ दशकों से चर्चा शुरू हैं, फिर भी करीबी समय में इस चर्चा को बड़ी गति प्राप्त हुई है। अमरीका ने आर्थिक और व्यापारी युद्ध में डॉलर का हथियार की तरह किया इस्तेमाल और अमरिकी प्रशासन ने डॉलर संबंधित किए गलत निर्णयों की वजह से कई देश धीरे धीरे डॉलर से दूर जाते दिखाई दे रहे हैं। ईरान और रशियन अर्थव्यवस्था पर अमरिका ने लगाए प्रतिबंध और इसके नतीजों के कारण विश्व के अन्य प्रमुख देशों ने भी डॉलर के विषय में आपात योजना बनाने की तैयारी शुरू की है।  

मुद्रा कोष की प्रमुख जॉर्जिवा ने किया बयान इसकी पुष्टि करता है। कैलिफोर्निया के ‘मिल्कन इन्स्टीट्यूट‘ में आयोजित समारोह में जॉर्जिवा ने अमरिकी डॉलर का विकल्प तलाश ने की गतिविधियां शुरू होने की बात कबुल की। लेकिन, साथ ही फिलहाल अमरिकी डॉलर का कोई भी विकल्प नहीं दिख रहा हैं और करीबी समय में भी तैयार होगा, इसके आसार नहीं दिख रहे हैं, यह दावा भी मुद्रा कोश की प्रमुख ने किया।

अमरिकी अर्थव्यवस्था का दायरा और मज़बूती, अमरिकी पूंजी बाज़ार व्यवस्था और डॉलर को लेकर भरोसा निर्माण करने की क्षमता के बलबुते पर अमरिकी डॉलर ने आरक्षित मुद्रा के तौर पर अपना स्थान बरकरार रखा हैं, इसका अहसास मुद्रा कोश की प्रमुख जॉर्जिवा ने कराया। डॉलर का विकल्प तलाशने की तैयारी पर बयान करते हुए उन्होंने ‘डिजिटल करेन्सी’ के मुद्दे पर भी ध्यान आकर्षित किया। विश्व के कई सेंट्रल बैंकों द्वारा विकसित किए जा रहे ‘डिजिटल करेन्सी’ का इस्तेमाल डॉलर के विकल्प में करने का विचार हो सकता है, ऐसा दावा जॉर्जिवा ने किया।

अमरिकी डॉलर के लिए फिलहाल बड़ी स्पर्धा युरो मुद्रा से है। युरो ने कुछ हद तक अमरिकी डॉलर का स्थान हासिल किया है, ऐसा मुद्रा कोश की प्रमुख ने कहा। पौंड, येन और युआन की भूमिका छोटी हैं, यह भी उन्होंने दर्ज़ किया। चीन अपनी युआन मुद्रा को आरक्षित मुद्रा का स्थान दिलाने के लिए कड़ी कोशिश कर रहा हैं। पिछले कुछ सालों में चीन ने अन्य देसों के साथ द्विपक्षीय व्यापार में युआन का काफी इस्तेमाल किया है। कुछ हफ्ते पहले खाड़ी के एक बड़े ईंधन कारोबार में भी युआन का इस्तेमाल किया गया था। साथ ही ‘ब्रिक्स’ गुट स्वतंत्र मुद्रा पेश करने की कोशिश में होने की खबरे भी प्रसिद्ध हुई थी। 

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