रशिया के ईंधन क्षेत्र पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर युरोपीय महासंघ में तीव्र मतभेद

ब्रुसेल्स/मॉस्को- रशिया पर एक के बाद एक प्रतिबंध लगानेवाले युरोपीय देशों में इंधन के मुद्दे पर तीव्र मतभेद निर्माण होने की बात सामने आई है। जर्मनी, नेदरलॅण्डस् तथा हंगेरी इन देशों ने रशिया से ईंधन आयात करने पर प्रतिबंध लगाने के लिए तीव्र विरोध दर्शाया है। युरोपीय महासंघ के कुछ देश एक दिन में रशिया की इंधन आयात को रोक नहीं सकते, इन शब्दों में जर्मनी की विदेश मंत्री अ‍ॅनालेना बेअरबॉक ने जर्मनी की भूमिका स्पष्ट की। वहीं, हंगेरी की इंधन सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी, ऐसे किसी भी प्रतिबंधों को हम मान्यता नहीं देंगे, ऐसा हंगेरी के विदेश मंत्री ने डटकर कहा है।

रशिया के ईंधन क्षेत्र पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर युरोपीय महासंघ में तीव्र मतभेदकुछ दिन पहले अमरीका और ब्रिटेन ने रशिया की ईंधन आयात पर पाबंदी लगाने का ऐलान किया था। रशियन अर्थव्यवस्था की नींव तोड़ने के लिए यह फैसला महत्वपूर्ण होने का समर्थन इन देशों ने किया था। रशिया के अन्य क्षेत्रों पर लगाए प्रतिबंधों के मामले में अमरीका को समर्थन देनेवाले युरोपीय महासंघ ने इस मुद्दे पर समर्थन नहीं दिया था। युरोपीय देश रशिया की ईंधन आयात पर निर्भर होकर, उसके लिए अभी तक विकल्प प्राप्त नहीं हुआ है, ऐसा स्पष्ट मत जर्मनी ने रखा था।

युरोप के देशों में आयात होनेवाले इंधन में से 30 प्रतिशत से अधिक इंधन रशिया से आता है। इसमें नैसर्गिक ईंधन वायु तथा कच्चे तेल का भी समावेश है। रशिया के ईंधन क्षेत्र पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर युरोपीय महासंघ में तीव्र मतभेदरशिया को विकल्प देने के लिए अमरीका ने युरोप को ईंधन की सप्लाई करने के संदर्भ में कतार, युएई, अल्जेरिया और अझरबैजान इन देशों से संपर्क किया था। लेकिन युरोपीय देशों को ईंधन की सप्लाई करने के लिए रशिया को छोड़कर अन्य कोई भी व्यवहार्य विकल्प नहीं हो सकता, ऐसा इन देशों ने अमरीका को स्पष्ट रूप से बताया होने का दावा माध्यमों ने किया है। साथ ही, कोयला तथा परमाणु ऊर्जा ये ऊर्जा के अन्य स्रोत हैं। लेकिन पर्यावरण और सुरक्षा के मुद्दे पर उन्हें युरोपीय देशों से विरोध हो रहा है।

लेकिन युद्ध की बढ़ती तीव्रता की पृष्ठभूमि पर कुछ देशों ने फिर एक बार रशिया के ईंधन क्षेत्र पर प्रतिबंध तथा पाबंदी लगाने का मुद्दा आगे करने की शुरुआत की है। इसमें पोलैंड समेत बाल्टिक देश अग्रसर हैं। रशिया के ईंधन क्षेत्र पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर युरोपीय महासंघ में तीव्र मतभेदउसे जर्मनी, नेदरलॅण्ड्स और हंगेरी जैसे देशों ने तीव्र विरोध दर्शाया है। इंधन की सप्लाई यह तांत्रिक अथवा विचारधारा से जुड़ा मुद्दा नहीं है, उसका संबंध नगद व्यवहार से है, इन शब्दों में हंगेरी के विदेश मंत्री पीटर झिजार्तो ने सुनाया है। युरोपीय संघ के विदेश प्रमुख जोसेप बोरेल ने इस मुद्दे पर मतभेद होने की कबुली भी दी होकर, नज़दीकी समय में उस पर फ़ैसला होना मुश्किल है ऐसा बताया है।

कुछ दिन पहले रशिया ने भी युरोपीय देशों को, ईंधन आयात पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर कड़ी चेतावनी दी थी। ऐसे प्रतिबंध के फैसले का सर्वाधिक और ज़बरदस्त झटका युरोप के देशों को ही सहना पड़ेगा और अमरीका को उससे फ़र्क नहीं पड़ेगा , ऐसा रशियन अधिकारियों ने जताया था।

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