रशिया पर लगाए प्रतिबंधों की पृष्ठभूमि पर पश्चिमी देशों को ईंधन का रेशनिंग करना पड़ेगा – ‘आयईए’ के प्रमुख की चेतावनी

पैरिस – रशिया पर लगाए प्रतिबंधों की वजह से साल १९७० के ‘ऑईल क्राइसिस’ से भी ड़रावनी स्थिति निर्माण हुई है। आनेवाले समय में अमरीका और यूरोपिय देशों में ईंधन की राशनिंग करना पड़ सकता हैं, ऐसी चेतावनी ‘इंटरनैशनल एनर्जी एजेन्सी’ (आयईए) के प्रमुख फातिह बिरॉल ने दी। साल १९७० में सिर्फ़ कच्चे तेल की किल्लत बनी थी, लेकिन अब कच्चे तेल के साथ नैसर्गिक ईंधन वायु और बिजली की भी समस्या बनी है, इस पर बिरॉल ने ध्यान आकर्षित किया। यूरोपिय महासंघ ने रशिया से कच्चे तेल की आयात करने पर रोक लगाने का निर्णय किया है और इसी बीच यह चेतावनी सामने आयी है।

ईंधन का रेशनिंगपिछले साल कोरोना के संकट से वैश्विक अर्थव्यवस्था उभर रही थी तभी, कई देशों में ईंधन और ऊर्जा की माँग यकायक भारी मात्रा में बढ़ी थी। लेकिन, सीमित उत्पादन और वैश्विक सप्लाइ चेन में पैदा हुईं बाधाओं की वजह से विश्व के प्रमुख देशों को ‘एनर्जी काइसिस’ का सामना करना पड़ा था। इसमें अमरीका और चीन के साथ यूरोपिय देशों का भी समावेश था। चीन ने ईंधन की आयात बढ़ाकर और अमरीका ने अपने ‘स्ट्रैटेजिक रिज़र्व्ह’ खुले करके ईंधन संकट को कुछ हद तक रोकने का चित्र दिखाया था।

ईंधन का रेशनिंगलेकिन, यूरोपिय देशों में ईंधन और ऊर्जा क्षेत्र का संकट पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है, बल्कि यूक्रेन युद्ध ने इसे अधिक बढ़ाया दिख रहा है। यूरोपिय देशों के ऊर्जा निर्माण में नैसर्गिक ईंधन वायू, कच्चा तेल और कोयले का हिस्सा ज्यादा है। यूरोपिय देश इन तीनों की रशिया से आयात करते हैं। यूरोप की कुल में से ३० प्रतिशत से भी अधिक माँग रशिया पूरी करता है। यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर यूरोपिय देशों ने रशियन ईंधन पर प्रतिबंध लगाना शुरू किया है और कुछ देशों ने रशिया से हो रही ईंधन वायु की आयात बंद की है। इसी बीच यूरोपिय महासंघ ने यह ऐलान किया है कि इस साल के अन्त तक रशिया से हो रही ईंधन की आयात ९० प्रतिशत कम करेंगे।

ईंधन का रेशनिंगइस पृष्ठभूमि पर ‘आयईए’ के प्रमुख की नई चेतावनी ध्यान आकर्षित करती हैं। फातिह बिरॉल ने मौजूद संकट, साल १९७० के संकट से भी बड़ा होने का दावा करके पश्चिमी देशों की चिंता बढ़ाई है। ‘रशिया यह अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा व्यवस्था की रिड़ है। रशिया वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल और नैसर्गिक ईंधन वायु का सबसे बड़ा निर्यातक है। कोयला निर्यात में भी रशिया प्रमुख देशों में से एक के तौर पर जाना जाता हैं’, इसकी याद बिरॉल ने करायी। मौजूदा प्रतिबंध जारी रहें तो यूरोपिय देशों को जल्द ही ईंधन का राशनिंग करना पड़ेगा, यह चेतावनी भी उन्होंने दी। गरमी की छुट्टियों के समय के मद्देनज़र अमरीका में भी ईंधन की किल्लत बन सकती है, यह दावा भी बिरॉल ने किया।

इसी बीच, रशिया ने डेन्मार्क की नैसर्गिक ईंधन वायु की सप्लाई बंद की है। रुबल के माध्यम से बकाया ना देने के कारण ईंधन सप्लाई बंद करने की बात रशिया ने कही। इससे पहले रशिया ने पोलैण्ड, बल्गेरिया और फिनलैण्ड की ईंधन सप्लाई भी बंद की थी।

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