रशिया के खिलाफ जाने से इन्कार कर रहे भारत पर अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष बायडेन की आलोचना

वॉशिंग्टन – रशिया के यूक्रैन पर हमले का विरोध करने से भारत हिचकिचा रहा है, ऐसा बयान अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने किया है| इसके ज़रिये राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने फिर से भारत को लक्ष्य किया है| रशिया से भारत तकरीबन ३० लाख बैरल्स ईंधन खरीद रहा है और इस पर अमरीका ने नाराज़गी जताई थी| लेकिन, भारत के कई गुना अधिक ईंधन अमरीका के यूरोपिय सहयोगी देश रशिया से आज भी खरीद रहे हैं, इस बात पर भारत ने ध्यान आकर्षित किया था| इसके बाद राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने फिर से भारत पर बयान किया है|

biden-criticise-indiaसंयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद एवं आम सभा में भी यूक्रैन पर हमला करनेवाली रशिया के खिलाफ भारत ने वोट नहीं किया था| इस मुद्दे पर भारत ने तटस्थ भूमिका अपनाई है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसका प्रभाव दिखाई दिया था| यूएई, बांगलादेश एवं पाकिस्तान ने भी इस मसले पर तटस्थ भूमिका अपनाई थी| इसलिए बायडेन प्रशासन बेचैन हुआ था| इस मुद्दे पर अमरीका भारत से चर्चा कर रही है, यह जानकारी अमरीका के विदेश मंत्रालय ने साझा की थी| लेकिन, वास्तव में यह चर्चा भारत पर दबाव ड़ालने की विभिन्न कोशिशें थीं| लेकिन, भारत ने इसकी परवाह नहीं की|

इतना ही नहीं, बल्कि रशिया द्वारा रियायती दाम में ईंधन प्रदान करने का दिया हुआ प्रस्ताव भी भारत ने स्वीकार किया है| इस पर अमरीका की प्रतिक्रिया एक आम बात है| शुरू में इस कारोबार पर नाराज़गी व्यक्त करनेवाली अमरीका ने भारत का यह निर्णय इतिहास में दर्ज़ होगा, यह इशारा दिया था| इसके बाद अमरीका के विदेश विभाग की उपमंत्री विक्टोरिया न्युलैण्ड ने भारत के दौरे पर आई हुई हैं और उन्होंने भारतीय विदेशमंत्री जयशंकर से चर्चा की| इसी बीच अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ने भारत के प्रति किया हुआ बयान ध्यान आकर्षित कर रहा है|

अमरीका के उद्यमियों की बैठक में राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने दावा किया है कि, हम रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन को अच्छी तरह से जानते हैं| साथ ही यूक्रैन पर हमला करने वाले राष्ट्राध्यक्ष पुतिन इस सोच में थे कि, यूक्रैन मुद्दे पर नाटो में दरार निर्माण होगी, ऐसा बायडेन ने कहा| लेकिन, नाटो ने उनका अनुमान गलत साबित किया और नाटो इस मुद्दे पर पुतिन के खिलाफ ड़टकर खड़ी होने की बात बायडेन ने कही| तथा क्वाड में भारत के अलावा जापान और ऑस्ट्रेलिया भी रशिया के खिलाफ आक्रामक भूमिका अपना रहे हैं, ऐसा कहकर बायडेन ने भारत को लक्ष्य किया|

रशिया ने यूक्रैन पर किए हमले के खिलाफ भूमिका अपनाने के लिए भारत हिचकिचा रहा है, ऐसा आरोप लगाकर भारत की तटस्थता की नीति कमज़ोरी का प्रतीक होने के संकेत राष्ट्राध्यक्ष बायडेन दे रहे हैं| तो, भारत और क्वाड के एवं अमरीका की मित्रता पर भी बायडेन इस आलोचना के ज़रिये आशंका निर्माण कर रहे हैं| बायडेन प्रशासन ने पहले भी भारत के प्रति इसी तरह की भूमिका अपनाई थी| लेकिन, यूक्रैन मुद्दे पर तटस्थ भूमिका हमारी विदेश नीति का हिस्सा होने का बयान भारत ड़टकर कर रहा है|

तथा, यूक्रैन के मुद्दे पर नाटो के सभी सदस्य देश रशिया के खिलाफ हैं, यह बायडेन का दावा भरोसे के लायक नहीं है| क्योंकि, नाटो के कुछ यूरोपिय सदस्य देशों ने यूक्रैन युद्ध को लेकर अमरीका और नाटो की भूमिका हमें मंजूर ना होने का बयान खुलेआम किया था| तभी, क्वाड के सदस्य जापान और ऑस्ट्रेलिया सुरक्षा के लिए पूरी तरह से अमरीका पर निर्भर हैं| इसी कारण उनकी विदेश नीति की आज़ादी अमरीका की मरजी का हिस्सा है| लेकिन, भारत पर ऐसा बंधन नहीं है और भारत की विदेश नीति सार्वभौम है और भारत समय-समय पर इस बात का अमरीका को अहसास कराता रहता है|

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