यूक्रैन युद्ध के कारण लगाए गए प्रतिबंधों की पृष्ठभूमि पर रशिया ने जापान के साथ शांतिवार्ता रद की

मास्को/टोकियो – रशिया के यूक्रैन पर हमलों के बाद पश्‍चिमी देशों ने रशिया के खिलाफ जोरदार प्रतिबंध लगाए हैं| इन प्रतिबंधों की कार्रवाई में जापान भी शामिल हुआ है और जापान सरकार ने रशियन कंपनियॉं, उद्यमी एवं अफसरों को लक्ष्य किया है| जापान की इस एकतरफा कार्रवाई पर रशिया ने तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ की है| रशिया ने दूसरे विश्‍वयुद्ध के विवाद का हल निकालने के लिए जापान के साथ शुरू की हुई शांतिवार्ता रद करने का ऐलान किया है| तथा, जापान और रशिया के बीच स्थित चार द्विपों के लिए जापान को प्रदान की हुई रियायत भी हटाई है| रशिया के इस निर्णय पर जापान ने नाराज़गी जताई है और रशिया के राजदूत को समन्स थमाकर निषेध भी दर्ज़ किया है|

russia-japan-peace-talks-cancelled-2यूक्रैन संघर्ष के मुद्दे पर जापान ने द्वेष की भावना से रशिया पर एकतरफा प्रतिबंध लगाए हैं| इस निर्णय की वजह से रशिया को इसके आगे जापान के साथ शांतिवार्ता जारी रखने की इच्छा नहीं है| तथा जापानी नागरिकों के लिए मुहैया की हुई वीसा-फ्री सुविधा भी रद की जा रही है’, इन शब्दों में रशिया के विदेश मंत्रालय ने अपने निर्णय का ऐलान किया| जापान और रशिया के द्विपक्षीय संबंध, सहयोग एवं हितों को नुकसान पहुँचा रहे हैं और इसके लिए पूरी तरह से जापान ही ज़िम्मेदार है, ऐसी आलोचना भी रशियन विदेश मंत्रालय ने की है|

शांतिवार्ता रद करने के अलावा ‘सदर्न कुरिल आयलैण्ड’ क्षेत्र में जापान के आर्थिक सहयोग के प्रकल्प भी बंद किए जाएँगे| ‘ब्लैक सी इकॉनॉमिक को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन’ में जापान को भागीदार देश का दिया गया दर्जा भी नामंजूर किया जाएगा, ऐसा रशिया ने कहा| रशिया के इन निर्णयों पर जापान ने नाराज़गी व्यक्त की है| मंगलवार को जापान ने रशिया के राजदूत को समन्स थमाए| जापान के विदेश मंत्रालय ने राजदूत के सामने तीव्र शब्दों में निषेध दर्ज़ किया, यह जानकारी जापान के माध्यमों ने प्रदान की है| जापान के वरिष्ठ अधिकारी हिरोकाजु मात्सुनो ने भी रशिया के निर्णय की तीव्र आलोचना की|

russia-japan-peace-talks-cancelled-1रशिया और जापान के बीच दूसरे विश्‍वयुद्ध के बाद अधिकृत युद्धविराम का समझौता नहीं हुआ है| दोनों देशों के बीच के समुद्री क्षेत्र के चार द्विपों के मालिकाना अधिकारों पर विवाद जारी है| इतुरुप, कुनाशिर, शिकोतन और हाबोमाई द्विपों पर सन १९४५ के बाद रशिया का कब्ज़ा है| इससे पहले १९९१ और १९९९ में हुए समझौते के अनुसार जापानी नागरिकों को इन द्विपों की यात्रा करने की अनुमति है|

सन २०१६ में जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिन्ज़ो ऐबे और रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने एक-दूसरे के देश का दौरा किया था| इसके बाद सन २०१८ में दोनों देशों ने फिर से शांतिवार्ता शुरू की थी| रशिया और जापान के विवादित द्विपों के क्षेत्र में संयुक्त प्रकल्प विकसित करने पर भी सहमति हुई थी| यूक्रैन युद्ध की पृष्ठभूमि पर जापान ने पश्‍चिमी देशों का साथ देकर प्रतिबंध लगाए हैं| इसकी वजह से रशिया नाराज़ है और शांतिवार्ता रद करने के अलावा अन्य सहयोग रोकने का भी निर्णय किया है|

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