अमरीका के साथ पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेन संघर्ष में रशिया के ‘फ्रोजन ऐसेटस्‌‍’ का इस्तेमाल करने की गतिविधियां

वॉशिंग्टन/बर्लिन/मास्को – रशिया-यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी देशों ने रशिया विरोधी प्रतिबंध लगाने का सिलसिला शुरू किया था। रशिया की संपत्ति कुर्क करके युद्ध के लिए आवश्यक निधि रोकना ही इसके पीछे का उद्देश्य होने की बात कही जा रही थी। इसके तहत रशिया की सेंट्रल बैंक ने विदेश में रखी हुई राशि और अन्य संपत्ति के कुल ३०० अरब डॉलर्स कुर्क किए गए थे। अब इस संपत्ति का इस्तेमाल यूक्रेन संघर्ष के लिए करने की गतिविधियां शुरू हुई हैं। जर्मनी और अमरीका ने इसके लिए पहल की है और अन्य देशों पर दबाव बनाने की बात सामने आ रही है।

जर्मनी की विदेश मंत्री एलैलेना बेअरबॉक ने रशिया की कुर्क की हुई संपत्ति का इस्तेमाल करने का प्रस्ताव मंजूर करने का वृत्त है। यूरोपिय महासंघ की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने भी इसकी तैयारी दर्शायी है और महासंघ कानूनी राह तलाश रहा है, ऐसा बयान किया है। इसी बीच अमरिकी संसद में इस मुद्दे से संबंधित कानून बनाने की तैयारी हो रही है और अमरिकी सिनेट ने एक विधेयक को मंजूरी दी है।

दूसरी ओर भारी मात्रा में रशियन संपत्ति रखने वाले स्वित्ज़र्लैण्ड जैसे देश पर दबाव बनाने की कोशिश शुरू हुई है। अमरीका और स्वित्ज़र्लैण्ड के अधिकारियों की विभिन्न बैठकों में अमरीका ने यह मुद्दा उठाने का वृत्त स्थानीय माध्यमों ने दिया है। स्वित्ज़र्लैण्ड में रशिया के ‘फ्रोजन ऐसेटस्‌‍’ में से आठ अरब डॉलर्स एवं १५ संपत्ति होने की बात कही जा रही है। साथ ही विभिन्न स्विस बैंकों में रशियन नागरिकों के तकरीबन २०० अरब डॉलर्स जमा होने का दावा किया जा रहा है।

अंतरराष्ट्रीय कानून एवं नियमों के अनुसार रशिया की कुर्क संपत्ति का इस्तेमाल करना अवैध होगा। लेकिन, विशेष कानून और अपवाद का इस्तेमाल करके रशिया की अरबों डॉलर्स की संपत्ति यूक्रेन के नाम से हज़म करने के लिए पश्चिमी देशों की कोशिश जारी होने की बात नई गतिविधियों से दिख रही है।

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